अररिया: सूबे के 9 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. बाढ़ के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब-तक 5 लाख लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. 13 लोग अपनी जान गवां बैठे हैं. बाढ़ से प्रभावित लोग अपने-अपने घर को छोड़कर उंची जगहों पर शरण लिये हुए हैं. वहीं, जिले में आई बाढ़ के कारण पीड़ितों ने एनएच 57 पर अपना आशियाना बना लिया है. ये लोग दो दिनों से भूखे हैं. जिला प्रशासन या स्थानीय प्रतिनिधि इन लोगों की सुध लेने नहीं पहुंचे हैं.
बाढ़ प्रभावित लोगों की शिकायत है कि जिला प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है. हमलोग यहां दो दिनों से भूखे-प्यासे हैं. कोई भी सरकारी पदाधिकारी या नेता सुध लेने नहीं पहुंचे हैं. हमारे पास ना पीने का पानी है, ना ही खाने का कुछ सामान. बाढ़ के बारे में बताते हुए लोगों ने कहा कि बाढ़ के कारण लोगों के घर में 4 फीट तक पानी घुस गया है. घर का सारा समान, रूपये-पैसे और यहां तक की जानवर भी पानी में बह गए. किसी तरह से जान बचाकर यहां आए हैं.
नेपाल से अधिक पानी छोड़ा गया
गौरतलब है कि जिले से होकर बहने वाली नदियों का भारी बारिश होने से जलस्तर काफी बढ़ गया था. नेपाल की ओर से क्षमता से अधिक पानी छोड़े जाने से जिले की नदियां और नहरें उफान पर हैं. कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. लोगों को अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थान पर शरण लेने को मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ित सरकारी सहायता की आस लगाये बैठे हैं. बतातें चलें कि ये सभी लोग अररिया जिले के ओम नगर, खरैया बस्ती, जीरो माइल, जहांगीर टोला, ककुड़वा बस्ती, लाली टोला, मारिया टोला, कब्रिस्तान टोला, दुर्गा बाजार और बीड़ी पट्टी के लोग हैं जो कि एनएच पर शरण लिए हुए हैं.