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Diwali 2023 : मिट्टी के दिये और गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों की खरीदारी के लिए लगी भीड़, अररिया का चांदनी चौक बना आकर्षण का केंद्र

Diwali in Araria: अररिया में दीपावली को लेकर बाजारों में अलग ही रौनक देखने को मिल रही है. भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की रंग बिरंगी मूर्तियों की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. इस बीच शहर का चांदनी चौक बाजार आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

Diwali in Araria
अररिया का चांदनी चौक बना आकर्षण का केंद्र
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 11, 2023, 7:57 PM IST

अररिया: बिहार में दिपावली को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. जिले के हर एक बाजार में लोगों की जबदस्त भीड़ उमड़ पड़ी है. दुकानदार से लेकर ग्राहकों तक में अलग ही खुशी देखने को मिल रही है. ऐसा ही कुछ हाल बिहार के अररिया जिले का है. जहां का चांदनी चौक बाजार आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की रंग बिरंगी मूर्तियों की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी पड़ी है.

दोनों ओर फूटपाथ पर लगी दुकानें: अररिया शहर के बाजारों की रौनक देखते ही बन रही है. दिवाली और धनतेरस को लेकर पूरे बाजार में धूम मची हुई है. दुकानों में घरेलू सामान खरीदने वालों की भीड़ लगी है. वहीं अररिया के चांदनी चौक में दिये बेचने वालों ने भी अपनी दुकाने सजा रखी है. सड़क के बीचों-बीच फूटपाथ पर दुकान लगाकर दिये बेचे जा रहे है. दरअसल, जैसे-जैसे चाइनीज लाइटों की मांग कम हो रही है, वैसे-वैसे मिट्टी के बने दिए की बिक्री अब जोर पकड़ने लगी है.

Diwali in Araria
कुछ इस तरह सजा है अररिया का चांदनी चौक

3 से 4 दर्जन दिये की दुकानें: बता दें कि अररिया शहर के बीचों बीच चांदनी चौक मार्केट में तकरीबन 3 से 4 दर्जन दिये की दुकानें लगाई गई है. इसके साथ तरह-तरह के लक्ष्मी मां की छोटी-छोटी प्रतिमाओं से भी दुकान सजा रखा है. दीपावली में दिये जलाने के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. मान्यता है कि देवी लक्ष्मी की पूजन से घर में समृद्धि आती है. इसलिए मिट्टी के दिये को शुभ माना जाता है.

देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती: मान्यता है कि धन की देवी मां लक्ष्मी इस दिन घर में प्रवेश करती हैं। इस दिन धन-संपदा और शांति के लिए लक्ष्मी और गणेश भगवान की विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है. इसी के साथ अगर धार्मिक मान्यताओं की मानें तो कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या यानि दिपावली के दिन ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी का आगमन हुआ था. तभी से मां लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई है. इस लिए घर की साफ सफाई कर दीपावली के दिन दिये की रोशनी से रौशन किया जाता है. साथ ही देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. इस पूजन में बाधाओं को दूर करने के लिए और संतुलन बनाने के लिए भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की एक साथ पूजा की जाती है.

इसे भी पढ़े- Diwali 2023 : दिवाली पर पटाखा फोड़ने के दौरान किन बातों का रखें विशेष ध्यान, जानिए क्या बता रहे हैं चिकित्सक

अररिया: बिहार में दिपावली को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. जिले के हर एक बाजार में लोगों की जबदस्त भीड़ उमड़ पड़ी है. दुकानदार से लेकर ग्राहकों तक में अलग ही खुशी देखने को मिल रही है. ऐसा ही कुछ हाल बिहार के अररिया जिले का है. जहां का चांदनी चौक बाजार आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की रंग बिरंगी मूर्तियों की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी पड़ी है.

दोनों ओर फूटपाथ पर लगी दुकानें: अररिया शहर के बाजारों की रौनक देखते ही बन रही है. दिवाली और धनतेरस को लेकर पूरे बाजार में धूम मची हुई है. दुकानों में घरेलू सामान खरीदने वालों की भीड़ लगी है. वहीं अररिया के चांदनी चौक में दिये बेचने वालों ने भी अपनी दुकाने सजा रखी है. सड़क के बीचों-बीच फूटपाथ पर दुकान लगाकर दिये बेचे जा रहे है. दरअसल, जैसे-जैसे चाइनीज लाइटों की मांग कम हो रही है, वैसे-वैसे मिट्टी के बने दिए की बिक्री अब जोर पकड़ने लगी है.

Diwali in Araria
कुछ इस तरह सजा है अररिया का चांदनी चौक

3 से 4 दर्जन दिये की दुकानें: बता दें कि अररिया शहर के बीचों बीच चांदनी चौक मार्केट में तकरीबन 3 से 4 दर्जन दिये की दुकानें लगाई गई है. इसके साथ तरह-तरह के लक्ष्मी मां की छोटी-छोटी प्रतिमाओं से भी दुकान सजा रखा है. दीपावली में दिये जलाने के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. मान्यता है कि देवी लक्ष्मी की पूजन से घर में समृद्धि आती है. इसलिए मिट्टी के दिये को शुभ माना जाता है.

देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती: मान्यता है कि धन की देवी मां लक्ष्मी इस दिन घर में प्रवेश करती हैं। इस दिन धन-संपदा और शांति के लिए लक्ष्मी और गणेश भगवान की विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है. इसी के साथ अगर धार्मिक मान्यताओं की मानें तो कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या यानि दिपावली के दिन ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी का आगमन हुआ था. तभी से मां लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई है. इस लिए घर की साफ सफाई कर दीपावली के दिन दिये की रोशनी से रौशन किया जाता है. साथ ही देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. इस पूजन में बाधाओं को दूर करने के लिए और संतुलन बनाने के लिए भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की एक साथ पूजा की जाती है.

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