अररिया: विश्व मानसिक स्वस्थ्य दिवस पर सदर अस्पताल अररिया में मेंटल हेल्थ फॉर ऑल ग्रेट इन्वेस्टमेंट थीम पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर सदर अस्पताल अधीक्षक डॉ. जितेंद्र प्रसाद, अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद, डॉ. नवनीत आर नीतू, परामर्शी अविनाश कुमार, अप्पी कुमारी, केअर इंडिया से नीतीश भारती आदि उपस्थिति रहे.
अपनी क्षमताओं का एहसास
परामर्शी अविनाश कुमार ने बताया कि कोविड-19 महामारी के इस दौर में ये आम-जानों के बीच एक चुनौती सी हो गयी है कि वो अपने-आप को मानसिक रूप से कैसे स्वस्थ्य बनाये रखें. उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को परिभाषित करते हुए कहा कि सलामती की एक स्थिति है, जिसमें किसी व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का एहसास रहता है.
सामान्य तनावों का सामना
स्वस्थ्य मानसिक व्यक्ति जीवन के सामान्य तनावों का सामना कर सकता है. लाभकारी और उपयोगी रूप से काम कर सकता है और अपने समाज के प्रति योगदान करने में सक्षम होता है.
मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा
डब्लूएचओ के अनुमान के अनुसार वर्ष 2020 तक भारत की लगभग 20 प्रतिशत आबादी मानसिक रोगों से पीड़ित होगी. मानसिक रोगियों की इतनी बड़ी संख्या के बावजूद भी अब तक भारत में इसे एक रोग के रूप में पहचान नहीं मिल पाई है. आज भी यहां मानसिक स्वास्थ्य की पूर्णतः उपेक्षा की जाती है और इसे काल्पनिक माना जाता है.
स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव
जबकि सच्चाई यह है कि जिस प्रकार शारीरिक रोग हमारे लिये हानिकारक हो सकते हैं, उसी प्रकार मानसिक रोग भी हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं. मानसिक स्वास्थ्य में हमारा भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण शामिल होता है. यह हमारे सोचने, समझने, महसूस करने और कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है.