पटनाः श्मशान पर मुर्दों से कमाई के खेल का मामला पटना सिटी के खाजेकलां घाट पर देखने को मिला. यहां कोरोना से मृत बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वनाथ भगत के डेड बॉडी डिस्पोजल करने में खाजेकलां घाट पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा है. कोरोना से मरने वालों का शव उठाने के लिए घाट पर मौजूद कर्मचारी मोटी रकम मांग रहे थे, नहीं देने पर खुद परिजनों को ही शव को शवदाहगृह ले गए और दाह संस्कार किया.
इसे भी पढ़ेंः मुर्दा सिस्टम, दलालों का जंजाल, कैसे होगा अंतिम संस्कार ? देखिए जमीनी हकीकत 'ऑपरेशन मसान'
दरअसल, बीजेपी के कदावर नेता विश्वनाथ भगत कोरोना संक्रमित पाए गए थे. इलाज के दौरान मंगलवार को उनकी मौत हो गई. जिसके बाद परिजन उनके शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए एम्बुलेंस से खाजेकलां घाट पहुंचे. जहां विधुत शवदाहगृह में मौजूद कर्मचारियों ने शव उठाने के एवज में 10 हजार रुपये मांगे. पैसे नहीं मिलने पर कर्मचारियों ने शव को हाथ तक लगाने से मना कर दिया. इसके बाद मृतक के परिजन खुद शव को विद्युत शवदाहगृह तक उठा कर ले गए और दाह संस्कार किया.
बिहार प्रदेश भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष थे विश्वनाथ भगत
मृतक विश्वनाथ भगत बिहार प्रदेश बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष, अति पिछड़ा एवं पिछड़ा आयोग के सदस्य थे. वर्तमान में वे बिहार बीजेपी कार्य समिति के सदस्य भी थे. बीजेपी नेता के परिजनों के साथ हुई घटना साबित करती है कि बिहार में इंसान के साथ इंसानियत भी मर रही है.