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अररिया: जान जोखिम में डालकर ऐसे सड़क पार करने को मजबूर हैं छात्र-छात्राएं - demands for overbridge

ओवरब्रिज नहीं होने से तेज रफ्तार के बीच छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर सड़क पार करने को मजबूर हैं. कई बार घटना घटने के बाद विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

सड़क पार करते बच्चे
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Published : Jun 4, 2019, 4:05 AM IST

अररिया: जिला मुख्यालय से सटे एनएच 57 स्थित महादेव चौक हादसों को न्यौता दे रहा है. यहां कई शिक्षण संस्थान हैं जहां बच्चे पढ़ने आते हैं. लेकिन सड़क पार करने के लिए राष्ट्रीय राज मार्ग कोई ओवरब्रिज नहीं है. ऐसे में आम लोगों से लेकर छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

कई बार छात्र हो चुके हैं दुर्घटना के शिकार
छात्र जान जोखिम में डाल कर ट्यूशन पढ़ने जाने को मजबूर हैं. कई बार लोग और छात्र दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं. पर प्रशासन की नज़र एक बार भी इन जगहों पर नहीं पड़ी है. छोटे-छोटे बच्चे साइकिल लेकर बीच सड़क को पार करते हैं. ऐसे में स्कूल जाने के दौरान अभिभावकों को भी अपने बच्चे की चिंता रहती है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

कई बार हो चुका है ओवरब्रिज के आंदोलन
छात्र बताते हैं कि एनएच पार करते समय 10 मिनट इंतज़ार करना पड़ता है. गाड़ी की रफ़्तार इतनी तेज़ होती है कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है. इससे आम नागरिक को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कुछ समय पहले कई दलों एवं संगठनों के लोग इसके लिए आंदोलन कर चुके हैं. पर इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया.

araria
रोड क्रॉस करते छात्र

सांसद प्रदीप कुमार सिंह का भी चुका है एक्सिडेंट
समाज सेवी जगदीश झा गुड्डू बताते हैं कि इसी जगह पर सांसद प्रदीप कुमार सिंह का एक्सीडेंट हुआ था जिसमें उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया था. इस जगह पर कई ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जहां सैकड़ों बच्चे अपने पढ़ाई करने के लिए गुज़रते हैं. उस रास्ते से लोग न्यायालय, अस्पताल या फ़िर रोज़ मर्रे का सामान खरीदने इसे रास्ते से गुजरते हैं. इसका खामियाजा अररिया शहरवासी उठाने को मजबूर हैं.

अररिया: जिला मुख्यालय से सटे एनएच 57 स्थित महादेव चौक हादसों को न्यौता दे रहा है. यहां कई शिक्षण संस्थान हैं जहां बच्चे पढ़ने आते हैं. लेकिन सड़क पार करने के लिए राष्ट्रीय राज मार्ग कोई ओवरब्रिज नहीं है. ऐसे में आम लोगों से लेकर छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

कई बार छात्र हो चुके हैं दुर्घटना के शिकार
छात्र जान जोखिम में डाल कर ट्यूशन पढ़ने जाने को मजबूर हैं. कई बार लोग और छात्र दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं. पर प्रशासन की नज़र एक बार भी इन जगहों पर नहीं पड़ी है. छोटे-छोटे बच्चे साइकिल लेकर बीच सड़क को पार करते हैं. ऐसे में स्कूल जाने के दौरान अभिभावकों को भी अपने बच्चे की चिंता रहती है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

कई बार हो चुका है ओवरब्रिज के आंदोलन
छात्र बताते हैं कि एनएच पार करते समय 10 मिनट इंतज़ार करना पड़ता है. गाड़ी की रफ़्तार इतनी तेज़ होती है कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है. इससे आम नागरिक को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कुछ समय पहले कई दलों एवं संगठनों के लोग इसके लिए आंदोलन कर चुके हैं. पर इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया.

araria
रोड क्रॉस करते छात्र

सांसद प्रदीप कुमार सिंह का भी चुका है एक्सिडेंट
समाज सेवी जगदीश झा गुड्डू बताते हैं कि इसी जगह पर सांसद प्रदीप कुमार सिंह का एक्सीडेंट हुआ था जिसमें उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया था. इस जगह पर कई ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जहां सैकड़ों बच्चे अपने पढ़ाई करने के लिए गुज़रते हैं. उस रास्ते से लोग न्यायालय, अस्पताल या फ़िर रोज़ मर्रे का सामान खरीदने इसे रास्ते से गुजरते हैं. इसका खामियाजा अररिया शहरवासी उठाने को मजबूर हैं.

Intro:जान जोखिम में डाल ट्यूशन जाने को मजबूर हैं छात्र, कई बार घटना के शिकार हो चुके हैं छात्र एवं आम लोग। छात्रों ने ओवर ब्रिज बनाने का मांग किया। प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान कई बार सामाजिक कार्यकर्ता के दुवारा आंदोलन भी किया जा चुका है। ज़िला मुख्यालय होकर गुजरने वाले मार्ग एनएच 57 महादेव चौक का है मामला।


Body:अररिया ज़िला मुख्यालय एन एच 57 महादेव चौक का है मामला छात्र जान जोखिम में डाल कर ट्यूशन पढ़ने जाने को मजबूर हैं, कई बार लोग और छात्र दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं पर प्रशासन की नज़र एक बार भी इन जगहों पर पड़ा है। छात्र बताते हैं कि अगर हम लोग आगे जाते हैं तो उसमें वक़्त ज़्यादा बीत जाता है और ट्यूशन पहुंचने में देरी हो जाती है और एन एच पार करते वक़्त 10 मिनट इंतज़ार करना पड़ता है। गाड़ी का रफ़्तार इतना तेज़ होता है कि कुछ कहा नहीं जा सकता है। इससे आम नागरिक को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जबकि कुछ वक़्त पहले सभी दल एवं संगठन के लोग इसके लिए आंदोलन कर चुके हैं पर इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है। समाज सेवी जगदीश झा गुड्डू बताते हैं कि इसी जगह पर मौजूदा सांसद प्रदीप कुमार सिंह का एक्सीडेंट हुआ था जिसमें उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया था। बताते हैं कि इस जगह पर कई ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जहां सैकड़ो बच्चे अपने पढ़ाई करने के लिए गुज़रते हैं। उस रास्ते से लोग न्यायालय, अस्पताल या फ़िर रोज़ मर्रे का सामान खरीदने इसे रास्ते से गुजरते हैं। इसका खामियाजा अररिया शहरवासी उठाने को मजबूर हैं।


Conclusion:विसुअल, बाइट स्टूडेंट
बाइट समाजसेवी जगदीश झा गुड्डू
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