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ग्राउंड रिपोर्ट: अधिकारी बोले- तटबंध की हुई मरम्मत, जबकि सच्चाई कुछ और

साल 2017 के अगस्त माह में आए विनाशकारी बाढ़ ने जमकर तांडव मचाया था.

डीहटी तटबंध
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Published : Jun 14, 2019, 10:31 AM IST

Updated : Jun 14, 2019, 10:49 AM IST

अररिया: बारिश शुरू होते ही बाढ़ से बचने के लिए पलासी के ग्रामीणों ने तटबंधों की मरम्मत कराने की मांग की है. साल 2017 के अगस्त माह में आए विनाशकारी बाढ़ ने जमकर तांडव मचाया था.

विनाशकारी बाढ़ में काफी जान माल का नुकसान हुआ था. बाढ़ पीड़ित किसान और बेघर हुए परिवारों को आज तक इससे राहत नहीं मिल पाया है. इस साल भी बारिश ने जिले में दस्तक दे दी है. बारिश की शुरूआत के बीच बाढ़ प्रभावित इन इलाकों का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम डीहटी तटबंध पहुंची.

डीहटी तटबंध

तटबंध की मरम्मत से नाखुश ग्रामीण
अररिया जिला में 2017 में भयंकर बाढ़ आया था. डीहटी तटबंध, मदनपुर और पलासी के बीच बकरा नदी पर बना है. पिछली बार बाढ़ में बकरा नदी पर बना डीहटी तटबंध उफान के सामने ध्वस्त हो गया था. बाद में इसकी मरम्मत कराई भी गई. लेकिन यहां के ग्रामीण इसके मरम्मत से खुश नहीं हैं. लोगों का कहना है कि इसे हर साल एक बार मजबूत, ऊँचाई तथा चौड़ाई करने की आवश्यकता है. अगर 2017 की तरह बाढ़ का पानी आया तो एक बार फिर भारी तबाही होनी तय है.

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बाढ़ प्रभावित डीहटी तटबंध

अधिकारी की अपनी दलील
हालांकि इस संबंध में आपदा विभाग के पदाधिकारी शम्भू कुमार का कहना है कि जितने भी तटबंध चिन्हित किए गए थे उन सब को ठीक कर लिया गया है. किसी भी परस्थिति से निपटने के लिए सारे इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. जहां एक तरफ अधिकारी अपना दलील पेश कर रहे हैं कि सब कुछ ठीक है. वहीं ईटीवी के कैमरे में कैद तस्वीर को देख आप खुद स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं. अगर इस बार भी ज्यादा बारिश हुई तो कमजोर बांध उफनते जलस्तर के दवाब को शायद ही झेल पाए.

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आपदा विभाग के पदाधिकारी शम्भू कुमार

अररिया: बारिश शुरू होते ही बाढ़ से बचने के लिए पलासी के ग्रामीणों ने तटबंधों की मरम्मत कराने की मांग की है. साल 2017 के अगस्त माह में आए विनाशकारी बाढ़ ने जमकर तांडव मचाया था.

विनाशकारी बाढ़ में काफी जान माल का नुकसान हुआ था. बाढ़ पीड़ित किसान और बेघर हुए परिवारों को आज तक इससे राहत नहीं मिल पाया है. इस साल भी बारिश ने जिले में दस्तक दे दी है. बारिश की शुरूआत के बीच बाढ़ प्रभावित इन इलाकों का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम डीहटी तटबंध पहुंची.

डीहटी तटबंध

तटबंध की मरम्मत से नाखुश ग्रामीण
अररिया जिला में 2017 में भयंकर बाढ़ आया था. डीहटी तटबंध, मदनपुर और पलासी के बीच बकरा नदी पर बना है. पिछली बार बाढ़ में बकरा नदी पर बना डीहटी तटबंध उफान के सामने ध्वस्त हो गया था. बाद में इसकी मरम्मत कराई भी गई. लेकिन यहां के ग्रामीण इसके मरम्मत से खुश नहीं हैं. लोगों का कहना है कि इसे हर साल एक बार मजबूत, ऊँचाई तथा चौड़ाई करने की आवश्यकता है. अगर 2017 की तरह बाढ़ का पानी आया तो एक बार फिर भारी तबाही होनी तय है.

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बाढ़ प्रभावित डीहटी तटबंध

अधिकारी की अपनी दलील
हालांकि इस संबंध में आपदा विभाग के पदाधिकारी शम्भू कुमार का कहना है कि जितने भी तटबंध चिन्हित किए गए थे उन सब को ठीक कर लिया गया है. किसी भी परस्थिति से निपटने के लिए सारे इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. जहां एक तरफ अधिकारी अपना दलील पेश कर रहे हैं कि सब कुछ ठीक है. वहीं ईटीवी के कैमरे में कैद तस्वीर को देख आप खुद स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं. अगर इस बार भी ज्यादा बारिश हुई तो कमजोर बांध उफनते जलस्तर के दवाब को शायद ही झेल पाए.

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आपदा विभाग के पदाधिकारी शम्भू कुमार
Intro:बारिश शुरू होते ही बाढ़ से बचने के लिए पलासी के ग्रामीणों ने तटबंधों को मर्राम्मत कराने का मांग किया। अगस्त 2017 में आए विनाशकारी बाढ़ ने तांडव मचाया था जिसमें काफ़ी जान माल का नुकसान हुआ था उसकी भरपाई आज तक किसानों या बेघर हुए परिवारों को नहीं मिल सका है। ऐसे में अभी हल्की बारिश की शुरुआत हो चुकी है। जिसका जायज़ा लेने ETV के लिए ज़िला संवादाता डीहटी तटबंध पहुंचे।


Body:अररिया 2017 में आए बाढ़ मदनपुर और पलासी के बीच बकरा नदी पर बना तटबंध है। उस बाढ़ में बकरा नदी पर बना तटबंध उफ़ान को झेल नहीं सका और ध्वस्त हो गया था। जिसे बाद में मरम्मत कराया गया, लेकिन यहां के ग्रामीणों का कहना है कि इसे हर साल एक बार मज़बूत, ऊँचाई तथा चौड़ा करने की ज़रूरत है, अगर 2017 के तरह हुआ एक बार फ़िर भारी तबाही का मंज़र देखने सुनने को मिलेगा। हालांकि इस बारे में जब आपदा विभाग के पदाधिकारी शम्भू कुमार ने बताया कि जितने भी तटबंध चिन्हित किए गए उन सब को ठीक कर लिया गया है। वैसे स्थिति से निपटने के लिए सारे इंतज़ाम भी कर लिए गए हैं। जहां एक ओर अधिकारी अपना दलील पेश कर रहे कि सब कुछ ठीक है वहीं आप इस तस्वीर को देखकर अंदाज़ा लगा सकते हैं कि बारिश ज़्यादा हुई तो कमज़ोर बांध जलस्तर का दवाब भी नहीं झेल पाएगा।


Conclusion:विसुअल तटबंध
बाइट किसान ग्रामीण
पीटीसी
Last Updated : Jun 14, 2019, 10:49 AM IST
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