नई दिल्ली: भारत की उभरती हुई महिला क्रिकेटर जेमिमा रोड्रिग्स महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कुछ नया करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष क्रिकेट की तुलना नहीं की जा सकती और कुछ बदलावों की मदद से वैश्विक स्तर पर खेल को बढ़ावा मिल सकता है.
आईसीसी से बात करते हुए जेमिमा ने वेबीनार में कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे पुरुष और महिला क्रिकेट में तुलना पसंद नहीं है. क्योंकि, अंत में आपको यह बात माननी होगी कि दोनों में थोड़ा बहुत अंतर तो है."
उन्होंने कहा, "लेकिन हां, अगर छोटी पिचों से खेल को आगे बढ़ने में मदद मिलती है और इससे खेल आगे के स्तर पर पहुंचा है तो हम इसे आजमा सकते हैं, क्यों नहीं. हम इस बारे में सोच सकते हैं क्योंकि अंतत: हम खेल को आगे ले जाना चाहते हैं."
दाएं हाथ की बल्लेबाज ने कहा, "हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग मैच देखें और ज्यादा से ज्यादा लोग खेल से जुड़ें. इसिलए मुझे लगता है कि यह अच्छा विचार हो सकता है. मुझे लगता है कि हम इसे आजमा सकते हैं."
न्यूजीलैंड की महिला क्रिकेट टीम की कप्तान सोफी डिवाइन को लगता है कि क्रिकेट पिच की असल लंबाई से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए. उन्होंने हालांकि गेंद के आकार को लेकर कुछ सुझाव दिए. सोफी को लगता है कि छोटी गेंद को लाने से महिलाओं के खेल में बदलाव आ सकता है.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अगर हम पारंपरिक प्रारूप के साथ चिपके रहेंगे तो हम कई नए खिलाड़ी, बच्चे, जो खेल में आ सकते हैं, खो देंगे. इसलिए मुझे लगता है कि ये बहुत ही रोचक विचार है जिससे हम शायद लोगों को प्रोत्साहित कर पाएंगे."
उन्होंने कहा, "नए प्रयोग करना और देखना की क्या काम कर सकता है यह हमेशा अच्छा रहता है. मैं छोटी गेंदों के पक्ष में हूं, लेकिन पिच की लंबाई बदलने के नहीं. मुझे लगता है कि छोटी गेंद से तेज गेंदबाज ज्यादा तेजी से गेंद डाल पाएंगी और स्पिनर गेंद को ज्यादा से ज्यादा टर्न करा पाएंगी."