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अररिया: किसानों के 'चक्का जाम' को वाम दल का समर्थन, कृषि कानून को वापस लेने की मांग

अररिया में वाम दलों ने किसानों के चक्का जाम का समर्थन किया है और सरकार के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकाला. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से कानून को वापस लेने की मांग की है.

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Published : Feb 6, 2021, 3:40 PM IST

अररिया: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. बिहार में भी महागठबंधन के तमाम दल कई जगहों पर उतरकर सड़क जाम कर रहे हैं. इसी कड़ी में अररिया में भी किसानों के समर्थन में वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और नए कृषि कानून को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया.

अररिया में वाम दलों ने किसानों के चक्का जाम का समर्थन किया है और सरकार के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकाला. हालांकि, बिहार में ये चक्का जाम 1 घंटे का ही है. इंटरमीडिएट एग्जाम को देखते हुए महागठबंधन के दलों ने बिहार में सिर्फ 1 घंटा तक ही चक्का जाम करने का फैसला लिया है, जिससे परीक्षार्थियों और अभिभावकों को कोई दिक्कत नहीं हो.

ये भी पढ़ें: किसानों के 'चक्का जाम' को महागठबंधन का समर्थन, बिहार में कई जगहों पर सड़क जाम

प्रतिरोध सभा की अगुवाई कर रहे के संगठन के लोगों का कहना है कि सरकार पूंजीपतियों के हक में यह बिल लेकर आई है, जो सरासर गलत है. अगर इसे वापस नहीं लिया गया, तो आने वाले चुनाव में भी इसका परिणाम साफ नजर आएगा.

अररिया: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. बिहार में भी महागठबंधन के तमाम दल कई जगहों पर उतरकर सड़क जाम कर रहे हैं. इसी कड़ी में अररिया में भी किसानों के समर्थन में वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और नए कृषि कानून को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया.

अररिया में वाम दलों ने किसानों के चक्का जाम का समर्थन किया है और सरकार के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकाला. हालांकि, बिहार में ये चक्का जाम 1 घंटे का ही है. इंटरमीडिएट एग्जाम को देखते हुए महागठबंधन के दलों ने बिहार में सिर्फ 1 घंटा तक ही चक्का जाम करने का फैसला लिया है, जिससे परीक्षार्थियों और अभिभावकों को कोई दिक्कत नहीं हो.

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प्रतिरोध सभा की अगुवाई कर रहे के संगठन के लोगों का कहना है कि सरकार पूंजीपतियों के हक में यह बिल लेकर आई है, जो सरासर गलत है. अगर इसे वापस नहीं लिया गया, तो आने वाले चुनाव में भी इसका परिणाम साफ नजर आएगा.

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