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अररिया में भारी बारिश से जलजमाव की स्थिति, फसलों को भी पहुंच रहा नुकसान

अररिया में बारिश के कारण जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसके साथ ही किसानों को भी परेशानियों सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग ने अगले 23 अक्टूबर तक ऐसी ही स्थिति बने रहने की संभावना जताई है.

्वि
िवन
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Published : Oct 19, 2021, 2:20 PM IST

अररिया: बिहार के अररिया जिले में सोमवार की शाम से लगातार हो रही तेज बारिश ने जहां एक ओर भीषण गर्मी से लोगों को राहत पहुंचाई है, तो वहीं दूसरी ओर शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी है. मूसलाधार बारिश (Heavy Rain In Araria) के कारण शहर के विभिन्न मोहल्लों में जलजमाव (Water Logging In Araria) की समस्या उत्पन्न हो गई है. इसके साथ ही खेतों में लगी धान की फसल और आलू की बोवाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें: राजधानी पटना में बारिश की संभावना, इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी

जिले के आश्रम मोहल्ले की सड़कों के साथ गलियों, कोशी कॉलोनी, रहिकाटोला, आजाद नगर, इस्लामनगर, जहांगीर टोला, मिरटोला, चित्रगुप्त नगर, खरैया बस्ती, जयप्रकाश नगर के कुछ इलाकों में सड़कों पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इस कारण लोगों को आवागमन की समस्या हो रही है. स्थानीय ने बताया कि नगर परिषद के माध्यम से यदि समय-समय पर नालों की सफाई कराई जाती, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती.

ये भी पढ़ें: चक्रवात 'गुलाब' ने बिहार के आठ जिलों की बढ़ाई परेशानी, भारी बारिश के साथ वज्रपात की चेतावनी

वहीं, मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अभी ये स्थिति इसी प्रकार रहेगी. तेज बारिश 23 अक्टूबर तक होने की संभावना जताई जा रही है. पूर्व अनुमान के अनुसार बारिश के साथ तेज हवा चलने की भी अनुमान लगाी जा रही है. इस कारण मौसम में भी तब्दीली के आसार जताए जा रहे हैं.

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार के अनुसार धान की खड़ी फसल को कम लेकिन जिन्होंने फसल को काट कर खेतों में रखा है, उन्हें अधिक नुकसान पहुंचेगा. ज्यादा नमी के कारण बालियों में अंकुर निकल आएगा जो नुकसानदायक साबित होगा. साथ ही 15 अक्टूबर से आलू की खेती शुरू हो गई है, उन्हें भी नुकसान पहुंचेगा.

खेतों की मिट्टी गीली हो जाने के कारण आलू की बोवाई नहीं हो पाएगी. इस कारण पैदावार भी काफी विलंब से होगा. वैज्ञानिक ने बताया कि मौसम विभाग के पूर्व अनुमान के अनुसार अभी 23 अक्टूबर तक 77 एमएम बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. यह बारिश किसानों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.

कई किसानों ने बताया कि कई खेतों में धान के पौधों की कटनी कर ली गई है. लेकिन बारिश के कारण उन्हें उठा कर खलिहानों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है. यदि धान को धूप नहीं लगेगा, तो भारी नुकसान हो जाएगा. बताया कि जिस तरह से बारिश हो रही है उसके छूटने के आसार अभी नजर नहीं आर रहे है. अगर यही स्थिति रही, तो खड़ी फसल को भी काफी नुकसान पहुंचेगा.

अररिया: बिहार के अररिया जिले में सोमवार की शाम से लगातार हो रही तेज बारिश ने जहां एक ओर भीषण गर्मी से लोगों को राहत पहुंचाई है, तो वहीं दूसरी ओर शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी है. मूसलाधार बारिश (Heavy Rain In Araria) के कारण शहर के विभिन्न मोहल्लों में जलजमाव (Water Logging In Araria) की समस्या उत्पन्न हो गई है. इसके साथ ही खेतों में लगी धान की फसल और आलू की बोवाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है.

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जिले के आश्रम मोहल्ले की सड़कों के साथ गलियों, कोशी कॉलोनी, रहिकाटोला, आजाद नगर, इस्लामनगर, जहांगीर टोला, मिरटोला, चित्रगुप्त नगर, खरैया बस्ती, जयप्रकाश नगर के कुछ इलाकों में सड़कों पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इस कारण लोगों को आवागमन की समस्या हो रही है. स्थानीय ने बताया कि नगर परिषद के माध्यम से यदि समय-समय पर नालों की सफाई कराई जाती, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती.

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वहीं, मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अभी ये स्थिति इसी प्रकार रहेगी. तेज बारिश 23 अक्टूबर तक होने की संभावना जताई जा रही है. पूर्व अनुमान के अनुसार बारिश के साथ तेज हवा चलने की भी अनुमान लगाी जा रही है. इस कारण मौसम में भी तब्दीली के आसार जताए जा रहे हैं.

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार के अनुसार धान की खड़ी फसल को कम लेकिन जिन्होंने फसल को काट कर खेतों में रखा है, उन्हें अधिक नुकसान पहुंचेगा. ज्यादा नमी के कारण बालियों में अंकुर निकल आएगा जो नुकसानदायक साबित होगा. साथ ही 15 अक्टूबर से आलू की खेती शुरू हो गई है, उन्हें भी नुकसान पहुंचेगा.

खेतों की मिट्टी गीली हो जाने के कारण आलू की बोवाई नहीं हो पाएगी. इस कारण पैदावार भी काफी विलंब से होगा. वैज्ञानिक ने बताया कि मौसम विभाग के पूर्व अनुमान के अनुसार अभी 23 अक्टूबर तक 77 एमएम बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. यह बारिश किसानों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.

कई किसानों ने बताया कि कई खेतों में धान के पौधों की कटनी कर ली गई है. लेकिन बारिश के कारण उन्हें उठा कर खलिहानों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है. यदि धान को धूप नहीं लगेगा, तो भारी नुकसान हो जाएगा. बताया कि जिस तरह से बारिश हो रही है उसके छूटने के आसार अभी नजर नहीं आर रहे है. अगर यही स्थिति रही, तो खड़ी फसल को भी काफी नुकसान पहुंचेगा.

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