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प्रदर्शन के दौरान आपस में ही भिड़ गए नियोजित शिक्षक, मीडियाकर्मियों से भी की बदसलूकी

बैनर में नाम नहीं होने पर प्रतिरोध मार्च निकाल रहे शिक्षक के दो गुट आपस में भिड़ गए. इस दौरान मीडियाकर्मीयों से बदसलूकी भी की. शिक्षकों ने मीडिया के कैमरे भी बंद करवा दिए.

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Published : Jul 28, 2019, 1:15 PM IST

अररिया में आपस में भिड़ा नियोजित शिक्षकों का दो गुट

अररिया: जिले के तमाम नियोजित शिक्षकों ने पटना में शिक्षकों की पिटाई के विरोध में समाहरणालय परिसर में धरना दिया. हालांकि उस समय अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, जब धरना स्थल पर दो गुट के शिक्षक आपस में ही उलझ गए. इस दौरान शिक्षकों ने मीडियाकर्मियों से बदसलूकी भी की.

नियोजित शिक्षकों ने अलग-अलग निकाला मार्च
बिहार सभी नियोजित शिक्षकों ने राजधानी पटना में 18 जुलाई को आंदोलन किया था. धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के दौरान पुलिस की तरफ से लाठी चार्ज किया गया था. इसके विरोध में अररिया में नियोजित शिक्षकों ने प्रतिरोध मार्च निकाला गया. हालांकि यहां शिक्षकों के बीच फूट भी देखने को मिली. दो गुटों ने अलग-अलग जगहों से मार्च निकाला. एक गूट बस स्टैंड से तो दूसरे ने समाहरणालय स्थित धरना स्थल से मार्च निकाला.

araria niyojit teachers march
प्रतिरोध मार्च निकालते नियोजित शिक्षक

शिक्षकों ने की मीडिया से बदसलूकी
दोनों गुटों के समाहरणालय परिसर में एकजुट होते ही नोंकझोंक शुरू हो गया. बैनर में नाम नहीं होने पर दूसरे संगठन के नियोजित शिक्षक उलझ गए. मंच पर ही एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. इस दौरान मीडिया कर्मियों को नियोजित शिक्षकों ने कवरेज करने से रोक दिया. कुछ शिक्षक सरेआम बदसलूकी करने पर उतारू हो गए. शिक्षकों ने मीडिया के कैमरे को जबरदस्ती बंद करा दिया.

अररिया में नियोजित शिक्षकों के धरना स्थल पर बवाल

अररिया में शिक्षकों के 5 संगठन
गौरतलब है कि अपनी मांगों की पूर्ति के लिए जिला के तमाम नियोजित शिक्षक पटना की सड़कों पर उतरे थे. पुलिस की लाठीचार्ज में कुछ शिक्षक घायल हुए. पुलिस ने 5 शिक्षक को गिरफ्तार किया था. जबकि 15 शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज किया था. गिरफ्तार साथी शिक्षकों की रिहाई, मुकदमा वापस लेने और समान काम समान वेतन के समर्थन में यह मार्च अररिया में निकाला गया. बताया जाता है कि शिक्षकों का कुल 16 संगठन है. वही अररिया जिले में शिक्षकों के पांच संगठन है.

अररिया: जिले के तमाम नियोजित शिक्षकों ने पटना में शिक्षकों की पिटाई के विरोध में समाहरणालय परिसर में धरना दिया. हालांकि उस समय अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, जब धरना स्थल पर दो गुट के शिक्षक आपस में ही उलझ गए. इस दौरान शिक्षकों ने मीडियाकर्मियों से बदसलूकी भी की.

नियोजित शिक्षकों ने अलग-अलग निकाला मार्च
बिहार सभी नियोजित शिक्षकों ने राजधानी पटना में 18 जुलाई को आंदोलन किया था. धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के दौरान पुलिस की तरफ से लाठी चार्ज किया गया था. इसके विरोध में अररिया में नियोजित शिक्षकों ने प्रतिरोध मार्च निकाला गया. हालांकि यहां शिक्षकों के बीच फूट भी देखने को मिली. दो गुटों ने अलग-अलग जगहों से मार्च निकाला. एक गूट बस स्टैंड से तो दूसरे ने समाहरणालय स्थित धरना स्थल से मार्च निकाला.

araria niyojit teachers march
प्रतिरोध मार्च निकालते नियोजित शिक्षक

शिक्षकों ने की मीडिया से बदसलूकी
दोनों गुटों के समाहरणालय परिसर में एकजुट होते ही नोंकझोंक शुरू हो गया. बैनर में नाम नहीं होने पर दूसरे संगठन के नियोजित शिक्षक उलझ गए. मंच पर ही एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. इस दौरान मीडिया कर्मियों को नियोजित शिक्षकों ने कवरेज करने से रोक दिया. कुछ शिक्षक सरेआम बदसलूकी करने पर उतारू हो गए. शिक्षकों ने मीडिया के कैमरे को जबरदस्ती बंद करा दिया.

अररिया में नियोजित शिक्षकों के धरना स्थल पर बवाल

अररिया में शिक्षकों के 5 संगठन
गौरतलब है कि अपनी मांगों की पूर्ति के लिए जिला के तमाम नियोजित शिक्षक पटना की सड़कों पर उतरे थे. पुलिस की लाठीचार्ज में कुछ शिक्षक घायल हुए. पुलिस ने 5 शिक्षक को गिरफ्तार किया था. जबकि 15 शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज किया था. गिरफ्तार साथी शिक्षकों की रिहाई, मुकदमा वापस लेने और समान काम समान वेतन के समर्थन में यह मार्च अररिया में निकाला गया. बताया जाता है कि शिक्षकों का कुल 16 संगठन है. वही अररिया जिले में शिक्षकों के पांच संगठन है.

Intro:नियोजित शिक्षकों के दो गुट आपस में भिड़े, दोनों के बीच हुआ तीखा नोकझोक। इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिंट मीडिया कर्मियों से किया बदसलूकी, कवरेज करने से भी रोका। बैनर में नाम नहीं होने पर प्रतिरोध मार्च निकाल रहे शिक्षक समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर भिड़े। 18 जुलाई को पटना में शिक्षकों के साथ हुए बर्बरता को लेकर पूरे बिहार में सभी शिक्षकों ने संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले मार्च निकाला था।


Body:अररिया में शिक्षक संघ के दुवारा प्रतिरोध मार्च निकाला गया था जिसमें दो गुटों ने अलग अलग जगहों से ये मार्च निकाला था, एक बस स्टैंड तो दूसरा समाहरणालय स्थित धरना स्थल से। ये नियोजित शिक्षक अपने मांगो को लेकर प्रतिरोध मार्च निकाले थे। जब शिक्षकों के दोनों गुट समाहरणालय परिसर में एक जुट हुए कि नोकझोक शुरू हो गया। दोनों गुटों के लोगों ने जम कर कहा सुनी और एक दूसरे पर आरोप लगाते नज़र आए। इस दौरान मीडिया कर्मियों को नियोजित शिक्षकों ने कवरेज करते हुए रोकने लगे। साथ कुछ शिक्षक बदसलूकी भी करने पर उतारू हो गए। बता दें कि अपनी मांगों के समर्थन में ज़िला शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति और बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के नियोजित शिक्षक को 18 जुलाई को अपने मांगो को लेकर पटना में सड़क पर सरकार के दमनकारी नीतियों के खिलाफ विरोध पर उतरे थे। जिसमें सरकार के इशारों पर पुलिसया करवाई की गई थी जिसमें कुछ शिक्षक घायल हुए और पांच को गिरफ्तार किया गया था तथा 15 शिक्षकों पर मुक़दमा भी दर्ज किया गया था। जिसको लेकर ये लोग अपने साथ शिक्षक की रिहाई, दर्ज मुक़दमा को शर्त के साथ वापस लेने लेकर पूरे बिहार में समान काम समान वेतन को लेकर मार्च निकाला था। बताया जाता है कि शिक्षक के कुल 16 संगठन हैं जिसमें से पांच अररिया ज़िले में। नोकझोक की वजह सिर्फ़ इतना था कि बैनर में नाम नहीं था।


Conclusion:संबंधित विसुअल
बाइट शिक्षक
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