अररिया: जिले के रामपुर-मोहनपुर में मछुआरों को परमान नदी के किनारे एक 200 किलोग्राम की मृत डॉल्फिन मिली है. ऐसा माना जा रहा है कि नदी में पानी कम होने के कारण डॉल्फिन की जान गई है. ग्रामीणों ने वन विभाग और थाने को इसकी सूचना दी. जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने डॉल्फिन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मवेशी अस्पताल भेज दिया.
'पोस्टमॉर्टम के बाद पता चलेगा मौत का कारण'
वन विभाग के कर्मचारी और डॉक्टर नदी में कम पानी होने की वजह से डॉल्फिन की मौत की आशंका जता रहे हैं. फिलहाल, डॉल्फिन का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है, अब रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का पता चलेगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अक्टूबर 2009 को गंगा डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था. गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन एक नेत्रहीन जलीय जीव है.
'डॉल्फिन के मरने की तीन घटना आई है सामने'
इस जीव की वर्तमान में भारत में 2000 से भी कम संख्या रह गई है. जिसका मुख्य कारण गंगा का बढ़ता प्रदूषण, बांधों का निर्माण और शिकार होना है. इनका शिकार मुख्यतः तेल के लिए किया जाता है. जिसे अन्य मछलियों को पकड़ने के लिए चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है. अररिया में भी पिछले कुछ वर्षों में डॉल्फिन के मरने की अबतक तीन घटना सामने आई है.
'परमान नदी में संख्या बढ़ने की संभावना'
इस राष्ट्रीय जल जीव को अररिया के क्षेत्र में खूब देखा जाता है. यहां के परमान नदी में इसकी संख्या भी बढ़ने की संभावना है. लेकिन सरकार की तरफ से इसे संरक्षित नहीं किया जा रहा है. जिस कारण इस तरह की घटना हो रही है. ग्रामीणों ने कहा कि डॉल्फिन को बचाने के लिए सरकार को नदियों का अतिक्रमण हटाकर इन महत्वपूर्ण जीवों को सुरक्षित रखना चाहिए, नहीं तो जल्द ही यह प्राणी भी विलुप्त हो जाएंगी.