अररिया: जिले में चुनावी वर्ष में स्वतंत्रता दिवस के संबोधन अवसर पर मुख्यमंत्री ने नियोजित शिक्षकों का चिरपरिचित मांग सेवा शर्त और ईपीएफ की घोषणा और आनन-फानन में लागू करने के निर्णय से शिक्षकों और शिक्षक संघ के नेताओं में असंतोष देखने को मिल रहा है. जिले में शिक्षकों ने लॉकडाउन और शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए शांतीपूर्ण तरीके से मंत्रीमंडल फैसले का प्रति जलाकर सांकेतिक विरोध दर्ज किया गया.
शिक्षकों ने जताया विरोध
जिले में शिक्षकों ने आनन-फानन में शिक्षक संगठनों से वार्ता किए बगैर घोषित अधूरे सेवाशर्त से वेतनमान के तरह ही टीईटी शिक्षकों के साथ अनदेखी की गई है. माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी टीईटी शिक्षकों को एक्सपर्ट शिक्षक मानते हुए बेहतर वेतनमान और सेवाशर्त देने का सुझाव सरकार को दिया था. टीइटी प्रारम्भिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव राजेश कुमार ने कहा कि उन्होंने हड़ताल समाप्ति के दौरान विभाग और शिक्षक संगठनों के साथ लिखित समझौते के आलोक में सरकार ने शिक्षकों के मूल मांग यथा सहायक शिक्षक का दर्जा, नियमित शिक्षकों की भांति सेवाशर्त, आश्रितों को बिना किसी शर्त के अनुकम्पा का लाभ, नवप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षित वेतन निर्धारण, विसंगति आदि मांगों पर शिक्षक संगठनों से वार्ता किए बगैर नए सेवाशर्त का निर्माण और घोषणा कर दी है. इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि सरकार नियोजित शिक्षकों के प्रति संवेदनहीन है.
सरकार मांगों के प्रति मौन
जिलाध्यक्ष आफताब फिरोज, वरीय उपाध्यक्ष दीनबंधु यादव, जिला संगठन संरक्षक सत्यम कुमार, जिला कोषाध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता, नरपतगंज प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, अररिया प्रखंड अध्यक्ष सुधीर कुमार राय, अररिया प्रखंड सचिव शारिब आलम, फारबिसगंज प्रखंड सचिव मो. गालिब अनवर आदि ने भी सहायक शिक्षक का दर्जा और समान सेवाशर्त की घोषणा न होने पर संयुक्त रूप से नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा की सरकार मांगों की पूर्ति पर मौन धारण की हुई है. नरपतगंज प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा इसका खामियाजा सरकार को आगामी चुनाव में भुगतना पड़ेगा. उच्च न्यायालय पटना में विगत वर्ष नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने संबंधी न्यायादेश पारित हुआ था, लेकिन मूल मांगों को छोड़कर उन मांगो को चतुराई से घोषणा कर दिया गया. उन्होंने कहा की सरकार शीघ्र शिक्षक संगठनों के शीर्ष नेताओं से वार्ता कर सहायक शिक्षक का दर्जा, समान सेवाशर्त आदि मूल मांगों की पूर्ति कर शिक्षकों को सम्मान दें. वहीं उन्होंने कहा कि नियोजित नाम बदल देने मात्र से समस्या का समाधान नहीं होने वाला इसलिए सरकार को शीघ्र शिक्षकों की मूल समस्याओं को समाधान करना चाहिए.
अररिया: सरकार के फैसले से असंतुष्ट टीईटी पास शिक्षकों ने किया प्रदर्शन - अररिया समाचार
टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ (टीपीएसएस) के सदस्यों ने सरकार के माध्यम से घोषित सेवा शर्त की प्रति जलाकर नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया. शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक संगठनों से वार्ता किए बगैर घोषित अधूरे सेवा शर्त से वेतनमान की तरह ही टीईटी शिक्षकों की अनदेखी की गई है.
अररिया: जिले में चुनावी वर्ष में स्वतंत्रता दिवस के संबोधन अवसर पर मुख्यमंत्री ने नियोजित शिक्षकों का चिरपरिचित मांग सेवा शर्त और ईपीएफ की घोषणा और आनन-फानन में लागू करने के निर्णय से शिक्षकों और शिक्षक संघ के नेताओं में असंतोष देखने को मिल रहा है. जिले में शिक्षकों ने लॉकडाउन और शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए शांतीपूर्ण तरीके से मंत्रीमंडल फैसले का प्रति जलाकर सांकेतिक विरोध दर्ज किया गया.
शिक्षकों ने जताया विरोध
जिले में शिक्षकों ने आनन-फानन में शिक्षक संगठनों से वार्ता किए बगैर घोषित अधूरे सेवाशर्त से वेतनमान के तरह ही टीईटी शिक्षकों के साथ अनदेखी की गई है. माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी टीईटी शिक्षकों को एक्सपर्ट शिक्षक मानते हुए बेहतर वेतनमान और सेवाशर्त देने का सुझाव सरकार को दिया था. टीइटी प्रारम्भिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव राजेश कुमार ने कहा कि उन्होंने हड़ताल समाप्ति के दौरान विभाग और शिक्षक संगठनों के साथ लिखित समझौते के आलोक में सरकार ने शिक्षकों के मूल मांग यथा सहायक शिक्षक का दर्जा, नियमित शिक्षकों की भांति सेवाशर्त, आश्रितों को बिना किसी शर्त के अनुकम्पा का लाभ, नवप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षित वेतन निर्धारण, विसंगति आदि मांगों पर शिक्षक संगठनों से वार्ता किए बगैर नए सेवाशर्त का निर्माण और घोषणा कर दी है. इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि सरकार नियोजित शिक्षकों के प्रति संवेदनहीन है.
सरकार मांगों के प्रति मौन
जिलाध्यक्ष आफताब फिरोज, वरीय उपाध्यक्ष दीनबंधु यादव, जिला संगठन संरक्षक सत्यम कुमार, जिला कोषाध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता, नरपतगंज प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, अररिया प्रखंड अध्यक्ष सुधीर कुमार राय, अररिया प्रखंड सचिव शारिब आलम, फारबिसगंज प्रखंड सचिव मो. गालिब अनवर आदि ने भी सहायक शिक्षक का दर्जा और समान सेवाशर्त की घोषणा न होने पर संयुक्त रूप से नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा की सरकार मांगों की पूर्ति पर मौन धारण की हुई है. नरपतगंज प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा इसका खामियाजा सरकार को आगामी चुनाव में भुगतना पड़ेगा. उच्च न्यायालय पटना में विगत वर्ष नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने संबंधी न्यायादेश पारित हुआ था, लेकिन मूल मांगों को छोड़कर उन मांगो को चतुराई से घोषणा कर दिया गया. उन्होंने कहा की सरकार शीघ्र शिक्षक संगठनों के शीर्ष नेताओं से वार्ता कर सहायक शिक्षक का दर्जा, समान सेवाशर्त आदि मूल मांगों की पूर्ति कर शिक्षकों को सम्मान दें. वहीं उन्होंने कहा कि नियोजित नाम बदल देने मात्र से समस्या का समाधान नहीं होने वाला इसलिए सरकार को शीघ्र शिक्षकों की मूल समस्याओं को समाधान करना चाहिए.