अररिया: बिहार में अवैध खनन (Illegal Mining In Bihar) को लेकर सरकार ने काफी सख्त नियम बनाये और इस दिशा में सरकार ने कई कड़े कदम भी उठाये हैं. इस कार्य में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई है. इसके बावजूद अररिया जिले के खनन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी को इस बात का कोई खौफ नहीं है. अररिया में खनन माफिया बेखौफ होकर अपना काला कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैं.
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नियमों की उड़ाई जा रहीं धज्जियां - सरकार द्वारा बनाये गये नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन माफिया जमकर अवैध खनन कर रहे हैं. इसके खिलाफ जब कोई आवाज उठाता है, तो पुलिस उल्टे आवाज उठाने वाले पर FIR दर्ज कर देती है. इस कारण अररिया पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. इसके विपरीत अवैध खनन माफिया इतने बेखौफ हैं कि सरकारी नहर और तटबंध की मिट्टी भी काट कर बेच रहे हैं.
इस मामले में लेखक फणीश्वरनाथ रेणु के पुत्र दक्षिणेश्वर राय ने तथ्य और सबूत के साथ मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत की है. अवैध खनन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले को संज्ञान (Chief Minister Also Took Cognizance Of The Mining Case) में लिया. उसके बाद सीएम ने सुपौल एसपी को जांच का जिम्मा सौंप दिया है. क्योंकि स्थानीय लोगों ने शिकायत की थी. लोगों का यह कहना था कि जिला प्रशासन भी अवैध खनन करने वाले लोगों का साथ देते है. सुपौल एसपी को जांच का जिम्मा मिलने से स्थानीय लोगों में अब उम्मीद जगी है कि जांच निष्पक्ष होगा.
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निरीक्षण के लिए पहुंचे अधिकारी- जांच के लिए सुपौल एसपी के द्वारा फारबिससगंज एसडीओ सुरेंद्र कुमार अलबेला खनन पदाधिकारी के साथ सिमराहा पहुंचे. उन्होंने बताया कि स्थल निरीक्षण करने के बाद अनियमितता पाई गई है. एसडीओ के साथ जांच में खनन अधिकारी पहुंचे. एसडीओ ने कहा- जो कोई दोषी होंगे, उनपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.
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