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'हमारे बच्चों को 5 बजे तक मत पढ़ाइये', अभिभावक जब ऐसा कहेंगे तो 'मिशन दक्ष' कैसे सफल होगा? - ETV bharat news

Mission Daksh In Araria:बिहार में कमजोर बच्चों की स्थिति सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के एसीएस के के पाठक के निर्देश पर मिशन दक्ष की शुरुआत की गई है. इसी बीच अररिया के जोकीहाट का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें अभिभावक शिक्षकों के सामने स्कूल छुट्टी के बावजूद बच्चों को पढ़ने के लिए नाराजगी प्रकट कर रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 6, 2023, 11:05 PM IST

अररिया में वायरल वीडियो.

अररिया: बिहार के सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए मिशन दक्ष की शुरुआत की गई है. इस मिशन के तहत विद्यालय की कक्षाएं समाप्त होने के बाद एक शिक्षक पांच कमजोर बच्चों को विशेष कक्षा दे रहे हैं. यह कक्षाएं 45 मिनट की चल रही है. इसी बीच अररिया के जोकीहाट का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें अभिभावक शिक्षकों से कह रहा कि हमारे बच्चों को पांच बजे तक नहीं पढ़ाइये. जब अभिभावक ही ऐसा कहेंगे तो मिशन दक्ष पर सवाल उठना लाजिमी है.

मिशन दक्ष से अभिभावक नाराज: वीडियो में दिख रहा है कि अभिभावक इस बात से नाराज है कि स्कूल की छुट्टी के बाद भी क्यों उसके बच्चे को पढ़ाया जा रहा है. अभिभावक का कहना है कि ठंड के समय सूर्यास्त जल्दी हो जा रहा है. शाम 5:00 बजे बच्चे छूटेंगे तो बच्चों को सुरक्षित घर कौन पहुंचाएगा. बाइपास पर स्कूल है और शाम में शराब पीकर कोई गाड़ी चलाएगा और उसके सामने बच्चे आ गए तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.

मिशन दक्ष से नाराज शिक्षक भी नाराज: वायरल इस वीडियो में जो शिक्षक का बयान है. उसमें शिक्षक भी मिशन दक्ष से नाराज नजर आ रहे हैं. शिक्षक अभिभावक से कहते हैं कि सरकार कह रही है दक्ष चलाइए तो हमलोग मजबूर हैं और बच्चे को पढ़ाएंगे. बच्चों को सुरक्षित घर ले जाने के लिए शाम 5:00 बजे आप स्कूल लिए और अपने बच्चों को ले जाइए.

अपना काम करेंगे कि बच्चों को लेने रोज स्कूल आएंगे: वायरल वीडियो में शिक्षक को जवाब देते हुए अभिभावक कह रहा कि शाम में अपना काम करेंगे कि वह बच्चे को घर ले‌ जाने के लिए रोज स्कूल आएंगे. इसपर शिक्षक जवाब देता है कि यदि आपको आपत्ति है तो प्रधानाचार्य के पास शिकायत कीजिए और प्रधानाचार्य आज नहीं है कल आइए. वीडियो में भी दिख रहा है कि लगभग 10 से 12 की संख्या में बच्चे पढ़ रहे हैं और दो-चार की संख्या में शिक्षक विवाह मौजूद हैं.

ऐसे शिक्षकों को पढ़ाना अनिवार्य: बच्चों को गणित के अंकों को पहचानना और सामान्य स्तर के जोड़-घटाव, गुणा-भाग करना सिखाया जा रहा है. कुल मिलाकर मिशन दक्ष के तहत बच्चों को वास्तविक अक्षर में साक्षर बनाना है. जो शिक्षक प्रतिदिन 6 कक्षाओं को नहीं पढ़ाते हैं, उनके लिए मिशन दक्ष में पढ़ाना अनिवार्य है. वहीं जो शिक्षक अपने विद्यालय में 6 कक्षाओं को पढ़ाते हैं, उनके लिए यह अनिवार्य नहीं है.

क्या है मिशन दक्ष?: मिशन दक्ष के तहत प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक वर्ग तक के शिक्षकों को कम से कम पांच बच्चों को गोद लेना है. इन गोद लिए बच्चों को शिक्षक विद्यालय की छुट्टी होने के बाद 3:30 बजे से 5:00 बजे के बीच कक्षा में पढ़ाएंगे. एक शिक्षक एक बार में अधिकतम पांच बच्चों को ही पढ़ा सकते हैं. अधिक बच्चों को गोद लेते हैं तो मिशन दक्ष के तहत अधिक कक्षाओं का संचालन करना होगा. अधिकतम पांच बच्चों को इसीलिए रखा गया है कि एक बच्चा पर शिक्षक पूरा समय दे सकें.

मिशन दक्ष का उद्देश्य: दरअसल आए दिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण के क्रम में ऐसा देखने को मिल रहा था कि काफी बच्चे अपनी कक्षा के चैप्टर को पढ़ और लिख नहीं पा रहे हैं. वहीं सामान्य स्तर के जोड़-घटाव में भी परेशानी हो रही है. जिससे सरकारी स्कूल के शैक्षणिक गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे थे. इसी को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर विभाग ने बच्चों का प्रारंभिक ज्ञान दुरुस्त करने के उद्देश्य से मिशन दक्ष की शुरूआत की है.

शिक्षक और प्रधानाचार्य पर होगी कार्रवाई: शिक्षा विभाग के आदेश के अनुरूप मिशन दक्ष के तहत पढ़ने वाले बच्चों की जिला स्तर पर किसी ट्रेनिंग कॉलेज में अप्रैल के महीने में परीक्षा ली जाएगी. यदि कोई बच्चा इसमें फेल होता है तो उन बच्चों को गोद लेने वाले शिक्षक और विद्यालय के प्रधानाचार्य पर विभागीय कार्रवाई होगी.

ये भी पढ़ेंः पटना में मिशन दक्ष के लिए चुने गए 63 हजार बच्चे, विद्यालय खत्म होने के बाद 5-5 बच्चों को गोद लेकर पढ़ाएंगे शिक्षक

अररिया में वायरल वीडियो.

अररिया: बिहार के सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए मिशन दक्ष की शुरुआत की गई है. इस मिशन के तहत विद्यालय की कक्षाएं समाप्त होने के बाद एक शिक्षक पांच कमजोर बच्चों को विशेष कक्षा दे रहे हैं. यह कक्षाएं 45 मिनट की चल रही है. इसी बीच अररिया के जोकीहाट का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें अभिभावक शिक्षकों से कह रहा कि हमारे बच्चों को पांच बजे तक नहीं पढ़ाइये. जब अभिभावक ही ऐसा कहेंगे तो मिशन दक्ष पर सवाल उठना लाजिमी है.

मिशन दक्ष से अभिभावक नाराज: वीडियो में दिख रहा है कि अभिभावक इस बात से नाराज है कि स्कूल की छुट्टी के बाद भी क्यों उसके बच्चे को पढ़ाया जा रहा है. अभिभावक का कहना है कि ठंड के समय सूर्यास्त जल्दी हो जा रहा है. शाम 5:00 बजे बच्चे छूटेंगे तो बच्चों को सुरक्षित घर कौन पहुंचाएगा. बाइपास पर स्कूल है और शाम में शराब पीकर कोई गाड़ी चलाएगा और उसके सामने बच्चे आ गए तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.

मिशन दक्ष से नाराज शिक्षक भी नाराज: वायरल इस वीडियो में जो शिक्षक का बयान है. उसमें शिक्षक भी मिशन दक्ष से नाराज नजर आ रहे हैं. शिक्षक अभिभावक से कहते हैं कि सरकार कह रही है दक्ष चलाइए तो हमलोग मजबूर हैं और बच्चे को पढ़ाएंगे. बच्चों को सुरक्षित घर ले जाने के लिए शाम 5:00 बजे आप स्कूल लिए और अपने बच्चों को ले जाइए.

अपना काम करेंगे कि बच्चों को लेने रोज स्कूल आएंगे: वायरल वीडियो में शिक्षक को जवाब देते हुए अभिभावक कह रहा कि शाम में अपना काम करेंगे कि वह बच्चे को घर ले‌ जाने के लिए रोज स्कूल आएंगे. इसपर शिक्षक जवाब देता है कि यदि आपको आपत्ति है तो प्रधानाचार्य के पास शिकायत कीजिए और प्रधानाचार्य आज नहीं है कल आइए. वीडियो में भी दिख रहा है कि लगभग 10 से 12 की संख्या में बच्चे पढ़ रहे हैं और दो-चार की संख्या में शिक्षक विवाह मौजूद हैं.

ऐसे शिक्षकों को पढ़ाना अनिवार्य: बच्चों को गणित के अंकों को पहचानना और सामान्य स्तर के जोड़-घटाव, गुणा-भाग करना सिखाया जा रहा है. कुल मिलाकर मिशन दक्ष के तहत बच्चों को वास्तविक अक्षर में साक्षर बनाना है. जो शिक्षक प्रतिदिन 6 कक्षाओं को नहीं पढ़ाते हैं, उनके लिए मिशन दक्ष में पढ़ाना अनिवार्य है. वहीं जो शिक्षक अपने विद्यालय में 6 कक्षाओं को पढ़ाते हैं, उनके लिए यह अनिवार्य नहीं है.

क्या है मिशन दक्ष?: मिशन दक्ष के तहत प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक वर्ग तक के शिक्षकों को कम से कम पांच बच्चों को गोद लेना है. इन गोद लिए बच्चों को शिक्षक विद्यालय की छुट्टी होने के बाद 3:30 बजे से 5:00 बजे के बीच कक्षा में पढ़ाएंगे. एक शिक्षक एक बार में अधिकतम पांच बच्चों को ही पढ़ा सकते हैं. अधिक बच्चों को गोद लेते हैं तो मिशन दक्ष के तहत अधिक कक्षाओं का संचालन करना होगा. अधिकतम पांच बच्चों को इसीलिए रखा गया है कि एक बच्चा पर शिक्षक पूरा समय दे सकें.

मिशन दक्ष का उद्देश्य: दरअसल आए दिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण के क्रम में ऐसा देखने को मिल रहा था कि काफी बच्चे अपनी कक्षा के चैप्टर को पढ़ और लिख नहीं पा रहे हैं. वहीं सामान्य स्तर के जोड़-घटाव में भी परेशानी हो रही है. जिससे सरकारी स्कूल के शैक्षणिक गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे थे. इसी को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर विभाग ने बच्चों का प्रारंभिक ज्ञान दुरुस्त करने के उद्देश्य से मिशन दक्ष की शुरूआत की है.

शिक्षक और प्रधानाचार्य पर होगी कार्रवाई: शिक्षा विभाग के आदेश के अनुरूप मिशन दक्ष के तहत पढ़ने वाले बच्चों की जिला स्तर पर किसी ट्रेनिंग कॉलेज में अप्रैल के महीने में परीक्षा ली जाएगी. यदि कोई बच्चा इसमें फेल होता है तो उन बच्चों को गोद लेने वाले शिक्षक और विद्यालय के प्रधानाचार्य पर विभागीय कार्रवाई होगी.

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