ETV Bharat / state

बिना पास जिले में नहीं चलेगा कंबाइंड हार्वेस्टर, पराली जलाने वालों पर होगी सख्ती - कृषि विभाग की बैठक

फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार ने सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की. बैठक में अररिया डीएम समेत जिले के कई अधिकारी रहे मौजूद

अररिया डीएम कृषि विभाग की बैठक
अररिया डीएम कृषि विभाग की बैठक
author img

By

Published : Apr 15, 2021, 8:26 PM IST

अररिया: फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार ने सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की. वर्चुअल बैठक में डीएम प्रशांत कुमार सीएच, जिला कृषि पदाधिकारी समेत कई अधिकारी शामिल हुए. बैठक में कृषि विभाग के निदेशक आदेश तितरमारे ने बताया कि सरकार द्वारा 10 जून 2019 को प्रत्येक जिले के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय अंतर विभागीय कार्य समूह का गठन किया गया है. इस समूह के कार्य में खरीफ एवं रबी फसल कटनी के पश्चात खेतों में अवशेष पराली को जलाने से रोकना मुख्य कार्य है.

ये भी पढ़ें : अररिया: SDO ने की दिव्यांगजनों की शिकायतों की समीक्षा, अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश

कंबाइंड हार्वेस्टर का प्रयोग बढ़ा
बैठक में कृषि विभाग के निदेशक आदेश तितरमारे ने कहा कि फसल कटनी के लिए जब से कंबाइंड हार्वेस्टर का प्रयोग बढ़ा है तब से कृषकों द्वारा फसल अवशेष को खेत में जलाने की प्रवृत्ति विकसित हुई है. जिससे मिट्टी की उर्वरकता एवं पर्यावरण के लिए यह बेहद नुकसानदेह है. यह समस्या पहले शाहाबाद क्षेत्र में उत्पन्न हुई और अब धीरे-धीरे पटना, सारण होते हुए राज्य के दूसरे जिलों में भी फैल गया है. कृषि विभाग ने अब कंबाइड हार्वेस्टर को चलाने के लिए जिला परिवहन कार्यालय से पास निबंधन अनिवार्य कर दिया गया है. उन्हें पास इस शर्त के आधार पर दी जाएगी कि जिन खेतों में वे फसल कटनी करेगी, उन खेतों में फसल अवशेष पराली नहीं जलाई जाएगी. यदि उन खेतों में फसल अवशेष जलाने की सूचना मिले तो उनके पास को रद्द कर दिया जाएगा.

पराली जलाने पर कार्रवाई
उन्होंने ने कहा कि बिना पास का कोई भी कंबाइंड हार्वेस्टर नहीं चलेगा. साथी ही जिस किसान द्वारा अपने क्षेत्र में पराली जलाया जाएगा. उन किसानों का कृषि विभाग के डीबीटी लाभ अंतरण पोर्टेल पर 3 साल तक के लिए पंजीकरण से वंचित कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि विगत वर्ष 2020 में 2138 किसानों को चिन्हित किया गया है. जिनमें सबसे अधिक रोहतास के 528 किसान शामिल हैं. उन सबों को 3 साल तक के लिए कृषि योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें : अररिया: DM ने खेत पहुंचकर फसल की कटाई का लिया जायजा

जागरूकता लाने के लिए प्रचार प्रसार
बैठक को संबोधित करते कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार में लगभग 2000 कंबाइंड हार्वेस्टर है. कैमूर, बक्सर, नवादा, रोहतास, गोपालगंज एवं भोजपुर में इसकी संख्या सर्वाधिक है. उन्होंने सभी जिलाधिकारी से प्रखंड एवं पंचायतवार कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार के माध्यम से पराली जलाने की घटना को चिन्हित करवाने का निर्देश दिया गया. साथ ही किसान सलाहकार या कृषि समन्वयक, जो पराली जलाने की सूचना ससमय उपलब्ध नहीं कराते हैं, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. उन्होंने सभी जिलाधिकारी को इसके लिए किसानों के बीच जागरूकता लाने के लिए प्रचार प्रसार कराने का सुझाव दिया गया.

अररिया: फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार ने सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की. वर्चुअल बैठक में डीएम प्रशांत कुमार सीएच, जिला कृषि पदाधिकारी समेत कई अधिकारी शामिल हुए. बैठक में कृषि विभाग के निदेशक आदेश तितरमारे ने बताया कि सरकार द्वारा 10 जून 2019 को प्रत्येक जिले के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय अंतर विभागीय कार्य समूह का गठन किया गया है. इस समूह के कार्य में खरीफ एवं रबी फसल कटनी के पश्चात खेतों में अवशेष पराली को जलाने से रोकना मुख्य कार्य है.

ये भी पढ़ें : अररिया: SDO ने की दिव्यांगजनों की शिकायतों की समीक्षा, अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश

कंबाइंड हार्वेस्टर का प्रयोग बढ़ा
बैठक में कृषि विभाग के निदेशक आदेश तितरमारे ने कहा कि फसल कटनी के लिए जब से कंबाइंड हार्वेस्टर का प्रयोग बढ़ा है तब से कृषकों द्वारा फसल अवशेष को खेत में जलाने की प्रवृत्ति विकसित हुई है. जिससे मिट्टी की उर्वरकता एवं पर्यावरण के लिए यह बेहद नुकसानदेह है. यह समस्या पहले शाहाबाद क्षेत्र में उत्पन्न हुई और अब धीरे-धीरे पटना, सारण होते हुए राज्य के दूसरे जिलों में भी फैल गया है. कृषि विभाग ने अब कंबाइड हार्वेस्टर को चलाने के लिए जिला परिवहन कार्यालय से पास निबंधन अनिवार्य कर दिया गया है. उन्हें पास इस शर्त के आधार पर दी जाएगी कि जिन खेतों में वे फसल कटनी करेगी, उन खेतों में फसल अवशेष पराली नहीं जलाई जाएगी. यदि उन खेतों में फसल अवशेष जलाने की सूचना मिले तो उनके पास को रद्द कर दिया जाएगा.

पराली जलाने पर कार्रवाई
उन्होंने ने कहा कि बिना पास का कोई भी कंबाइंड हार्वेस्टर नहीं चलेगा. साथी ही जिस किसान द्वारा अपने क्षेत्र में पराली जलाया जाएगा. उन किसानों का कृषि विभाग के डीबीटी लाभ अंतरण पोर्टेल पर 3 साल तक के लिए पंजीकरण से वंचित कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि विगत वर्ष 2020 में 2138 किसानों को चिन्हित किया गया है. जिनमें सबसे अधिक रोहतास के 528 किसान शामिल हैं. उन सबों को 3 साल तक के लिए कृषि योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें : अररिया: DM ने खेत पहुंचकर फसल की कटाई का लिया जायजा

जागरूकता लाने के लिए प्रचार प्रसार
बैठक को संबोधित करते कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार में लगभग 2000 कंबाइंड हार्वेस्टर है. कैमूर, बक्सर, नवादा, रोहतास, गोपालगंज एवं भोजपुर में इसकी संख्या सर्वाधिक है. उन्होंने सभी जिलाधिकारी से प्रखंड एवं पंचायतवार कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार के माध्यम से पराली जलाने की घटना को चिन्हित करवाने का निर्देश दिया गया. साथ ही किसान सलाहकार या कृषि समन्वयक, जो पराली जलाने की सूचना ससमय उपलब्ध नहीं कराते हैं, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. उन्होंने सभी जिलाधिकारी को इसके लिए किसानों के बीच जागरूकता लाने के लिए प्रचार प्रसार कराने का सुझाव दिया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.