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2017 में टूटे बांध की अब तक नहीं हुई मरम्मत, दहशत में ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि हर साल बाढ़ आती है. 2017 में भी रिंग बांध टूट जाने से आई बाढ़ में कई लोगों ने जान गंवाई थी. बांध मरम्मती का निर्देश भी दिया गया. लेकिन आज तक बांध नहीं बन पायी है.

फारबिसगंज में रिंग बांध का मरम्मत नहीं होने से दहशत में लोग
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Published : Jul 24, 2019, 9:44 AM IST

अररिया: जिले में अगस्त 2017 में आयी प्रलयंकारी बाढ़ में फारबिसगंज का रिंग बांध ध्वस्त हो गया था. इससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ था. लेकिन अब तक इस बांध की मरम्मत नहीं हुई है. इसकी वजह से बांध के आसपास बसे लोग दहशत के साये में रात गुजारने पर विवश हैं.

araria
बाढ़ से डरे सहमें ग्रामीण

लोगों ने हाईवे पर ले रखी है शरण
जिले के फारबिसगंज अनुमंडल स्थित रमई गांव में ईटीवी भारत की टीम ने बाढ़ से ग्रसित लोगों की परेशानियां जानी. इस गांव ने साल 2017 में आयी भीषण बाढ़ का सामना किया था. इससे भारी जानमाल की क्षति भी हुई थी. परमान नदी के सटे इस बांध के आसपास रहने वाले लोगों की सैकड़ों एकड़ फसल भी बर्बाद हो गया है. लोग जान बचाने के लिए मवेशी के साथ हाईवे पर शरण ले रखे हैं.

araria
स्थानीय ग्रामीण

2017 में कई लोगों की गई थी जान
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल बाढ़ आती है. 2017 में भी रिंग बांध टूट जाने से आई बाढ़ में कई लोगों ने जान गंवाई थी. बांध मरम्मती का निर्देश भी दिया गया. लेकिन आज तक बांध नहीं बन पायी है.

फारबिसगंज रिंग बांध से प्रभावित लो

जिलाधिकारी ने दिए बांध मरम्मती के निर्देश
इस बार आई बाढ़ ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन लगाना भी कठिन है. दो दिन पहले ही जिलाधिकारी ने बांध का मुआयना कर मरम्मत कराने का निर्देश दिया था. बाढ़ जिला आपदा पदाधिकारी शम्भू कुमार ने बताया कि बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है.

अररिया: जिले में अगस्त 2017 में आयी प्रलयंकारी बाढ़ में फारबिसगंज का रिंग बांध ध्वस्त हो गया था. इससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ था. लेकिन अब तक इस बांध की मरम्मत नहीं हुई है. इसकी वजह से बांध के आसपास बसे लोग दहशत के साये में रात गुजारने पर विवश हैं.

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बाढ़ से डरे सहमें ग्रामीण

लोगों ने हाईवे पर ले रखी है शरण
जिले के फारबिसगंज अनुमंडल स्थित रमई गांव में ईटीवी भारत की टीम ने बाढ़ से ग्रसित लोगों की परेशानियां जानी. इस गांव ने साल 2017 में आयी भीषण बाढ़ का सामना किया था. इससे भारी जानमाल की क्षति भी हुई थी. परमान नदी के सटे इस बांध के आसपास रहने वाले लोगों की सैकड़ों एकड़ फसल भी बर्बाद हो गया है. लोग जान बचाने के लिए मवेशी के साथ हाईवे पर शरण ले रखे हैं.

araria
स्थानीय ग्रामीण

2017 में कई लोगों की गई थी जान
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल बाढ़ आती है. 2017 में भी रिंग बांध टूट जाने से आई बाढ़ में कई लोगों ने जान गंवाई थी. बांध मरम्मती का निर्देश भी दिया गया. लेकिन आज तक बांध नहीं बन पायी है.

फारबिसगंज रिंग बांध से प्रभावित लो

जिलाधिकारी ने दिए बांध मरम्मती के निर्देश
इस बार आई बाढ़ ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन लगाना भी कठिन है. दो दिन पहले ही जिलाधिकारी ने बांध का मुआयना कर मरम्मत कराने का निर्देश दिया था. बाढ़ जिला आपदा पदाधिकारी शम्भू कुमार ने बताया कि बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है.

Intro:अगस्त 2017 में आए प्रलयकारी बाढ़ ने रिंग बांध को धुवस्त कर दिया था जिसके बाद सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गया था और काफ़ी ज़्यादा जाल माल का नुकसान हुआ था। जिसका भरपाई आज तक नहीं हो सका है। प्रशासन मंत्री जनप्रतिनिधि बांध के मरम्मत करने का आश्वासन दे लौट जाते हैं फ़िर वैसे का वैसे ही रहता है। जब फ़िर बाढ़ आता है तो बनवाने का आश्वासन दिया जाता है। ये बांध परमान नदी से सटा हुआ है जिसके ज़द में आने से सैकड़ों एकड़ में किसानों का फ़सल इस बार फिर नुकसान हुआ और जान बचाने के लिए मवेशी के साथ हाईवे पर शरण लिया।


Body:बिहार में बाढ़ का क़हर जारी है ऐसे में इस वक़्त Etv Bharat की टीम अररिया ज़िले के फारबिसगंज अनुमंडल स्थित रमई गांव में आए हैं। जिसका ज़मीनी हक़ीक़त क्या कहता है वो आप यहां के लोगों और इस दृश्य को देख कर समझ सकते हैं। यह ज़िला हर साल बाढ़ की चपेट में आता है जिससे जान माल के साथ साथ कई चीज़ें बर्बाद हो जाती है पर कोई इनका सुध लेने नहीं जाता है। यहां के लोग बताते हैं कि रिंग बांध के टूट जाने से कई ज़िन्दगी 2017 के बाढ़ में तबाह हो गई। इस बांध के टूट जाने से सैकड़ों घर बह गए। बाढ़ के बाद इसे मरम्मत करने का निर्देश दिया गया पर आज तक नहीं बन सका है। 2019 में आए बाढ़ ने एक बार फ़िर लोगों के लिए मुश्किलें खड़ा कर दिया है। इस बार भी काफ़ी ज़्यादा जान माल का नुकसान हुआ है जिसका आंकलन कर पाना मुश्किल हो रहा है। दो दिन पहले ज़िला पदाधिकारी बांध को देखकर मरम्मत कराने का निर्देश दिया है। हांलाकि बाढ़ आने से पहले ज़िला आपदा पदाधिकारी शम्भू कुमार ने बाढ़ से निपटने और सारे बांध को मजबूती से बांध कर तैयार करने का बात कहा था।


Conclusion:संबंधित विसुअल वॉइस ओवर के साथ
ग्रामीणों का बाइट
आपदा पदाधिकारी शम्भू कुमार का बाइट
पीटीसी
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