अररियाः आज पूरा विश्व मजदूर दिवस मना रहा है. मजदूरों की जीवनशैली में सुधार को लेकर सरकार रोज नए-नए वादे करती हैं. लेकिन मजदूरी कर के अपना परिवार चलाने वाले कई लोगों को पता ही नहीं है कि मजदूर दिवस क्या होता है.
एक तरफ पूरा देश मजदूर दिवस मना रहा है. लेकिन एक तबका ऐसा भी है जिसे इस मजदूर दिवस की जानकारी तक नहीं. हम आपको दो ऐसी महिलाओं से मिलाते हैं जो कचरा चुनकर अपने परिवार को चलाती हैं.
कचरा चुनती इन औरतों का कहना है कि इस काम में खतरा भी रहता है. लेकिन क्या करें सारा दिन कचरा चुनने से सौ डेढ़ सौ रुपये की कमाई हो जाती है. उनका कहना था कि आज तक हमें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया. जिस कारण बहुत मुश्किल से परिवार से परिवार का गुजारा हो पाता है. परिवार के जितने भी सदस्य हैं वह भी इसी काम से जुड़े हैं. कारी और सुगनी बताती हैं कि आज तक हमें वृद्धा पेंशन का लाभ भी नहीं मिला है. यही कचरा ही हमारी जिंदगी है.
मजदूर दिवस के मौके पर सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में छुट्टी होती है लेकिन इन कचरा चुनने वालों की कोई छुट्टी नहीं. आज के दिन लोग मजदूरों के हित और उनके उत्थान की बातें करते हैं. लेकिन इन जैसे मजदूरों के बारे में कोई नहीं सोचता है.