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NRC पर सियासत जारी, NDA में मतभेद तो RJD ने बताया जनता को बरगलाने की कोशिश - Spokesman Kamal A Haque

जेडीयू का कहना है कि घुसपैठिए केवल बिहार में ही हैं ऐसा नहीं है. घुसपैठिए तो बंगाल में भी हैं, यहां तक की पूरे भारत में हैं. इसलिए किसी को बेवजह परेशान नहीं किया जाए जो भी यहां है, वो यहां के मूल निवासी हैं.

नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
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Published : Sep 12, 2019, 9:24 AM IST

अररिया: असम के बाद बिहार में भी एनआरसी की मांग उठने लगी है. इस मुद्दे को लेकर इन दिनों बिहार की सियासत गरमाई हुई है. एक ओर जहां एनडीए के दलों में ही इसको लेकर अलग राय है. तो वहीं, विपक्ष हमला करने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहा है. बीजेपी नेताओं ने बिहार के सीमावर्ती इलाकों में एनआरसी की जरूरत बताई है. लेकिन, जेडीयू ने इस पर आपत्ति जताई है.

एनआरसी को लेकर अररिया में अफवाहों का बाजार गर्म है. स्थानीय एनडीए के नेताओं में भी मतभेद है. अररिया से बीजेपी के सांसद प्रदीप सिंह का मानना है कि जिस तरह एनआरसी असम में लागू किया गया है, उसी की तर्ज पर बिहार सहित पूरे देश में लागू होना चाहिए. उनका मानना है कि सीमांचल के जिले किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में काफी सारे घुसपैठियों ने शरण ले रखी है.

ARARIA
बिहार में एनआरसी

सांसद ने बताई अररिया में एनआरसी की जरूरत
सांसद का कहना है कि सीमावर्ती इलाकों में हजारों ऐसे लोग हैं, जिनके पास किसी भी प्रकार का कोई आधार या पहचान पत्र नहीं है. नतीजतन इसका खामियाजा यहां के मूल निवासी को झेलनी पड़ रही है. उन्हें सरकारी लाभ से वंचित होना पड़ रहा है. तो वहीं, एनडीए गठबंधन में जेडीयू के चुनाव प्रभारी रेशम लाल पासवान ने कहा कि हम अपने पार्टी के स्टैंड के साथ हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

जेडीयू अपने स्टैंड पर कायम
जेडीयू का कहना है कि घुसपैठिए केवल बिहार में ही हैं ऐसा नहीं है. घुसपैठिए तो बंगाल में भी हैं, यहां तक की पूरे भारत में हैं. इसलिए किसी को बेवजह परेशान नहीं किया जाए जो भी यहां है, वो यहां के मूल निवासी हैं. उन्हें कोई नहीं भगा सकता है.

धर्म विशेष का टारगेट कर रही बीजेपी- आरजेडी
इधर, आरजेडी के युवा जिला प्रवक्ता कमाल ए हक ने बताया कि बीजेपी के लोग धर्म विशेष को टारगेट कर रहे हैं. देश की अर्थव्यवस्था, नौजवान बेरोजगार, इंडस्ट्रीज बंद होने की कगार पर है, उन्हें ये नहीं दिख रहा है. वह मुद्दे से भटका रहे हैं. कभी एनआरसी तो कभी तीन तलाक, कभी पाकिस्तान के नाम पर देश को बर्बाद करने पर उतारू हैं. लोगों के अंदर भय का माहौल बनाया जा रहा है.

अररिया: असम के बाद बिहार में भी एनआरसी की मांग उठने लगी है. इस मुद्दे को लेकर इन दिनों बिहार की सियासत गरमाई हुई है. एक ओर जहां एनडीए के दलों में ही इसको लेकर अलग राय है. तो वहीं, विपक्ष हमला करने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहा है. बीजेपी नेताओं ने बिहार के सीमावर्ती इलाकों में एनआरसी की जरूरत बताई है. लेकिन, जेडीयू ने इस पर आपत्ति जताई है.

एनआरसी को लेकर अररिया में अफवाहों का बाजार गर्म है. स्थानीय एनडीए के नेताओं में भी मतभेद है. अररिया से बीजेपी के सांसद प्रदीप सिंह का मानना है कि जिस तरह एनआरसी असम में लागू किया गया है, उसी की तर्ज पर बिहार सहित पूरे देश में लागू होना चाहिए. उनका मानना है कि सीमांचल के जिले किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में काफी सारे घुसपैठियों ने शरण ले रखी है.

ARARIA
बिहार में एनआरसी

सांसद ने बताई अररिया में एनआरसी की जरूरत
सांसद का कहना है कि सीमावर्ती इलाकों में हजारों ऐसे लोग हैं, जिनके पास किसी भी प्रकार का कोई आधार या पहचान पत्र नहीं है. नतीजतन इसका खामियाजा यहां के मूल निवासी को झेलनी पड़ रही है. उन्हें सरकारी लाभ से वंचित होना पड़ रहा है. तो वहीं, एनडीए गठबंधन में जेडीयू के चुनाव प्रभारी रेशम लाल पासवान ने कहा कि हम अपने पार्टी के स्टैंड के साथ हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

जेडीयू अपने स्टैंड पर कायम
जेडीयू का कहना है कि घुसपैठिए केवल बिहार में ही हैं ऐसा नहीं है. घुसपैठिए तो बंगाल में भी हैं, यहां तक की पूरे भारत में हैं. इसलिए किसी को बेवजह परेशान नहीं किया जाए जो भी यहां है, वो यहां के मूल निवासी हैं. उन्हें कोई नहीं भगा सकता है.

धर्म विशेष का टारगेट कर रही बीजेपी- आरजेडी
इधर, आरजेडी के युवा जिला प्रवक्ता कमाल ए हक ने बताया कि बीजेपी के लोग धर्म विशेष को टारगेट कर रहे हैं. देश की अर्थव्यवस्था, नौजवान बेरोजगार, इंडस्ट्रीज बंद होने की कगार पर है, उन्हें ये नहीं दिख रहा है. वह मुद्दे से भटका रहे हैं. कभी एनआरसी तो कभी तीन तलाक, कभी पाकिस्तान के नाम पर देश को बर्बाद करने पर उतारू हैं. लोगों के अंदर भय का माहौल बनाया जा रहा है.

Intro:एनआरसी मुद्दे को लेकर अररिया एनडीए गठबंधन की राय अलग अलग, तो वहीं राजद इन्हें ज़रूरी मुद्दे को हटाकर नाकामी छुपाने की बात बता रहे हैं। बंगाल बॉर्डर खुले होने के वजह घुसबैठिए यहां शरण लिए है। इस मुद्दे पर आज ज़िले के एनडीए गठबंधन में बीजेपी, जदयू व राजद के नुमाइंदे से Etv भारत संवाददाता ने बात किया।


Body:अररिया में इन दिनों एनआरसी मुद्दे को लेकर राजनीतिक सरगर्मी फ़िर से तेज़ होने लगी है। सभी दलों ने इस पर अलग अलग राय रखा है। अररिया से बीजेपी के सांसद प्रदीप सिंह का मानना है कि जिस तरह एनआरसी असम में लागू किया गया है उसी की तर्ज़ पर बिहार सहित पूरे देश में लागू होना चाहिए। उनका मानना है कि सीमांचल का यह चारो ज़िला विशेष कर किशनगंज, अररिया, पुर्णिया व कटिहार में काफ़ी सारे घुसपैठए शरण ले रखा है जिसके पास किसी भी प्रकार का कोई आधार पहचान यहां का नहीं है। जिसका खामियाजा यहां के मूल्य निवासी को झेलना पड़ रहा है उसे सरकारी लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। तो वहीं एनडीए गठबंधन में जदयू के चुनाव प्रभारी रेशम लाल पासवान ने कहा कि हम अपने पार्टी के स्टैंड के साथ हैं साथ ही बिहार में ऐसा नहीं है बंगाल में हो सकता है। इसलिए किसी को बेवजह परेशान नहीं किया जाए जो भी यहां हैं वो यहां के मूल निवासी हैं। तो विपक्ष में राजद से युवा ज़िला प्रवक्ता कमाल ए हक़ ने बताया कि बीजेपी के लोग धर्म विशेष को टारगेट कर रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था, नौजवान बेरोजगार, इंडस्ट्रीज बंद होने के कगार पर है उन सब मुद्दे से अलग कर एनआरसी तो कभी तीन तलाक़, पाकिस्तान के नाम पर देश को बर्बाद करने पर उतारू हैं। लोगों के अंदर इस तरह से भय का माहौल बनाया जा रहा है। आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता इसका जवाब ज़रूर देगी।


Conclusion:संबंधित विसुअल वॉइस ओवर के साथ
बाइट बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह
बाइट जदयू निर्वाचन पदाधिकारी रेशम लाल पासवान
बाइट ज़िला राजद के युवा प्रवक्ता कमाल ए हक़
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