अररियाः बिहार का धरोहर आज देखरेख के अभाव में जर्जर हो रहा है. बिहार के अररिया जिले का धरोहर है, जिसे 1854 सर जॉर्ज एवरेस्ट ने बनवाया था, लेकिन आज उपेक्षा का शिकार हो गया है. इस बुर्ज पर अब जंगल झाड़ उग गए हैं, जिस कारण इसका अस्तित्व को खत्म होने के कगार पर है. एनएच 57 के बगल में बना ये बुर्ज बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इस बुर्ज का रेलिंग और सीढ़ी खराब हो चुकी है.
देखरेख के अभाव में जर्जरः साल 2022 में एसएसबी की ओर से इसका जीर्णोद्धार भी किया गया था. इसके बाद यहां की हालत बदली थी. यहां एक तिरंगे को हमेशा के लिए लगा दिया गया था, जो आज भी फहरा रहा है, लेकिन देखरेख के अभाव में फिर से जर्जर होने के कगार पर है. जिला प्रशासन की ओर से इसका देखरेख नहीं किया गया. देखरेख किया जातातो बिहार के पर्यटन स्थल के रूप में पहचान बना पाता.
1854 में जॉर्ज एवरेस्ट ने रखी थी अधारशिलाः जानकारी हो कि फारबिसगंज अनुमंडल अंतर्गत मानिकपुर बुर्ज को 1854 बनाया गया था. सर जॉर्ज एवरेस्ट की पहल पर आधारशिला रखी गई थी. बताया जाता है कि पहाड़ों के मुआयना के लिए, सर्वे के लिए इसे बनाया गया था. त्रिकोणमितीय पद्धति से एवरेस्ट पहाड़ों की ऊंचाई मापी गयी थी. जिस समय मानिकपुर टीला से एवरेस्ट को मापी गई थी, उस समय हिमालय की ऊंचाई 29 हजार फीट थी.
सांसद बनवाया था टीलाः दो दशक पहले तत्कालीन सांसद सुखदेव पासवान ने अपने निधि से 11 लाख रुपए खर्च कर बुर्ज का स्वरूप दिया था. पहले यहां मिट्टी का टीला बना हुआ था. जिस समय यह बुर्ज बनाया गया था, उस समय काफी दूर दूर से लोग देखने के लिए आते थे. पटना के गोलघर जैसा दिखने वाला बुर्ज पर्यटन स्थल बन गया था. यहां से हिमालय पर्वत साफ दिखाई देता था. हिमायल के अलावा बर्फ से ढका कंचनजंघा भी दिखता था.
लंदन के मैप में इसकी चर्चाः इस बुर्ज का जिक्र लीगेसी ऑफ हेरिटेज पुस्तक में है, जिसे पर्वतारोही व फारबिसगंज निवासी स्वर्गीय कर्नल अजीत दत्त ने लिखी है. कर्नल ने कहा था कि इस बुर्ज को ज्योग्राफिकल सोसाइटी ऑफ लंदन के मैप में दर्शाया गया है. हिमालय का रेंज इस ओर करीब 24 सौ किलोमीटर है, जो पाकिस्तान से शुरू होता है. पाकिस्तान का नंगा पर्वत एवं अरुणाचल प्रदेश से सटे नामचे बरवा पर्वत इसके रेंज में रहा है.
पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसितः मानिकपुर बुर्ज अमर कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु के गृह पंचायत के ठीक बगल में है. पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए साइकिल से पूरी दुनिया का भ्रमण करने वाले चीन के पर्यटक साल 2021 में यहां से गुजरे थे. इस दौरान तीनों चीनी पर्यटक बुर्ज पर चढ़कर जायजा लिया था. जिला परिषद सदस्य स्थानीय दिलीप पटेल ने चीनी पर्यटकों का स्वागत किया था. अगर जिला प्रशासन की ओर से इसका देखरेख किया जाए तो आज यह बुर्ज पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है.
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