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'अगर मैं सिर्फ दौरे पर रहूंगा तो हमें दूसरी सिंधू कभी नहीं मिलेगी'

भारत के शीर्ष शटलरों को इस साल स्टेडियम में गोपीचंद की कमी साफ खलती नजर आई है.  इस पर राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद का कहना है कि अगर वे लगातार दौरे पर रहेंगे तो अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को खोजने में मुश्किल आएगी.

Gopichand
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Published : Jul 17, 2019, 9:07 PM IST

हैदराबाद : इस साल गोपीचंद पी वी सिंधू के साथ किसी अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर साथ नहीं गए है और अगले साल भी उनका यही इरादा है.


गोपीचंद ने मीडिया से बात-चीत में कहा, 'अगर मैं सिर्फ दौरे पर रहूंगा तो अगले बैच का क्या होगा, हमें दूसरी सिंधू कभी नहीं मिलेगी. मैं ये काम अकेले नहीं कर सकता, मुझे अधिक मदद और सहयोग की जरूरत है. हमें ऐसा करने के लिए और कोच की जरूरत है.'

गोपीचंद, साइना नेहवाल और सिंधू
गोपीचंद, साइना नेहवाल और सिंधू
आपको बता दे कि ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू, लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल और श्रीकांत किदम्बी सहित सभी शीर्ष भारतीय खिलाड़ियों को गोपीचंद के मार्गदर्शन में ही सफलता मिली है लेकिन अब उनके पास अपने शार्ष खिलाड़ियो को देने के लिए पर्याप्त समय नहीं है.
गोपीचंद, साइना नेहवाल और श्रीकांत किदम्बी
गोपीचंद, साइना नेहवाल और श्रीकांत किदम्बी
2001 के ऑल इंगलैंड चैंपियन विजेता गोपीचंद ने कहा, 'हर कोई चाहता है कि उनपर ध्यान दिया जाए और कोर्ट पर मेरा अधिक समय चाहते हैं लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं है. मुझे अक्सर ये सुनने को मिलता है कि भैया आप वहां नहीं थे. अगर आप रहते तो मैं जीत जाता.'उन्होंने ये भी कहा, 'ऐसे में आप किस पर फोकस करेंगे? मैं 2008-09 से हर राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल या ओलंपिक के दौरों पर जाता रहा हूं . इसलिए इस साल मैं किसी दौरे पर नहीं जा रहा हूं, लेकिन 2020 में मैं दौरे पर जाऊंगा. 'गोपीचंद ने नए विदेशी कोचों के शिविर में शामिल होने की उम्मीद जताई है. उन्होंने ये भी कहा, 'मेरे पास कोच को लेकर चुनौतियां हैं. सौभाग्य से हमारे पास अभी कुछ कोच हैं. मैं ये सुनिश्चित करना चाहता हूं कि ये कोच खिलाड़ियों के साथ काम करना शुरू करेंगे.'

हैदराबाद : इस साल गोपीचंद पी वी सिंधू के साथ किसी अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर साथ नहीं गए है और अगले साल भी उनका यही इरादा है.


गोपीचंद ने मीडिया से बात-चीत में कहा, 'अगर मैं सिर्फ दौरे पर रहूंगा तो अगले बैच का क्या होगा, हमें दूसरी सिंधू कभी नहीं मिलेगी. मैं ये काम अकेले नहीं कर सकता, मुझे अधिक मदद और सहयोग की जरूरत है. हमें ऐसा करने के लिए और कोच की जरूरत है.'

गोपीचंद, साइना नेहवाल और सिंधू
गोपीचंद, साइना नेहवाल और सिंधू
आपको बता दे कि ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू, लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल और श्रीकांत किदम्बी सहित सभी शीर्ष भारतीय खिलाड़ियों को गोपीचंद के मार्गदर्शन में ही सफलता मिली है लेकिन अब उनके पास अपने शार्ष खिलाड़ियो को देने के लिए पर्याप्त समय नहीं है.
गोपीचंद, साइना नेहवाल और श्रीकांत किदम्बी
गोपीचंद, साइना नेहवाल और श्रीकांत किदम्बी
2001 के ऑल इंगलैंड चैंपियन विजेता गोपीचंद ने कहा, 'हर कोई चाहता है कि उनपर ध्यान दिया जाए और कोर्ट पर मेरा अधिक समय चाहते हैं लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं है. मुझे अक्सर ये सुनने को मिलता है कि भैया आप वहां नहीं थे. अगर आप रहते तो मैं जीत जाता.'उन्होंने ये भी कहा, 'ऐसे में आप किस पर फोकस करेंगे? मैं 2008-09 से हर राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल या ओलंपिक के दौरों पर जाता रहा हूं . इसलिए इस साल मैं किसी दौरे पर नहीं जा रहा हूं, लेकिन 2020 में मैं दौरे पर जाऊंगा. 'गोपीचंद ने नए विदेशी कोचों के शिविर में शामिल होने की उम्मीद जताई है. उन्होंने ये भी कहा, 'मेरे पास कोच को लेकर चुनौतियां हैं. सौभाग्य से हमारे पास अभी कुछ कोच हैं. मैं ये सुनिश्चित करना चाहता हूं कि ये कोच खिलाड़ियों के साथ काम करना शुरू करेंगे.'
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भारत के शीर्ष शटलरों को इस साल स्टेडियम में गोपीचंद की कमी साफ खलती नजर आई है.  इस पर राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद का कहना है कि अगर वे लगातार दौरे पर रहेंगे तो अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को खोजने में मुश्किल आएगी.

हैदराबाद :  इस साल गोपीचंद पी वी सिंधू के साथ किसी अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर साथ नहीं गए है और अगले साल भी उनका यही इरादा है.

 गोपीचंद ने मीडिया से बात-चीत में कहा, 'अगर मैं सिर्फ दौरे पर रहूंगा तो अगले बैच का क्या होगा, हमें दूसरी सिंधू  कभी नहीं मिलेगी. मैं ये काम अकेले नहीं कर सकता, मुझे अधिक मदद और सहयोग की जरूरत है. हमें ऐसा करने के लिए और कोच की जरूरत है.'

आपको बता दे कि ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू, लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल और श्रीकांत किदम्बी सहित सभी शीर्ष भारतीय खिलाड़ियों को गोपीचंद के मार्गदर्शन में ही सफलता मिली है लेकिन अब उनके पास अपने शार्ष खिलाड़ियो को देने के लिए पर्याप्त समय नहीं है.

2001 के ऑल इंगलैंड चैंपियन विजेता गोपीचंद  ने कहा, 'हर कोई चाहता है कि उनपर ध्यान दिया जाए और कोर्ट पर मेरा अधिक समय चाहते हैं लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं है. मुझे अक्सर ये सुनने को मिलता है कि भैया आप वहां नहीं थे. अगर आप रहते तो मैं जीत जाता.'

उन्होंने ये भी कहा,  'ऐसे में आप किस पर फोकस करेंगे? मैं 2008-09 से हर राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल या ओलंपिक के दौरों पर जाता रहा हूं . इसलिए इस साल मैं किसी दौरे पर नहीं जा रहा हूं, लेकिन 2020 में मैं दौरे पर जाऊंगा. '

गोपीचंद ने नए विदेशी कोचों के शिविर में शामिल होने की उम्मीद जताई है. उन्होंने ये भी कहा, 'मेरे पास कोच को लेकर चुनौतियां हैं. सौभाग्य से हमारे पास अभी कुछ कोच हैं. मैं ये सुनिश्चित करना चाहता हूं कि ये कोच खिलाड़ियों के साथ काम करना शुरू करेंगे.'


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