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Year Ender 2021: पूर्व मध्य रेल के लिए सौगातों भरा रहा साल, कई बड़ी परियोजनाएं धरातल पर उतरीं

पूर्व मध्य रेल के लिए साल 2021 बेहतर रहा. 2020 में कोरोना के कारण रेल यात्रियों को काफी असुविधाएं हुई. कई परियोजनाएं रुक गईं. लेकिन 2021 में कई कार्य हुए और कुछ परियोजनाएं प्रगति पर भी हैं. पढ़ें रिपोर्ट...

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पूर्व मध्य रेल के लिए सौगातों भरा रहा साल 2021
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Published : Dec 30, 2021, 6:04 AM IST

Updated : Dec 30, 2021, 8:32 AM IST

पटनाः पूर्व मध्य रेल के लिए साल 2021 सौगातों से भरा रहा. पूर्व मध्य रेल के लिए और रेल यात्रियों के लिए 2021 बहुत अच्छा रहा (Year Ender 2021 for East Central Railway) है. कोरोना संक्रमण काल के कारण ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन में तब्दील करके चलाया जा रहा था. जिससे कि रेल यात्रियों को अधिक किराया देकर यात्रा करना पड़ रहा था. इस साल रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए स्पेशल ट्रेनों का स्टेटस खत्म करने का फैसला लिया. पूर्व मध्य रेल की बड़ी परियोजनाएं इस साल पूरी की गई.

यह भी पढ़ें- Year Ender 2021: गर्दिश में रहे चिराग पासवान के सितारे, चाचा पारस के लिए लकी रहा साल

'रेल मंत्रालय ने स्पेशल के तौर पर चलने वाली सभी ट्रेनों को अब रेगुलर ट्रेन नंबर पर चलाने का आदेश दिया है. अब सभी ट्रेनें कोरोना काल से पहले की तरह चल रही है. जिससे रेल यात्रियों पर किराया का बोझ कम हुआ है. पूर्व मध्य रेल के क्षेत्राधिकार में कई बड़ी परियोजनाओं को इस साल पूरा किया गया. कई परियोजनाओं को 2022 के शुरुआती दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. जिससे रेल यात्रियों को काफी फायदा मिलेगा.' -राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल

उन्होंने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण जो परियोजना है, उसमें पहलेजा से पाटलिपुत्र तक डबल लाइन का काम तीव्र गति से जारी है. लेकिन उम्मीद है कि अगले साल जनवरी माह तक इसकी शुरुआत की जाएगी. बता दें कि पहले इसका लक्ष्य दिसंबर 2021 रखा गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में थोड़ी सी परेशानी हुई, जिस कारण से विलंब हुआ. 2022 जनवरी में दीघा ब्रिज के रेल लाइन से एक साथ दो ट्रेन गुजर सकेगी. मुजफ्फरपुर-सगौली-वाल्मीकिनगर दोहरीकरण कार्य तीव्र गति से जारी है.

पूर्व मध्य रेल के लिए सौगातों भरा रहा साल

कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं जारी : पूर्व मध्य रेल में नई लाइन, दोहरीकरण सहित कई महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं पर तीव्रगति से कार्य जारी है. इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं में मुजफ्फरपुर-सगौली एवं सगौली-वाल्मीकिनगर रेलखंड का दोहरीकरण कार्य भी शामिल है. मुजफ्फरपुर-सगौली दोहरीकरण परियोजना (101 किमी) पर लगभग 1186 करोड़ रुपए तथा सगौली-वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना (110 किमी) पर लगभग 1216 करोड़ रुपए के व्यय आने के अनुमान हैं.

पश्चिमी चंपारण में पड़ने वाले 110 किलोमीटर लंबे सगौली-वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना को 07 छोटे-छोटे भागों में बांटकर कार्य किया जा रहा है. इस क्रम में 08 किमी लंबे चमुआ-हरिनगर, 11 किमी लंबे साठी-नरकटियागंज तथा 12 किलोमीटर लंबे सगौली-मझौलिया रेलखंड का दोहरीकरण कार्य इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है. जबकि शेष 04 खंडों का भी कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा कर लिए जाने की संभावना है.

पांच छोटे रेल पुल का निर्माण पूरा : अक्टूबर माह तक चमुआ से हरिनगर के बीच पांच छोटे रेल पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया (Construction of Five Small Rail Bridges Completed) है. पुल संख्या 317 पर कार्य युद्धस्तर पर जारी है. 08 किलोमीटर लंबे इस रेलखंड में लगभग 6 किलोमीटर ट्रैक लिंकिंग का कार्य तथा स्टेशन बिल्डिंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. इसी प्रकार नरकटियागंज से साठी (11 किमी) के बीच 08 पुल-पुलिया का निर्माण और ट्रैक लिंकिंग कार्य चल रहा है. वहीं मझौलिया-सगौली (12 किमी) के बीच 20 रेल पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है.

इसी तरह मुजफ्फरपुर-सगौली दोहरीकरण परियोजना (101 किमी) को 06 छोटे-छोटे खंडों में बांटकर कार्य किया जा रहा है. इसमें से 16 किलोमीटर लंबे महवल से चकिया तक का कार्य चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. मेहसी और पिपरा के मध्य 11 तथा पिपरा और जीवधारा के मध्य 10 तथा जीवधारा और सगौली के मध्य 07 छोटे पुलों का कार्य पूर्ण हो चुका है. जबकि शेष 03 खंडों पर दोहरीकरण कार्य प्रगति पर है.

रेल लाइन दोहरीकरण कार्य : इसके साथ ही पूर्व मध्य रेल का सोनपुर रेल मंडल में चले रहे हाजीपुर-बछवाड़ा रेल लाइन दोहरीकरण का कार्य भी तीव्र गति से जारी है. यह कार्य आने वाले 5 से 6 महीनों में पूरे कर लिए जाएंगे. लगभग 72 किलोमीटर का हाजीपुर-बछवाड़ा रेल लाइन के दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है. कई वर्षों से इसके दोहरीकरण का प्रयास जारी है. हाजीपुर से चक्करन के बीच में कट कनेक्शन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही बरौनी से कटिहार के बीच कोसी नदी पर सिंगल रेल ट्रैक के कारण एक ट्रेन के आने पर दूसरी ओर से आनेवाली ट्रेनों को अगली स्टेशन पर रोक दिया जाता था, जिससे ट्रेनें लेट हो जाती थीं. दूसरे रेल पुल के बन जाने से अप और डाउन ट्रैक पर ट्रेनें एक साथ चल सकेंगी. उन्होंने कहा कि विगत 1 से 2 महीने में यह कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा.

पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 21-22 में कई बड़ी-बड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है. लगभग पूर्व मध्य रेल के पांचों मंडलों में शत प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य हो गया है. 2021 पूर्व मध्य रेल के लिए सौगातों से भरा हुआ है. उन्होंने बताया कि झारखंड के धनबाद मंडल में भी पतरातू गढ़वा रोड में डबलिंग का काम तीव्र गति से चल रहा है. पूर्व मध्य रेल के क्षेत्राधिकार में 130 की स्पीड से ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. आने वाले दिनों में इसकी गति और बढ़ाने के लिए रेलवे ट्रैक की मरम्मति का भी कार्य जारी है.

मीठापुर आरओबी का डिजाइन फाइनल : वहीं पटना के मीठापुर आरओबी का डिजाइन फाइनल हो गया है. उन्होंने कहा कि अगले 3 से 4 महीने में वह भी बन कर कंप्लीट हो जाएगा. पटना वासियों के लिए ये सौगात बहुत जल्द मिलने वाला है. उन्होंने बताया कि किऊल से मालदा रेलखंड के बीच जमालपुर रतनपुर तक मात्र दो किमी तक की ही सिंगल लाइन है. यहां एक ट्रेन के गुजरने के बाद ही दूसरी ट्रेन का प्रवेश होता है. रेल प्रशासन इस सिंगल लाइन को डबल लाइन करने के लिए जमालपुर रतनपुर के बीच दूसरी सुरंग का निर्माण कार्य काफी तेजी से करवा रहा है. इस सुरंग का काम पूरा हो जाने से नई सुरंग चालू होते ही किऊल से मालदा तक 276 किमी का रेलवे ट्रैक पूरी तरह डबल हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि 2022 में भी सुरक्षा और रेल यात्रियों के हित के लिए और कई कदम उठाए जाएंगे. जैसे-जैसे रेल परियोजनाओं को पूर्ण किया जाएगा, वैसे-वैसे रेल यात्रियों के लिए और अधिक ट्रेनों का परिचालन होगा. पैसेंजर ट्रेन या मेल एक्सप्रेस ट्रेन की बढ़ोतरी की जाएगी. उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील की है कि जहां संपर्क फाटक हो, वहीं से क्रॉसिंग करें. क्योंकि पूर्व मध्य रेल के क्षेत्राधिकार में 130 की गति से ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है और ऐसे में लोगों को सतर्क रहना बेहद जरूरी है. इसलिए जहां समपार फाटक हो, वहीं से क्रॉस करें, अन्यथा कभी भी दुर्घटना हो सकती है.

यह भी पढ़ें- Year Ender 2021: लालू की रिहाई, तेजप्रताप-जगदानंद की लड़ाई और तेजस्वी की शादी से RJD के लिए यादगार रहा साल

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पटनाः पूर्व मध्य रेल के लिए साल 2021 सौगातों से भरा रहा. पूर्व मध्य रेल के लिए और रेल यात्रियों के लिए 2021 बहुत अच्छा रहा (Year Ender 2021 for East Central Railway) है. कोरोना संक्रमण काल के कारण ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन में तब्दील करके चलाया जा रहा था. जिससे कि रेल यात्रियों को अधिक किराया देकर यात्रा करना पड़ रहा था. इस साल रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए स्पेशल ट्रेनों का स्टेटस खत्म करने का फैसला लिया. पूर्व मध्य रेल की बड़ी परियोजनाएं इस साल पूरी की गई.

यह भी पढ़ें- Year Ender 2021: गर्दिश में रहे चिराग पासवान के सितारे, चाचा पारस के लिए लकी रहा साल

'रेल मंत्रालय ने स्पेशल के तौर पर चलने वाली सभी ट्रेनों को अब रेगुलर ट्रेन नंबर पर चलाने का आदेश दिया है. अब सभी ट्रेनें कोरोना काल से पहले की तरह चल रही है. जिससे रेल यात्रियों पर किराया का बोझ कम हुआ है. पूर्व मध्य रेल के क्षेत्राधिकार में कई बड़ी परियोजनाओं को इस साल पूरा किया गया. कई परियोजनाओं को 2022 के शुरुआती दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. जिससे रेल यात्रियों को काफी फायदा मिलेगा.' -राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल

उन्होंने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण जो परियोजना है, उसमें पहलेजा से पाटलिपुत्र तक डबल लाइन का काम तीव्र गति से जारी है. लेकिन उम्मीद है कि अगले साल जनवरी माह तक इसकी शुरुआत की जाएगी. बता दें कि पहले इसका लक्ष्य दिसंबर 2021 रखा गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में थोड़ी सी परेशानी हुई, जिस कारण से विलंब हुआ. 2022 जनवरी में दीघा ब्रिज के रेल लाइन से एक साथ दो ट्रेन गुजर सकेगी. मुजफ्फरपुर-सगौली-वाल्मीकिनगर दोहरीकरण कार्य तीव्र गति से जारी है.

पूर्व मध्य रेल के लिए सौगातों भरा रहा साल

कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं जारी : पूर्व मध्य रेल में नई लाइन, दोहरीकरण सहित कई महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं पर तीव्रगति से कार्य जारी है. इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं में मुजफ्फरपुर-सगौली एवं सगौली-वाल्मीकिनगर रेलखंड का दोहरीकरण कार्य भी शामिल है. मुजफ्फरपुर-सगौली दोहरीकरण परियोजना (101 किमी) पर लगभग 1186 करोड़ रुपए तथा सगौली-वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना (110 किमी) पर लगभग 1216 करोड़ रुपए के व्यय आने के अनुमान हैं.

पश्चिमी चंपारण में पड़ने वाले 110 किलोमीटर लंबे सगौली-वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना को 07 छोटे-छोटे भागों में बांटकर कार्य किया जा रहा है. इस क्रम में 08 किमी लंबे चमुआ-हरिनगर, 11 किमी लंबे साठी-नरकटियागंज तथा 12 किलोमीटर लंबे सगौली-मझौलिया रेलखंड का दोहरीकरण कार्य इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है. जबकि शेष 04 खंडों का भी कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा कर लिए जाने की संभावना है.

पांच छोटे रेल पुल का निर्माण पूरा : अक्टूबर माह तक चमुआ से हरिनगर के बीच पांच छोटे रेल पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया (Construction of Five Small Rail Bridges Completed) है. पुल संख्या 317 पर कार्य युद्धस्तर पर जारी है. 08 किलोमीटर लंबे इस रेलखंड में लगभग 6 किलोमीटर ट्रैक लिंकिंग का कार्य तथा स्टेशन बिल्डिंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. इसी प्रकार नरकटियागंज से साठी (11 किमी) के बीच 08 पुल-पुलिया का निर्माण और ट्रैक लिंकिंग कार्य चल रहा है. वहीं मझौलिया-सगौली (12 किमी) के बीच 20 रेल पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है.

इसी तरह मुजफ्फरपुर-सगौली दोहरीकरण परियोजना (101 किमी) को 06 छोटे-छोटे खंडों में बांटकर कार्य किया जा रहा है. इसमें से 16 किलोमीटर लंबे महवल से चकिया तक का कार्य चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. मेहसी और पिपरा के मध्य 11 तथा पिपरा और जीवधारा के मध्य 10 तथा जीवधारा और सगौली के मध्य 07 छोटे पुलों का कार्य पूर्ण हो चुका है. जबकि शेष 03 खंडों पर दोहरीकरण कार्य प्रगति पर है.

रेल लाइन दोहरीकरण कार्य : इसके साथ ही पूर्व मध्य रेल का सोनपुर रेल मंडल में चले रहे हाजीपुर-बछवाड़ा रेल लाइन दोहरीकरण का कार्य भी तीव्र गति से जारी है. यह कार्य आने वाले 5 से 6 महीनों में पूरे कर लिए जाएंगे. लगभग 72 किलोमीटर का हाजीपुर-बछवाड़ा रेल लाइन के दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है. कई वर्षों से इसके दोहरीकरण का प्रयास जारी है. हाजीपुर से चक्करन के बीच में कट कनेक्शन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही बरौनी से कटिहार के बीच कोसी नदी पर सिंगल रेल ट्रैक के कारण एक ट्रेन के आने पर दूसरी ओर से आनेवाली ट्रेनों को अगली स्टेशन पर रोक दिया जाता था, जिससे ट्रेनें लेट हो जाती थीं. दूसरे रेल पुल के बन जाने से अप और डाउन ट्रैक पर ट्रेनें एक साथ चल सकेंगी. उन्होंने कहा कि विगत 1 से 2 महीने में यह कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा.

पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 21-22 में कई बड़ी-बड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है. लगभग पूर्व मध्य रेल के पांचों मंडलों में शत प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य हो गया है. 2021 पूर्व मध्य रेल के लिए सौगातों से भरा हुआ है. उन्होंने बताया कि झारखंड के धनबाद मंडल में भी पतरातू गढ़वा रोड में डबलिंग का काम तीव्र गति से चल रहा है. पूर्व मध्य रेल के क्षेत्राधिकार में 130 की स्पीड से ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. आने वाले दिनों में इसकी गति और बढ़ाने के लिए रेलवे ट्रैक की मरम्मति का भी कार्य जारी है.

मीठापुर आरओबी का डिजाइन फाइनल : वहीं पटना के मीठापुर आरओबी का डिजाइन फाइनल हो गया है. उन्होंने कहा कि अगले 3 से 4 महीने में वह भी बन कर कंप्लीट हो जाएगा. पटना वासियों के लिए ये सौगात बहुत जल्द मिलने वाला है. उन्होंने बताया कि किऊल से मालदा रेलखंड के बीच जमालपुर रतनपुर तक मात्र दो किमी तक की ही सिंगल लाइन है. यहां एक ट्रेन के गुजरने के बाद ही दूसरी ट्रेन का प्रवेश होता है. रेल प्रशासन इस सिंगल लाइन को डबल लाइन करने के लिए जमालपुर रतनपुर के बीच दूसरी सुरंग का निर्माण कार्य काफी तेजी से करवा रहा है. इस सुरंग का काम पूरा हो जाने से नई सुरंग चालू होते ही किऊल से मालदा तक 276 किमी का रेलवे ट्रैक पूरी तरह डबल हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि 2022 में भी सुरक्षा और रेल यात्रियों के हित के लिए और कई कदम उठाए जाएंगे. जैसे-जैसे रेल परियोजनाओं को पूर्ण किया जाएगा, वैसे-वैसे रेल यात्रियों के लिए और अधिक ट्रेनों का परिचालन होगा. पैसेंजर ट्रेन या मेल एक्सप्रेस ट्रेन की बढ़ोतरी की जाएगी. उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील की है कि जहां संपर्क फाटक हो, वहीं से क्रॉसिंग करें. क्योंकि पूर्व मध्य रेल के क्षेत्राधिकार में 130 की गति से ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है और ऐसे में लोगों को सतर्क रहना बेहद जरूरी है. इसलिए जहां समपार फाटक हो, वहीं से क्रॉस करें, अन्यथा कभी भी दुर्घटना हो सकती है.

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Last Updated : Dec 30, 2021, 8:32 AM IST
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