वॉशिंगटन: सूडान में कई दिनों से जारी संघर्ष के बीच संघर्ष विराम की खबरें सामने आई हैं. जानकारी के मुताबिक सूडानी सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) ने 72 घंटों के लिए युद्धविराम की घोषणा की है, जिसका क्वाड देशों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए स्वागत किया है. साथ ही इसे पूर्ण रूप से लागू करने का भी आह्वान किया है. वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि क्वाड देशों के सदस्य सूडानी सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्स द्वारा मौजूदा संघर्ष विराम को अतिरिक्त 72 घंटों के लिए बढ़ाने और इसके पूर्ण कार्यान्वयन का आह्वान करने की घोषणा का स्वागत करते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजधानी खार्तूम और पश्चिमी दारफुर क्षेत्र में चल रही हिंसा के बीच सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) अपने संघर्ष विराम को बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं. गुरुवार को आधी रात यह फैसला लिया गया. सेना ने कहा कि वह सऊदी अरब और मध्यस्थता के प्रयासों के बाद 72 घंटों के लिए संघर्ष विराम का विस्तार करेगी. आरएसएफ ने यह भी कहा कि उसने विस्तारित युद्ध विराम को मंजूरी दे दी है.
बता दें, सूडान से फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए भारत सरकार ने 'ऑपरेशन कावेरी' शुरू किया है. सूडान में अब तक फंसे हुए भारतीयों के निकलने का क्रम लगातार जारी है. अभी तक वहां से आठ जत्थे वहां से निकल चुके हैं, जिन्हें जेद्दाह के रास्ते भारत लाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि अभी भी सूडान में 3 हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हैं. वहीं, केरल के एक शख्स की गोली लगने से मौत भी हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सूडान में अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. लोगों को पानी और खाने की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
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क्यों हो रही हिंसा: बता दें अक्टूबर 2021 में नागरिकों और सेना की संयुक्त सरकार के बीच तख्तापलट हो गया. उसके बाद से सेना (SAF) और अर्धसैनिक बल (RSF) के बीच तनाव पैदा हो गया. सेना की कमान जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान के हाथों में है और आरएसएफ की कमान हमदान दगालो यानी हेमेदती संभाल रहे हैं. अभी तक सेना और आरएसएफ देश को मिलकर चला रहे थे लेकिन हाल ही में सेना ने आरएसएफ के जवानों की तैनाती की व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया और आरएसएफ जवानों की तैनाती की नई व्यवस्था शुरू की, जिसे लेकर आरएसएफ जवान नाराज हो गए. ये नाराजगी धीरे धीरे हिंसा में बदल गई.
(एएनआई)