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बिलावल भुट्टो ने भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध बहाली की वकालत की

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस्लामाबाद में सामरिक अध्ययन संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारे मुद्दे हैं. पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध, संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है. आज, हमारे बीच गंभीर विवाद हैं और अगस्त 2019 की घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता.

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बिलावल भुट्टो
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Published : Jun 16, 2022, 9:04 PM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गुरुवार को भारत के साथ संबंध बहाली की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि न दिल्ली के साथ संबंध तोड़ना देश हित में नहीं होगा क्योंकि इस्लामाबाद पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग है. इस्लामाबाद में सामरिक अध्ययन संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा, 'भारत के साथ हमारे मुद्दे हैं. पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध, संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है. आज, हमारे बीच गंभीर विवाद हैं और अगस्त 2019 की घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता.'

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के लिए पांच अगस्त, 2019 को भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की घोषणा की थी, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में दरार आ गई. भारत के फैसले पर पाकिस्तान से कड़ी प्रतिक्रिया हुई, जिसके चलते राजनयिक संबंधों को कमतर किया गया और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया गया.

कश्मीर मुद्दे पर बिलावल ने कहा कि यह मुद्दा विदेश मंत्री बनने के बाद से मेरी किसी भी बातचीत का आधार बिंदु बन गया है. भारत के साथ संबंध बहाली का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'मई में, हमारे पास परिसीमन आयोग था (जम्मू-कश्मीर में) और फिर हाल में पदाधिकारियों की 'इस्लामोफोबिया' वाली टिप्पणी एक ऐसा माहौल बनाती है, जिसमें पाकिस्तान के लिए जुड़ाव असंभव नहीं, हालांकि, बहुत मुश्किल है.'

यह भी पढ़ें- वह दिन आएगा जब पाकिस्तान भारत के साथ कूटनीतिक, आर्थिक रूप से जुड़ सकेगा: जरदारी

बिलावल ने थिंक टैंक कार्यक्रम में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या भारत के साथ संबंध तोड़ने से पाकिस्तान के हितों की पूर्ति हो रही है, चाहे वह कश्मीर पर हो, चाहे वह बढ़ते इस्लामाफोबिया पर हो या भारत में हिंदुत्व की विचारधारा पर जोर देना हो.

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गुरुवार को भारत के साथ संबंध बहाली की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि न दिल्ली के साथ संबंध तोड़ना देश हित में नहीं होगा क्योंकि इस्लामाबाद पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग है. इस्लामाबाद में सामरिक अध्ययन संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा, 'भारत के साथ हमारे मुद्दे हैं. पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध, संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है. आज, हमारे बीच गंभीर विवाद हैं और अगस्त 2019 की घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता.'

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के लिए पांच अगस्त, 2019 को भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की घोषणा की थी, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में दरार आ गई. भारत के फैसले पर पाकिस्तान से कड़ी प्रतिक्रिया हुई, जिसके चलते राजनयिक संबंधों को कमतर किया गया और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया गया.

कश्मीर मुद्दे पर बिलावल ने कहा कि यह मुद्दा विदेश मंत्री बनने के बाद से मेरी किसी भी बातचीत का आधार बिंदु बन गया है. भारत के साथ संबंध बहाली का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'मई में, हमारे पास परिसीमन आयोग था (जम्मू-कश्मीर में) और फिर हाल में पदाधिकारियों की 'इस्लामोफोबिया' वाली टिप्पणी एक ऐसा माहौल बनाती है, जिसमें पाकिस्तान के लिए जुड़ाव असंभव नहीं, हालांकि, बहुत मुश्किल है.'

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बिलावल ने थिंक टैंक कार्यक्रम में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या भारत के साथ संबंध तोड़ने से पाकिस्तान के हितों की पूर्ति हो रही है, चाहे वह कश्मीर पर हो, चाहे वह बढ़ते इस्लामाफोबिया पर हो या भारत में हिंदुत्व की विचारधारा पर जोर देना हो.

(पीटीआई-भाषा)

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