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अररिया: अधंविश्वास के चक्कर में गई बच्ची की जान, अस्पताल से नहीं दिया गया शव वाहन - अधंविश्वास

7 वर्षीय बच्ची को सांप ने काट लिया. घटना के बाद परिजन बच्ची का झाड़-फूंक करवाने लगे. लेकिन बाद में बच्ची की हालत खराब देखकर उसे सदर अस्पताल ले गए. वहीं डूयटी पर तैनात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

अररिया के 7 वर्षीय बच्ची को सांप ने काटा हुई मौत
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Published : Sep 10, 2019, 3:33 PM IST

अररिया: जिले में एक 7 वर्षीय बच्ची को सांप ने काट लिया. घटना के बाद परिजन उसे अस्पताल के बजाय झाड़-फूंक करवाने ले गए. इस दौरान बच्ची की हालत गंभीर हो गई. इसके बाद अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने उसे मृत बता दिया. वहीं मृत बच्ची को ले जाने के लिए अस्पताल की ओर से शव वाहन मुहैया नहीं कराया गया. इस कारण मृत बच्ची को ऑटो में ले जाना पड़ा. इससे परिजनों में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है.

झाड़-फूंक के चक्कर में गई बच्ची की जान

अंधविश्वास के चक्कर में गई जान
दरअसल, पूरा मामला जिले के गछलक्ष्मीपुर रहिकपुर ठेलामोहन इलाके का है. जहां एक 7 वर्षीय बच्ची अमरीसशमा को धान के खेत में सांप ने डस लिया. घटना के बाद परिजन बच्ची का झाड़-फूंक करवाने लगे. लेकिन बच्ची की हालत खराब देखकर उसे सदर अस्पताल ले गए. जहां डूयटी पर तैनात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन शव को लेकर घंटों अस्पताल के बाहर खड़े रहे, लेकिन शव ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया.

Araria
ऑटो में ले जाया गया शव

ऑटो में ले जाना पड़ा शव
परिजनों ने बताया कि एंबुलेंस ना मिलने के कारण बच्ची के शव को ऑटो में लेकर जाना पड़ा. इस घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. अस्पताल अधीक्षक डॉ. जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि अस्पताल में एक ही शव वाहन होने के कारण इस तरह की समस्या सामने आ रही है. जल्द ही समस्या को खत्म कर लिया जाएगा.

अररिया: जिले में एक 7 वर्षीय बच्ची को सांप ने काट लिया. घटना के बाद परिजन उसे अस्पताल के बजाय झाड़-फूंक करवाने ले गए. इस दौरान बच्ची की हालत गंभीर हो गई. इसके बाद अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने उसे मृत बता दिया. वहीं मृत बच्ची को ले जाने के लिए अस्पताल की ओर से शव वाहन मुहैया नहीं कराया गया. इस कारण मृत बच्ची को ऑटो में ले जाना पड़ा. इससे परिजनों में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है.

झाड़-फूंक के चक्कर में गई बच्ची की जान

अंधविश्वास के चक्कर में गई जान
दरअसल, पूरा मामला जिले के गछलक्ष्मीपुर रहिकपुर ठेलामोहन इलाके का है. जहां एक 7 वर्षीय बच्ची अमरीसशमा को धान के खेत में सांप ने डस लिया. घटना के बाद परिजन बच्ची का झाड़-फूंक करवाने लगे. लेकिन बच्ची की हालत खराब देखकर उसे सदर अस्पताल ले गए. जहां डूयटी पर तैनात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन शव को लेकर घंटों अस्पताल के बाहर खड़े रहे, लेकिन शव ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया.

Araria
ऑटो में ले जाया गया शव

ऑटो में ले जाना पड़ा शव
परिजनों ने बताया कि एंबुलेंस ना मिलने के कारण बच्ची के शव को ऑटो में लेकर जाना पड़ा. इस घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. अस्पताल अधीक्षक डॉ. जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि अस्पताल में एक ही शव वाहन होने के कारण इस तरह की समस्या सामने आ रही है. जल्द ही समस्या को खत्म कर लिया जाएगा.

Intro: झाड़-फूंक के चक्कर में 7 वर्षीय बच्ची की हो गई मौत । सांप ने डसा था बच्ची को परिजनों ने पहुंचाया अस्पताल । अस्पताल ने नहीं मुहैया कराया गया शव को ले जाने का वाहन, ऑटो में ले गए बच्ची के शव को ।Body: झाड़-फूंक के चक्कर में एक बच्ची की गई जान उस पर से अस्पताल से शव को ले जाने के लिए नहीं मिला वाहन । ऑटो पर रखकर बच्ची के शव को ले गए परिजन । मामला सदर अस्पताल अररिया का है जहां गछलक्ष्मीपुर रहिकपुर ठेलामोहन के एक 7 वर्षीय बच्ची अमरीसशमा को सांप ने डस लिया था उसके बाद ग्रामीणों ने गांव में ही झाड़-फूंक करवाया लेकिन स्थिति बिगड़ने के बाद उसे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने जांच उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया । इसके बाद परिजन शव को लेकर घंटों अस्पताल के बाहर खड़े रहे लेकिन ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से एंबुलेंस नहीं मुहैया कराया गया । अंत में परिजनों ने एक ऑटो पर बच्ची के शव को लादकर गांव लेकर गए । वहीं परिवार के सदस्य ने बताया कि बच्ची खेत में बकरी चराने गई थी तभी किसी सांप ने उसे डस लिया लोगों ने अस्पताल ले जाने के बजाय गांव में ही झाड़-फूंक कराई थी । अब अस्पताल से शव ले जाने के लिए शव वाहन की इंतजार में खड़े हैं कई लोगों को एंबुलेंस की बात कही गई लेकिन नहीं मिलने पर इसे ऑटो पर लेकर जाया जा रहा है । वहीं परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है । अस्पताल के अधीक्षक डॉ जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि अस्पताल में एक ही शव वाहन होने के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न होती है एंबुलेंस आएगा तो उसे मुहैया कराया जाएगा । ज़िले के सबसे बड़े अस्पताल में एक शव वाहन होना काफी अचरज की बात है । सरकार एक तरफ बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने की बात करती है वहीं अररिया के 35 लाख की आबादी वाले इस सदर अस्पताल में एम्बुलेंस की कमी होना अपने आप में प्रशन चिन्ह है ।
बाइट - मोहम्मद रागीब आलम, मृत बच्ची का चाचा।
बाइट - डॉक्टर जितेंद्र प्रसाद, अधीक्षक, सदर अस्पताल अररिया ।Conclusion:
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