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चुनावी धांधली रोकने में रामबाण बनेगा 'सी-विजिल एप', ऐसे कर पाएंगे उपयोग - निर्वाचन आयोग ने सी विजिल लांच किया

आदर्श आचार संहिता के उल्‍लंघन की रिपोर्ट (Report of violation of model code of conduct) में देरी के परिणामस्‍वरूप अक्‍सर अपराधी निर्वाचन आयोग के उन उड़नदस्‍तों की नजर से बच निकलते हैं, जिन्‍हें आदर्श आचार संहिता को लागू करने का कार्य सौंपा गया है. हालांकि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने सी-विजिल लांच ( Election Commission launched c-Vigil) किया है. जिस पर किसी भी तरह की धांधली की रिपोर्ट की जा सकेगी और आयोग उस पर त्वरित कार्रवाई करेगा.

सी-विजिल एप
C-Vigil App
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Published : Jan 8, 2022, 4:20 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 5:14 PM IST

नई दिल्ली : चुनावों के दौरान किसी दस्‍तावेज का अभाव, छेड़छाड़ न की गई सामग्री, चित्रों और वीडियो के रूप में साक्ष्‍यों की कमी, बाद में की गई शिकायत के सच को प्रमाणित करने में एक बड़ी बाधा थी. आयोग को यह भी अनुभव हुआ है कि रिपोर्टिंग का काफी बड़ा प्रतिशत गलत था जिसके कारण फील्ड यूनिटों का समय व्‍यर्थ हो गया.

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए नए सी-विजिल (नागरिक सतर्कता) ऐप से इन सभी कमियों को दूर करने और फॉस्‍ट-ट्रेक शिकायत प्राप्ति एवं निवारण प्रणाली बनाई गई है. सी-विजिल (नागरिक सतर्कता) नागरिकों के लिए निर्वाचनों के दौरान आदर्श आचार संहिता और व्‍यय के उल्‍लंघन की रिपोर्ट करने हेतु एक नया मोबाइल ऐप है.

क्या है सी-विजिल ऐप

cvigil1.pngसी-विजिल उपयोगकर्ता अनुकूल और आसानी से संचालित किया जाने वाला एक एंड्रायड एप्लिेकशन है. जिसका उपयोग विधान सभा निर्वाचन अधिसूचना की तारीख से उल्‍लंघनों की रिपोर्टिंग के लिए किया जा सकता है. इस ऐप की एक विशेषता यह है कि यह उड़नदस्‍तों को समय से कार्य करने के लिए डिजिटल साक्ष्‍य सुनिश्चित कराएगा. ऐप ऑटो लोकेशन कैप्‍चर के साथ जीवंत फोटो/वीडियो लेने की अनुमति देता है. इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.

कैसे करेगा काम

इस ऐप को कैमरा, अच्‍छे इन्‍टरनेट कनेक्‍शन और जीपीएस वाले किसी भी एंड्रॉइट स्‍मार्टफोन पर इंस्‍टॉल किया जा सकता है. कोई भी नागरिक, राजनीतिक कदाचार की घटनाओं के घटने के कुछ ही मिनटों में उनकी तत्‍काल रिपोर्ट कर सकते हैं, जिसके लिए रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में तत्‍काल जाने की जरूरत नहीं होती. सी-विजिल, सतर्क नागरिकों को जिला नियन्‍त्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और फील्‍ड यूनिट (उड़न दस्‍तों)/स्‍थैतिक निगरानी दलों के साथ जोड़ता है, जिससे एक तीव्र और सटीक रिपोर्टिंग, कार्रवाई और निगरानी प्रणाली सक्रिय होती है.

यह भी पढ़ें- पांच राज्यों में चुनाव का एलान, आदर्श आचार संहिता लागू

ऐसे होगा ऑपरेट

पहले चरण में कोई व्यक्ति एक फोटो खींचता है या 2 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड बनाता है. भौगोलिक सूचना प्रणाली द्वारा ऑटोमेटिड लोकेशन मैपिंग के साथ ऐप पर फोटो/वीडियो अपलोड की जाती है. इसको सफलतापूर्वक प्रस्‍तुत करने के बाद व्यक्ति को उसके मोबाइल पर निम्‍नलिखित अनुवर्ती अपडेट को प्राप्‍त और ट्रैक करने के लिए एक विशेष आईडी मिल जाती है.

दूसरे चरण में नागरिक एप शिकायत दर्ज करने पर जिला नियंत्रण कक्ष में सूचना बीप के रूप में बजती है जहां से इसे फील्ड यूनिट को सौंपा जाता है. एक फील्‍ड यूनिट में उड़नदस्‍ता स्थिर निगरानी दल रिजर्व टीम इत्‍यादि शामिल होते हैं. प्रत्‍येक फील्‍ड यूनिट के पास सी-विजिल इन्‍वेस्‍टीगेटर नामक एक जीआईएस-आधारित मोबाइल एप्लिकेशन होती है जो फील्‍ड यूनिट को जीआईएस और नेविगेशन तकनीक और कार्रवाई करने का अनुसरण करते हुए लोकेशन तक पहुंचता है.

तीसरे चरण में फील्‍ड यूनिट द्वारा शिकायत पर कार्रवाई करने के बाद, उनके द्वारा फील्‍ड रिपोर्ट को जांच एवं निपटान हेतु संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को अन्‍वेषक ऐप (इन्‍वेस्‍टीगेटर एप) के माध्‍यम से ऑनलाइन भेजा जाता है. यदि घटना सही पाई जाती है तो यह सूचना आगे की कार्रवाई हेतु भारत निर्वाचन आयोग के राष्‍ट्रीय शिकायत पोर्टल पर भेजी जाती है और इसकी सूचना सर्तक नागरिक को 100 मिनट के भीतर दे दी जाती है.

यह भी पढ़ें- सात फेज में होंगे पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, 10 फरवरी को पहला फेज, मतगणना 10 मार्च को

इसका रखें ध्यान

सी-विजिल एप्लिकेशन केवल उन्‍हीं राज्‍यों की भौगोलिक सीमा के भीतर काम करेगी जहां चुनाव हो रहे हैं.

सी-विजिल उपयोगकर्ता को फोटो खींचने या वीडियो बनाने के बाद किसी घटना की रिपोर्ट करने के लिए 5 मिनट का समय मिलेगा.

ऐप पहले से रिकॉर्ड की गई इमेज/वीडियो को अपलोड करने की अनुमति नहीं देगा.

यह उपयोगकर्ता को सीधे फोन गैलरी में इस ऐप द्वारा खींची गई फोटो/वीडियो को सुरक्षित रखने की अनुमति देगा.

नई दिल्ली : चुनावों के दौरान किसी दस्‍तावेज का अभाव, छेड़छाड़ न की गई सामग्री, चित्रों और वीडियो के रूप में साक्ष्‍यों की कमी, बाद में की गई शिकायत के सच को प्रमाणित करने में एक बड़ी बाधा थी. आयोग को यह भी अनुभव हुआ है कि रिपोर्टिंग का काफी बड़ा प्रतिशत गलत था जिसके कारण फील्ड यूनिटों का समय व्‍यर्थ हो गया.

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए नए सी-विजिल (नागरिक सतर्कता) ऐप से इन सभी कमियों को दूर करने और फॉस्‍ट-ट्रेक शिकायत प्राप्ति एवं निवारण प्रणाली बनाई गई है. सी-विजिल (नागरिक सतर्कता) नागरिकों के लिए निर्वाचनों के दौरान आदर्श आचार संहिता और व्‍यय के उल्‍लंघन की रिपोर्ट करने हेतु एक नया मोबाइल ऐप है.

क्या है सी-विजिल ऐप

cvigil1.pngसी-विजिल उपयोगकर्ता अनुकूल और आसानी से संचालित किया जाने वाला एक एंड्रायड एप्लिेकशन है. जिसका उपयोग विधान सभा निर्वाचन अधिसूचना की तारीख से उल्‍लंघनों की रिपोर्टिंग के लिए किया जा सकता है. इस ऐप की एक विशेषता यह है कि यह उड़नदस्‍तों को समय से कार्य करने के लिए डिजिटल साक्ष्‍य सुनिश्चित कराएगा. ऐप ऑटो लोकेशन कैप्‍चर के साथ जीवंत फोटो/वीडियो लेने की अनुमति देता है. इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.

कैसे करेगा काम

इस ऐप को कैमरा, अच्‍छे इन्‍टरनेट कनेक्‍शन और जीपीएस वाले किसी भी एंड्रॉइट स्‍मार्टफोन पर इंस्‍टॉल किया जा सकता है. कोई भी नागरिक, राजनीतिक कदाचार की घटनाओं के घटने के कुछ ही मिनटों में उनकी तत्‍काल रिपोर्ट कर सकते हैं, जिसके लिए रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में तत्‍काल जाने की जरूरत नहीं होती. सी-विजिल, सतर्क नागरिकों को जिला नियन्‍त्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और फील्‍ड यूनिट (उड़न दस्‍तों)/स्‍थैतिक निगरानी दलों के साथ जोड़ता है, जिससे एक तीव्र और सटीक रिपोर्टिंग, कार्रवाई और निगरानी प्रणाली सक्रिय होती है.

यह भी पढ़ें- पांच राज्यों में चुनाव का एलान, आदर्श आचार संहिता लागू

ऐसे होगा ऑपरेट

पहले चरण में कोई व्यक्ति एक फोटो खींचता है या 2 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड बनाता है. भौगोलिक सूचना प्रणाली द्वारा ऑटोमेटिड लोकेशन मैपिंग के साथ ऐप पर फोटो/वीडियो अपलोड की जाती है. इसको सफलतापूर्वक प्रस्‍तुत करने के बाद व्यक्ति को उसके मोबाइल पर निम्‍नलिखित अनुवर्ती अपडेट को प्राप्‍त और ट्रैक करने के लिए एक विशेष आईडी मिल जाती है.

दूसरे चरण में नागरिक एप शिकायत दर्ज करने पर जिला नियंत्रण कक्ष में सूचना बीप के रूप में बजती है जहां से इसे फील्ड यूनिट को सौंपा जाता है. एक फील्‍ड यूनिट में उड़नदस्‍ता स्थिर निगरानी दल रिजर्व टीम इत्‍यादि शामिल होते हैं. प्रत्‍येक फील्‍ड यूनिट के पास सी-विजिल इन्‍वेस्‍टीगेटर नामक एक जीआईएस-आधारित मोबाइल एप्लिकेशन होती है जो फील्‍ड यूनिट को जीआईएस और नेविगेशन तकनीक और कार्रवाई करने का अनुसरण करते हुए लोकेशन तक पहुंचता है.

तीसरे चरण में फील्‍ड यूनिट द्वारा शिकायत पर कार्रवाई करने के बाद, उनके द्वारा फील्‍ड रिपोर्ट को जांच एवं निपटान हेतु संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को अन्‍वेषक ऐप (इन्‍वेस्‍टीगेटर एप) के माध्‍यम से ऑनलाइन भेजा जाता है. यदि घटना सही पाई जाती है तो यह सूचना आगे की कार्रवाई हेतु भारत निर्वाचन आयोग के राष्‍ट्रीय शिकायत पोर्टल पर भेजी जाती है और इसकी सूचना सर्तक नागरिक को 100 मिनट के भीतर दे दी जाती है.

यह भी पढ़ें- सात फेज में होंगे पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, 10 फरवरी को पहला फेज, मतगणना 10 मार्च को

इसका रखें ध्यान

सी-विजिल एप्लिकेशन केवल उन्‍हीं राज्‍यों की भौगोलिक सीमा के भीतर काम करेगी जहां चुनाव हो रहे हैं.

सी-विजिल उपयोगकर्ता को फोटो खींचने या वीडियो बनाने के बाद किसी घटना की रिपोर्ट करने के लिए 5 मिनट का समय मिलेगा.

ऐप पहले से रिकॉर्ड की गई इमेज/वीडियो को अपलोड करने की अनुमति नहीं देगा.

यह उपयोगकर्ता को सीधे फोन गैलरी में इस ऐप द्वारा खींची गई फोटो/वीडियो को सुरक्षित रखने की अनुमति देगा.

Last Updated : Jan 8, 2022, 5:14 PM IST
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