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अररिया में CAA, NRC और NPR के खिलाफ महिलाओं ने भी खोला मोर्चा, सरकार के खिलाफ लगाए नारे

जिले में लगातार हो रहे एनपीआर, एनआरसी और सीएए के विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को कई सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवियों ने जानकारी दी. इस बारे में लोगों को समझाया भी गया कि यह है क्या? इससे हम सभी को क्या फायदा और नुकसान होगा?

अररिया
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Published : Jan 13, 2020, 9:50 PM IST

अररिया: जिले में एनपीआर, एनआरसी और सीएए के खिलाफ महिलाओं ने भी मोर्चा खोल दिया है. वो केंद्र सरकार को चुनौती देने के लिए सड़कों पर उतर रही है. वहीं, कई प्रखंड और पंचायतों के हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरूष सड़क पर निकलकर सरकार के विरोध में नारे लगाए. लोगों ने देश बचाओ संविधान बचाओ का नारा लगाते हुए सरकार से सीएए और एनआरसी वापस लेने की मांग की.

अररिया
सरकार के विरोध में नारे लगाती महिलाएं

इस विरोध प्रदर्शन में शामिल प्रोटेस्टर काशिफा नवाज ने कहा कि हम सरकार ये यही चाहते हैं कि पॉलिटिकली किसी चीज को ऐसे इनवॉल्व ना करेंगे कि देश की जनता आपस में ही ना लड़ ले. उसने सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की. साथ ही उसने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारा देश डेवलप्ड कंट्री बने डेवलपिंग कंट्री के रूप में ना रहे.

पेश है रिपोर्ट

लोगों को सीएए के बारे में बताया गया
बता दें कि जिले
में लगातार हो रहे एनपीआर, एनआरसी और सीएए के विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को कई सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवियों ने जानकारी दिया. इस बारे में लोगों को समझाया भी गया कि यह है क्या? इससे हम सभी को क्या फायदा और नुकसान होगा?

अररिया: जिले में एनपीआर, एनआरसी और सीएए के खिलाफ महिलाओं ने भी मोर्चा खोल दिया है. वो केंद्र सरकार को चुनौती देने के लिए सड़कों पर उतर रही है. वहीं, कई प्रखंड और पंचायतों के हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरूष सड़क पर निकलकर सरकार के विरोध में नारे लगाए. लोगों ने देश बचाओ संविधान बचाओ का नारा लगाते हुए सरकार से सीएए और एनआरसी वापस लेने की मांग की.

अररिया
सरकार के विरोध में नारे लगाती महिलाएं

इस विरोध प्रदर्शन में शामिल प्रोटेस्टर काशिफा नवाज ने कहा कि हम सरकार ये यही चाहते हैं कि पॉलिटिकली किसी चीज को ऐसे इनवॉल्व ना करेंगे कि देश की जनता आपस में ही ना लड़ ले. उसने सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की. साथ ही उसने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारा देश डेवलप्ड कंट्री बने डेवलपिंग कंट्री के रूप में ना रहे.

पेश है रिपोर्ट

लोगों को सीएए के बारे में बताया गया
बता दें कि जिले
में लगातार हो रहे एनपीआर, एनआरसी और सीएए के विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को कई सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवियों ने जानकारी दिया. इस बारे में लोगों को समझाया भी गया कि यह है क्या? इससे हम सभी को क्या फायदा और नुकसान होगा?

Intro:एनपीआर, एनआरसी व सीएए के खिलाफ महिलाओं ने भी खोला मोर्चा केंद्र सरकार को दी चुनौती सड़कों पर उतरी। हज़ारों की संख्या में महिलाएं व पुरूष सड़क पर निकल देश बचाओ संविधान बचाओ का नारा दे सरकार से बिल वापस लेने का मांग किया नहीं अनिश्चितकालीन धरना व विरोध प्रदर्शन चलता रहेगा। बड़े बच्चे बूढ़े जवान सब लोग शामिल हुए इस प्रदर्शन में यह नज़ारा मानो किसी चुनावी सभा या फ़िर कोई धार्मिक पूजा चल रहा हो।


Body:अररिया में लगातार हो रहे एनपीआर, एनआरसी व सीएए को विरोध प्रदर्शन ने कड़ाके की ठंडी में भी लोगों का जज़्बा कम ही हुआ है। ज़िले के विभिन्न प्रखंड व पंचायतों से लोग शामिल होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी किया, इस विरोध में हज़ारों की संख्या में महिलाएं, पुरुष व छोटे बच्चे शामिल थे। जिनके हाथ में तरह तरह के स्लोगन लिखा तख़्ती था। यह रैली गांव से निकल टाउन हॉल में एक सभा की शक्ल में तब्दील हो गया, जहां "हम हैं भारत" के बैनर तले सभी लोगों को विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता व बुद्धिजीवियों के दुवारा लोगों को जानकारी दिया गया। इस बारे में लोगों को समझाया भी गया कि यह है क्या? इससे हम सभी को क्या फायदा और नुकसान होगा? साथ ही लोकगीत के माध्यम से भी समझाया गया।


Conclusion:देश के विभिन्न हिस्से में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन ने मध्यम व निचले तबके के लोगों के लिए मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। देखना यह होगा कि क्या सरकार इस विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को कैसे समझते हैं और विरोध प्रदर्शन ख़त्म होगा?
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बाइट स्टूडेंट प्रोटेस्टर काशिफ़ा नवाज़
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