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अररिया: परमान नदी में मिला मृत डॉल्फिन, पोस्टमॉर्टम के बाद होगा मौत के कारणों का खुलासा - डॉल्फिन का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा

वन विभाग के कर्मचारी और डॉक्टर नदी में कम पानी होने की वजह से डॉल्फिन की मौत की आशंका जता रहे हैं. फिलहाल, डॉल्फिन का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है, अब रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का पता चलेगा.

मृत डॉल्फिन
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Published : Oct 20, 2019, 7:32 PM IST

अररिया: जिले के रामपुर-मोहनपुर में मछुआरों को परमान नदी के किनारे एक 200 किलोग्राम की मृत डॉल्फिन मिली है. ऐसा माना जा रहा है कि नदी में पानी कम होने के कारण डॉल्फिन की जान गई है. ग्रामीणों ने वन विभाग और थाने को इसकी सूचना दी. जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने डॉल्फिन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मवेशी अस्पताल भेज दिया.

'पोस्टमॉर्टम के बाद पता चलेगा मौत का कारण'
वन विभाग के कर्मचारी और डॉक्टर नदी में कम पानी होने की वजह से डॉल्फिन की मौत की आशंका जता रहे हैं. फिलहाल, डॉल्फिन का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है, अब रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का पता चलेगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अक्टूबर 2009 को गंगा डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था. गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन एक नेत्रहीन जलीय जीव है.

परमान नदी में मिला मृत डॉल्फिन

'डॉल्फिन के मरने की तीन घटना आई है सामने'
इस जीव की वर्तमान में भारत में 2000 से भी कम संख्या रह गई है. जिसका मुख्य कारण गंगा का बढ़ता प्रदूषण, बांधों का निर्माण और शिकार होना है. इनका शिकार मुख्यतः तेल के लिए किया जाता है. जिसे अन्य मछलियों को पकड़ने के लिए चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है. अररिया में भी पिछले कुछ वर्षों में डॉल्फिन के मरने की अबतक तीन घटना सामने आई है.

araria
मृत डॉल्फिन

'परमान नदी में संख्या बढ़ने की संभावना'
इस राष्ट्रीय जल जीव को अररिया के क्षेत्र में खूब देखा जाता है. यहां के परमान नदी में इसकी संख्या भी बढ़ने की संभावना है. लेकिन सरकार की तरफ से इसे संरक्षित नहीं किया जा रहा है. जिस कारण इस तरह की घटना हो रही है. ग्रामीणों ने कहा कि डॉल्फिन को बचाने के लिए सरकार को नदियों का अतिक्रमण हटाकर इन महत्वपूर्ण जीवों को सुरक्षित रखना चाहिए, नहीं तो जल्द ही यह प्राणी भी विलुप्त हो जाएंगी.

अररिया: जिले के रामपुर-मोहनपुर में मछुआरों को परमान नदी के किनारे एक 200 किलोग्राम की मृत डॉल्फिन मिली है. ऐसा माना जा रहा है कि नदी में पानी कम होने के कारण डॉल्फिन की जान गई है. ग्रामीणों ने वन विभाग और थाने को इसकी सूचना दी. जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने डॉल्फिन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मवेशी अस्पताल भेज दिया.

'पोस्टमॉर्टम के बाद पता चलेगा मौत का कारण'
वन विभाग के कर्मचारी और डॉक्टर नदी में कम पानी होने की वजह से डॉल्फिन की मौत की आशंका जता रहे हैं. फिलहाल, डॉल्फिन का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है, अब रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का पता चलेगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अक्टूबर 2009 को गंगा डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था. गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन एक नेत्रहीन जलीय जीव है.

परमान नदी में मिला मृत डॉल्फिन

'डॉल्फिन के मरने की तीन घटना आई है सामने'
इस जीव की वर्तमान में भारत में 2000 से भी कम संख्या रह गई है. जिसका मुख्य कारण गंगा का बढ़ता प्रदूषण, बांधों का निर्माण और शिकार होना है. इनका शिकार मुख्यतः तेल के लिए किया जाता है. जिसे अन्य मछलियों को पकड़ने के लिए चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है. अररिया में भी पिछले कुछ वर्षों में डॉल्फिन के मरने की अबतक तीन घटना सामने आई है.

araria
मृत डॉल्फिन

'परमान नदी में संख्या बढ़ने की संभावना'
इस राष्ट्रीय जल जीव को अररिया के क्षेत्र में खूब देखा जाता है. यहां के परमान नदी में इसकी संख्या भी बढ़ने की संभावना है. लेकिन सरकार की तरफ से इसे संरक्षित नहीं किया जा रहा है. जिस कारण इस तरह की घटना हो रही है. ग्रामीणों ने कहा कि डॉल्फिन को बचाने के लिए सरकार को नदियों का अतिक्रमण हटाकर इन महत्वपूर्ण जीवों को सुरक्षित रखना चाहिए, नहीं तो जल्द ही यह प्राणी भी विलुप्त हो जाएंगी.

Intro:अररिया के रामपुरमोहनपुर में मछुआरों को मिला एक मृत डॉल्फिन वन विभाग ने इसे कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा पानी कम होने के कारण गई है उसकी जानBody:अररिया के रामपुर मोहनपुर गांव में परमान नदी के किनारे राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन (सोंस) मृत अवस्था में मिला है । ग्रामीणों को लगभग 200 किलोग्राम का डॉल्फिन मृत अवस्था में नदी में मिला है । ग्रामीणों ने वन विभाग और थाने को इसकी सुचना दी । वन विभाग के कर्मचारी सुचना मिलते ही घटना स्थल पर पहुंच मृत डॉल्फिन के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अररिया मवेशी अस्पताल भेज दिया गया जहा मछली का पोस्टमार्टम किया जा रहा है । वन विभाग के कर्मचरी और डॉ का कहना है की नदी में कम पानी की वजह से सायद डॉल्फिन की मौत हो गयी है जिसकी पूरी जानकारी पोस्टमार्टम के बाद ही आएगी
। फ़िलहाल डॉल्फिन का पोस्टमार्टम कराया जारहा है अब रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा की मौत का कारण क्या है । बताना जरूरी है कि
केंद्र सरकार ने ०५ अक्टूबर २००९ को गंगा डोल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है। गंगा नदी में पाई जाने वाली गंगा डोल्फिन एक नेत्रहीन जलीय जीव है जिसकी घ्राण शक्ति अत्यंत तीव्र होती है। विलुप्त प्राय इस जीव की वर्तमान में भारत में २००० से भी कम संख्या रह गयी है जिसका मुख्य कारण गंगा का बढता प्रदूषण, बांधों का निर्माण एवं शिकार है। इनका शिकार मुख्यतः तेल के लिए किया जाता है जिसे अन्य मछलियों को पकडनें के लिए चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है। अररिया में भी पिछले वर्षों में डॉल्फिन के मरने की अबतक तीन घटना सामने आई है ।
बाइट : डॉ हर्षवर्धन चिकित्सक
बाइट : संजय कुमार ठाकुर, फॉरेस्टर , वन विभाग, अररिया ।
Conclusion:इस राष्ट्रीय जल जीव को अररिया के क्षेत्र में प्राय देखा जाता है यहां के परमान नदी में इसकी संख्या भी बढ़ने की संभावना है लेकिन सरकार के द्वारा इसे संरक्षित नहीं किया जा रहा है जिस कारण इस तरह की घटना सामने आती है इसलिए सरकार को चाहिए कि नदियों का अतिक्रमण साफ कर इन महत्वपूर्ण जीवो को सुरक्षित रखें नहीं तो जल्द ही यह प्राणी विलुप्त हो जाएंगी ।
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