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सावधान! नवजात शिशु और बच्चे हो रहे कोरोना की नई लहर से संक्रमित

अररिया में कोरोना संक्रमण लगातार रफ्तार पकड़ता जा रहा है. अस्पतालों में भीड़ बढ़ती जा रही है. इस बार कोरोना संक्रमण से नवजात शिशु और बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं.

coronavirus in araria
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Published : Apr 24, 2021, 9:36 AM IST

Updated : Apr 24, 2021, 12:15 PM IST

अररिया: कोरोना की दूसरी लहर से सभी परेशान हैं. टीकाकरण में तेजी लाई गई है लेकिन इसके बावजूद संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कोरोना की चपेट में इस बार मासूम भी आ रहे हैं. जो बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है.

यह भी पढ़ें- बदलते मौसम में कितना घातक है कोरोना? सर्दी-खांसी होने पर क्या करें? सब कुछ समझिए EXPERT से..

बच्चों पर कोरोना का कहर
अगर बच्चे संक्रमित होते हैं तो निश्चित रूप से घर के कई सदस्य भी संक्रमित हो सकते हैं. अगर नवजात शिशु संक्रमित है तो उसके साथ रहने वाली मां भी प्रभावित हो सकती है. इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये दायरा लगातार बड़ा रूप ले सकता है. इस तरह के परिणाम आने से जिले के स्वास्थ्यकर्मियों में भी एक असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है.

लापरवाह बना स्वास्थ्य विभाग
संक्रमित बच्चों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्पर जरूर है लेकिन बच्चों को भी उसी आइसोलेशन वार्ड में रखा जा रहा जहां दूसरे बड़े संक्रमित रहते हैं. सिर्फ एक सुविधा यह है कि बच्चे के साथ उसके अभिभावक को रहने की अनुमति दी जाती है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या बच्चे के अभिभावक संक्रमित नहीं होंगे? ऐसे में स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है.

20 अप्रैल तक की जांच रिपोर्ट

उम्रसंक्रमितों की संख्या
0 से 9 वर्ष18 बच्चे संक्रमित
10 से 19 वर्ष 62 संक्रमित
20 से 29 वर्ष 188 संक्रमित
30 से 39 वर्ष 142 संक्रमित
40 से 49 वर्ष 102 संक्रमित
50 से 59 वर्ष 82 संक्रमित
60 से ऊपर86 संक्रमित

'सदर अस्पताल के साथ पूरे जिले में कोरोना संक्रमण जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है. साथ ही टीकाकरण में भी तेजी आई है. जांच प्रक्रिया में बच्चों का संक्रमित होना गंभीर विषय है. लेकिन इसके लिए भी स्वास्थ्य विभाग तैयार है. अगर किसी बच्चे की हालत ज्यादा बिगड़ जाती है तो वैसे संक्रमित बच्चे को फारबिसगंज स्थित आइसोलेशन सेंटर भेज दिया जाता है जहां बच्चों पर विशेष निगरानी रखी जाती है.'- रेहान अशरफ, प्रबंधक, जिला स्वास्थ्य समिति

क्या कहना है शिशु रोग विशेषज्ञ का
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोइज ने बताया कि अगर बच्चे कोरोना संक्रमित होते हैं तो इसके जिम्मेदार घर के बड़े हैं. क्योंकि बच्चे हमेशा बड़ों की निगरानी में रहते हैं. एक बच्चा घर में संक्रमित होता है तो उससे संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है. बच्चे ज्यादा सेंसेटिव होते हैं. उनमें जल्दी संक्रमण फैलता है. इस वक्त मौसम में तब्दीली आ रही है. ये संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए मददगार साबित होता है. इसलिए बच्चों को सुरक्षित रखना है तो खुद भी संभल कर रहना होगा.

अररिया: कोरोना की दूसरी लहर से सभी परेशान हैं. टीकाकरण में तेजी लाई गई है लेकिन इसके बावजूद संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कोरोना की चपेट में इस बार मासूम भी आ रहे हैं. जो बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है.

यह भी पढ़ें- बदलते मौसम में कितना घातक है कोरोना? सर्दी-खांसी होने पर क्या करें? सब कुछ समझिए EXPERT से..

बच्चों पर कोरोना का कहर
अगर बच्चे संक्रमित होते हैं तो निश्चित रूप से घर के कई सदस्य भी संक्रमित हो सकते हैं. अगर नवजात शिशु संक्रमित है तो उसके साथ रहने वाली मां भी प्रभावित हो सकती है. इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये दायरा लगातार बड़ा रूप ले सकता है. इस तरह के परिणाम आने से जिले के स्वास्थ्यकर्मियों में भी एक असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है.

लापरवाह बना स्वास्थ्य विभाग
संक्रमित बच्चों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्पर जरूर है लेकिन बच्चों को भी उसी आइसोलेशन वार्ड में रखा जा रहा जहां दूसरे बड़े संक्रमित रहते हैं. सिर्फ एक सुविधा यह है कि बच्चे के साथ उसके अभिभावक को रहने की अनुमति दी जाती है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या बच्चे के अभिभावक संक्रमित नहीं होंगे? ऐसे में स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है.

20 अप्रैल तक की जांच रिपोर्ट

उम्रसंक्रमितों की संख्या
0 से 9 वर्ष18 बच्चे संक्रमित
10 से 19 वर्ष 62 संक्रमित
20 से 29 वर्ष 188 संक्रमित
30 से 39 वर्ष 142 संक्रमित
40 से 49 वर्ष 102 संक्रमित
50 से 59 वर्ष 82 संक्रमित
60 से ऊपर86 संक्रमित

'सदर अस्पताल के साथ पूरे जिले में कोरोना संक्रमण जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है. साथ ही टीकाकरण में भी तेजी आई है. जांच प्रक्रिया में बच्चों का संक्रमित होना गंभीर विषय है. लेकिन इसके लिए भी स्वास्थ्य विभाग तैयार है. अगर किसी बच्चे की हालत ज्यादा बिगड़ जाती है तो वैसे संक्रमित बच्चे को फारबिसगंज स्थित आइसोलेशन सेंटर भेज दिया जाता है जहां बच्चों पर विशेष निगरानी रखी जाती है.'- रेहान अशरफ, प्रबंधक, जिला स्वास्थ्य समिति

क्या कहना है शिशु रोग विशेषज्ञ का
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोइज ने बताया कि अगर बच्चे कोरोना संक्रमित होते हैं तो इसके जिम्मेदार घर के बड़े हैं. क्योंकि बच्चे हमेशा बड़ों की निगरानी में रहते हैं. एक बच्चा घर में संक्रमित होता है तो उससे संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है. बच्चे ज्यादा सेंसेटिव होते हैं. उनमें जल्दी संक्रमण फैलता है. इस वक्त मौसम में तब्दीली आ रही है. ये संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए मददगार साबित होता है. इसलिए बच्चों को सुरक्षित रखना है तो खुद भी संभल कर रहना होगा.

Last Updated : Apr 24, 2021, 12:15 PM IST
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