पटना: बिहार समेत पूरे देश में इन दिनों साइबर अपराधी नए-नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों की गाढ़ी कमाई को लूटने में लगे हैं. मधुबनी जिले के रहने वाले एक युवक के साथ एक ऐसा ही मामला सामने आया है. मामला इतना गंभीर है कि युवक के बड़े भाई को आर्थिक अपराध इकाई में केस दर्ज करवाना पड़ा.
लोन लिया 3500 चुकाने पड़े 6 लाख
बिहार के मधुबनी के रहने वाला राजू कुमार दिल्ली में रहकर ही जॉब किया करता था. लॉकडाउन के कुछ दिन पहले ही उसकी जॉब लगी थी. कोरोना महामारी की वजह से कंपनी द्वारा समय पर पैसे नहीं मिलने पर उसने इंस्टेंट लोन एप ओके कैश के जरिए 3500 रुपए का लोन लिया था. जिसके बाद वह इस जाल में फंसता चला गया और पिछले 6 महीने में कई लोन एप के जरिए लोन लेने के बाद उसे करीब 6 लाख रुपए चुकाने पड़े.
झांसा देकर लोन एप ने बनाया शिकार
पीड़ित के भाई ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उनके और उनके भाई का नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि उनके भाई ने घरेलू खर्च को पूरा करने को लेकर ओके कैश के जरिए 3500 रुपए का लोन लिया. इसके बदले ओके कैश ने 1500 रुपए प्रोसेसिंग फीस चार्ज किया और उनके खाते में केवल 2000 रुपए डाले. जिसे उसे 7 दिनों के अंदर पूरा 3500 रुपए चुकाना था. उसे लगा की सैलरी दो-चार दिन में मिलने वाली है तो उनके पैसे हम चुका देंगे.
'मोबाइल लोन ऐप के जरिए लोगों के कांटेक्ट डिटेल्स को ले लिया जाता है. समय पर पैसे नहीं चुकता करने पर उन्हें धमकी और प्रताड़ित किया जाता है'- पीड़ित का भाई
लोन चुकाने के लिए बनाया दबाव
पीड़ित के भाई ने बताया कि उनका छोटा भाई 24 साल का है. लॉकडाउन के कुछ महीने पहले ही उसकी जॉब लगी थी. उससे पहले उसकी पढ़ाई, लिखाई और कई खर्च वो खुद ही मैनेज किया करता थे. नौकरी लगने के बाद वह घर आया था और घर से जाते समय उसके पास पैसे नहीं थे. उसने ना ही मुझे और ना ही घर के परिवार सदस्य को कुछ भी बताया और एक मोबाइल एप के जरिए 3500 रुपए का लोन ले लिया और लोन एप के जाल में फंसता गया. अंततः वह पूरी तरह से डिप्रेशन में चला गया.
डिप्रेशन में चला गया पीड़ित
पीड़ित के भाई के मुताबिक उन्हें किसी तरह से जानकारी मिली थी कि उनका भाई अब सुसाइड करना चाहता है. छोटे भाई की जान बचाने के लिए विभिन्न एप जिससे उसने लोन लिया था उनको करीब 6 लाख रुपए देकर मुक्त हुए. पीड़ित के भाई ने पटना आर्थिक अपराध इकाई में ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करवाई है. साथ ही उन्होंने आर्थिक अपराध इकाई से भी गुजारिश की है कि उनके और उनके भाई का नाम सावर्जनिक नहीं किया जाए.
मार्केट में 28 से ज्यादा लोन एप
आर्थिक अपराध इकाई के साइबर एक्सपर्ट अविनाश सौरभ ने बताया कि तुरंत पर्सनल लोन देने वाले कई एप मार्केट में छाए हुए हैं. जानकारी के अनुसार मोबाइल लोन एप ओनियन क्रेडिट और ट्रेडफॉक्स टेक्नोलॉजी के द्वारा तैयार किए गए हैं. इन लोन एप में कैश मामा, लोन जोन, धना धना लोन, कैश अप, मेरा लोन, कैश जोन, हे फिश, मंकी कैश, कैश एलिमेंट, वाटर एलिमेंट, क्विक कैश, किस लोन, क्लाउड इंस्टा रूपी लोन, कैश लोन, मास्टर मिलन जैसे लगभग 28 से ज्यादा ऐप मार्केट में छाए हुए हैं.
'लोन एप से बेरोजगार हुए लोग आसानी से इन्हें गूगल पर सर्च करने के दौरान ऐसे एप पर क्लिक कर आसानी से पैसे प्राप्त कर लेते हैं. बाद में समय पर पैसे नहीं वापस करने पर विभिन्न तरीकों से उन्हें प्रताड़ित किया जाता है'- अविनाश सौरभ, साइबर एक्सपर्ट
लोन एप के झांसे में आने से बचें
साइबर एक्सपर्ट अविनाश सौरभ की माने तो बिहार के बाहर साउथ में खासकर हैदराबाद में दो तीन मामले इससे जुड़े मिले हैं, जहां पर ऐसे समय पर वापस नहीं करने पर ग्राहक के मोबाइल को हैक करके उनके कॉन्टैक्ट्स फैमिली मेंबर को मैसेज करके तंग किया जाता है, जिस वजह से कुछ लोगों की जान तक चली गई. अविनाश सौरभ ने आम जनता को इस तरह के एप के झांसे में ना आने की सलाह दी है.
आरबीआई ने लोगों को किया सतर्क
बीते दिनों में आरबीआई ने उन सभी लोगों को चेतावनी जारी की है, जिन्होंने किसी अनऑथराइज्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए या फिर मोबाइल एप से लोन के लिए अप्लाई किया है. आरबीआई ने कहा है कि ऐसा देखा जा रहा है कि लोग फटाफट लोन पाने के चक्कर में डिजिटल फर्जीवाड़े का शिकार हो रहे हैं.
पीड़ित करें ऑनलाइन शिकायत
आरबीआई ने कहा कि लोग ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और मोबाइल ऐप से लोन लेने से बचें. लोन देने वाली ऐसी कंपनियों के बारे में अगला-पिछला जरूर चेक कर लें. ऐसी कंपनियां ग्राहकों से ज्यादा ब्याज वसूलती हैं, साथ ही इनमें कई तरह के छिपे हुआ चार्ज होते हैं, जो ग्राहकों को शुरू में पता नहीं होते. फोन के जरिए आपके पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. इस https://sachet.rbi.org.in/ पर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं.