अररिया: बिहार के अररिया में कालाबाजारी का यूरिया बरामद (Urea Recovered In Araria) किया गया है. भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के फारबिसगंज अनुमंडल क्षेत्र (Black marketing of urea in Forbisganj subdivision area) में गुप्त सूचना के आधार पर जटवारा वार्ड संख्या 13 में छापेमारी की गई. इस दौरान पुलिस ने कालाबाजारी करने के लिए रखे कुल 53 बोरी यूरिया बरामद की है. थानाध्यक्ष ने बताया कि सूचना मिली थी कि किसानों को खेतों में डालने के लिए खाद नहीं मिल पा रहे हैं और कालाबाजारी के लिए खाद की बोरियों को नेपाल भेजा जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः मधेपुरा में खाद कालाबाजारी की शिकायत पर गोदामों में छापेमारी
कालाबाजारी का यूरिया बरामद: दरअसल यह मामला जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के नरपतगंज प्रखंड का है. जहां प्रखंड स्थित घुरना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर पथराहा पंचायत में छापेमारी की. तभी पुलिस ने कारोबारी शमशेर आलम के घर से 53 बोरी खाद बरामद किया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि गुप्त सूचना मिली की जटवाड़ा गांव से भारी मात्रा में खाद की तस्करी हो रही है. जिसे महंगे दामों में बेचने के लिए नेपाल भेजा जा रहा है. तभी पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए उक्त जगह पर छापेमारी की. जहां से कुल 53 बोरी खाद की बरामद की गई. बता दें इन दिनों बॉर्डर के पास काफी मात्रा में उर्वरक, पेट्रोलियम पदार्थों की तस्करी जोर पकड़े हुए है.
खाद की किल्लत पर किसी का ध्यान नहीं: थानाध्यक्ष राजनंदिनी सिन्हा ने बताया कि जानकारी मिली कि खाद के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है. इसके बावजूद बड़े सेठ साहूकार खाद के दुकानदारों द्वारा बाजार में खाद की किल्लत बोलकर खुद खाद की कालाबाजारी में जुटे हैं. किसानों का कहना है कि खाद की किल्लत पर जनप्रतिनिधियों और संबंधित विभाग के द्वारा किसी भी तरह का बयान नहीं दिया जा रहा है. किसानों के खेतों में फसलों की बुनाई समय पर नहीं हो रही है. जिस कारण किसानों में मायूसी देखी जा रही है. इधर जब्त किए गए यूरिया को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों ने घुरना थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
"खाद के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है. इसके बावजूद बड़े सेठ साहूकार खाद के दुकानदारों द्वारा बाजार में खाद की किल्लत बोलकर खुद खाद की कालाबाजारी में जुटे हैं".- राजनंदिनी सिन्हा, थानाध्यक्ष
ये भी पढ़ें- खाद को लेकर भारत सरकार की नीति विफल, कालाबाजारी हुई तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई- सुधाकर