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अररिया: ठाकुरबाड़ी मंदिर में धूमधाम से मनाया गया देव दीपावली

ठाकुरबाड़ी मंदीर में देव दीपावली मनाने की प्रथा पिछले 23 वर्षों से चली आ रही है. आज के दिन मंदिर के परिसर में सुंदर रंगोली भी बनाई जाती है. बता दें कि दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिपावली का त्योहार मनाया जाता है.

धूमधाम से मनाया गया देव दीपावली
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Published : Nov 12, 2019, 8:29 PM IST

अररिया: जिले में देव दीपावली के मौके पर ठाकुरबाड़ी मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है. देव दीपावली के उपलक्ष्य में ठाकुरबाड़ी मंदिर को रंगरोगन, रंगोली और दिए जलाने के साथ ही प्रकाश की अन्य व्यवस्थाओं से सुसज्जित किया गया है. वहीं, साज-सज्जा के साथ ही दिए जलाकर पूरे मंदिर परिसर को भव्यता से रौशन किया गया है.

कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है देव दिपावली
ठाकुरबाड़ी मंदीर में देव दीपावली मनाने की प्रथा पिछले 23 वर्षों से चली आ रही है. आज के दिन मंदिर के परिसर में सुंदर रंगोली भी बनाई जाती है. बता दें कि दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिपावली का त्योहार मनाया जाता है. सभी त्योहारों की तरह यह त्योहार भी कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. साथ ही देव दीपावली के पर्व पर गंगा घाटों को दीपों और मोमबत्तियों से सजाया जाता है.

ठाकुरबाड़ी मंदिर में धूमधाम से मनाया गया देव दीपावली

देवताओं का पृथ्वीलोक पर होता है आगमन
मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शंकर ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था. इसी खुशी में देवताओं ने इस दिन स्वर्गलोक में दीपक जलाकर जश्न मनाया था. इसके बाद से हर साल इस दिन को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है. देव दीपावली के दिन पूजा का विशेष महत्व होता है. साथ ही इस त्योहार को लेकर यह भी मान्यता है कि इस दिन देवता पृथ्वीलोक पर आते हैं. कार्तिक माह को ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि देवताओं ने महापुनीत पर्वों के रूप में भी प्रमाणित किया गया है. जिस वजह से पूरे कार्तिक महीने को काफी पवित्र माना जाता है.

अररिया: जिले में देव दीपावली के मौके पर ठाकुरबाड़ी मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है. देव दीपावली के उपलक्ष्य में ठाकुरबाड़ी मंदिर को रंगरोगन, रंगोली और दिए जलाने के साथ ही प्रकाश की अन्य व्यवस्थाओं से सुसज्जित किया गया है. वहीं, साज-सज्जा के साथ ही दिए जलाकर पूरे मंदिर परिसर को भव्यता से रौशन किया गया है.

कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है देव दिपावली
ठाकुरबाड़ी मंदीर में देव दीपावली मनाने की प्रथा पिछले 23 वर्षों से चली आ रही है. आज के दिन मंदिर के परिसर में सुंदर रंगोली भी बनाई जाती है. बता दें कि दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिपावली का त्योहार मनाया जाता है. सभी त्योहारों की तरह यह त्योहार भी कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. साथ ही देव दीपावली के पर्व पर गंगा घाटों को दीपों और मोमबत्तियों से सजाया जाता है.

ठाकुरबाड़ी मंदिर में धूमधाम से मनाया गया देव दीपावली

देवताओं का पृथ्वीलोक पर होता है आगमन
मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शंकर ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था. इसी खुशी में देवताओं ने इस दिन स्वर्गलोक में दीपक जलाकर जश्न मनाया था. इसके बाद से हर साल इस दिन को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है. देव दीपावली के दिन पूजा का विशेष महत्व होता है. साथ ही इस त्योहार को लेकर यह भी मान्यता है कि इस दिन देवता पृथ्वीलोक पर आते हैं. कार्तिक माह को ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि देवताओं ने महापुनीत पर्वों के रूप में भी प्रमाणित किया गया है. जिस वजह से पूरे कार्तिक महीने को काफी पवित्र माना जाता है.

Intro:देव दीपावली के दिन मंदिर को दिए जलाकर और रंगोली बनाकर सजाया गया आज के दिन ठाकुरबाड़ी मंदिर जगमगा रहा है दीए की रोशनी से ।Body:दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन देव दिवाली का त्योहार मानाया जाता है. हर त्योहार की तरह यह त्योहार भी कई राज्यों में मनाया जाता है । क्योंकि देव दिवाली के इस पर्व पर गंगा नदी के घाटों को दीए जलाकर रोशन किया जाता है ।वहीं अररिया के ठाकुरबाड़ी मंदिर में रंगोली बनाकर दिए जलाकर देव दीपावली मनाने की प्रथा पिछले 23 वर्षों से चली आराही है । आज के दिन मंदिर के परिसर में सुंदर रंगोली बनाई जाती है । साथ ही दिए जलाकर मंदिर परिसर को रौशन किया गया है ।मान्यताओं के अनुसार इस दिन शंकर भगवान ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था । इसी खुशी में देवाओं ने इस दिन स्वर्ग लोक में दीपक जलाकर जश्न मनाया था. इसके बाद से हर साल इस दिन को देव दिवाली के रुप में मनाया जाता है. इस दिन पूजा का विशेष महत्व होता है ।इस त्योहार को लेकर यह भी मान्यता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर आते हैं. इस माह में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्वों को प्रमाणित किया है. जिस वजह से कार्तिक पूर्णिमा के पूरे महीने को काफी पवित्र माना जाता है ।
बाइट - दीपक तिवारी, पुजारी, ठाकुरबाड़ी मंदिर, अररिया ।Conclusion:
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