अररिया: जिले में अगस्त 2017 में आयी प्रलयंकारी बाढ़ में फारबिसगंज का रिंग बांध ध्वस्त हो गया था. इससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ था. लेकिन अब तक इस बांध की मरम्मत नहीं हुई है. इसकी वजह से बांध के आसपास बसे लोग दहशत के साये में रात गुजारने पर विवश हैं.
लोगों ने हाईवे पर ले रखी है शरण
जिले के फारबिसगंज अनुमंडल स्थित रमई गांव में ईटीवी भारत की टीम ने बाढ़ से ग्रसित लोगों की परेशानियां जानी. इस गांव ने साल 2017 में आयी भीषण बाढ़ का सामना किया था. इससे भारी जानमाल की क्षति भी हुई थी. परमान नदी के सटे इस बांध के आसपास रहने वाले लोगों की सैकड़ों एकड़ फसल भी बर्बाद हो गया है. लोग जान बचाने के लिए मवेशी के साथ हाईवे पर शरण ले रखे हैं.
2017 में कई लोगों की गई थी जान
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल बाढ़ आती है. 2017 में भी रिंग बांध टूट जाने से आई बाढ़ में कई लोगों ने जान गंवाई थी. बांध मरम्मती का निर्देश भी दिया गया. लेकिन आज तक बांध नहीं बन पायी है.
जिलाधिकारी ने दिए बांध मरम्मती के निर्देश
इस बार आई बाढ़ ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन लगाना भी कठिन है. दो दिन पहले ही जिलाधिकारी ने बांध का मुआयना कर मरम्मत कराने का निर्देश दिया था. बाढ़ जिला आपदा पदाधिकारी शम्भू कुमार ने बताया कि बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है.