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बिहार में गेहूं अधिप्राप्ति लक्ष्य से पीछे, मंत्री लेसी सिंह ने कहा- 'बाजार में किसानों को मिल रहा अधिक मूल्य'

बिहार में गेहूं अधिप्राप्ति लक्ष्य से काफी पीछे (Wheat procurement in Bihar behind target) है. खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह का कहना है कि बाजार में किसानों को अधिक मूल्य मिल रहा है इसलिए अभी अधिप्राप्ति नहीं हो पा रही है. बाजार में अभी किसानों को गेहूं का अधिक मूल्य मिल रहा है. पढ़ें पूरी खबर.

Bihar Food Supplies Minister Lacey Singh
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Published : May 15, 2022, 1:50 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने 20 अप्रैल से ही गेहूं की अधिप्राप्ति (Wheat procurement in Bihar) इस बार शुरू कर दी है. 30 मई तक गेहूं की अधिप्राप्ति की जाएगी. इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल है. इसी दर से अधिप्राप्ति की जा रही है. इसस बार बिहार में गेहूं अधिप्राप्ति लक्ष्य से काफी पीछे है. बिहार की खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह (Bihar Food Supplies Minister Leshi Singh) का कहना है इस बार गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य 10 लाख मैट्रिक टन रखा गया है. 10 हजार से अधिक किसानों ने रजिस्ट्रेशन भी करवाया है. 790 मेट्रिक टन गेहूं की अधिप्राप्ति अभी तक हुई है.

ये भी पढ़ें: मंत्री लेसी सिंह का दावा- '2025 तक CM रहेंगे नीतीश कुमार, बिहार को उनकी जरूरत'

30 मई तक अधिप्राप्ति: उन्होंने कहा कि बाजार में किसानों को अधिक मूल्य मिल रहा है इसलिए अभी अधिप्राप्ति नहीं हो पा रही है. ऐसे 30 मई तक अधिप्राप्ति की जाएगी. अभी समय है. ऐसे सरकार का मकसद यही है कि किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले. जो न्यूनतम खरीद मूल है, हर हाल में किसानों को उससे कम ना मिले. बाजार में अभी किसानों को गेहूं का अधिक मूल्य मिल रहा है तो यह अच्छी बात है.

सीधे किसानों के खाते में भुगतान: बिहार सरकार की ओर से रैयत किसानों से अधिकतम 150 क्विंटल और गैर रैयत किसानों से अधिकतम 50 क्विंटल की गेहूं अधिप्राप्ति का प्रावधान रखा गया है. अधिप्राप्ति किए गए गेहूं का भुगतान किसानों के खाते में सीधे किया जाएगा. नगद राशि देने का कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर रजिस्टर्ड भी करना होगा. बिहार में गेहूं की खरीद पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से की जा रही है.

ये भी पढ़ें: CM नीतीश कुमार ने महिला सशक्तिकरण के लिए किया बेहतर काम, मिलना चाहिए भारत रत्न: मंत्री लेसी सिंह

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पटना: बिहार सरकार ने 20 अप्रैल से ही गेहूं की अधिप्राप्ति (Wheat procurement in Bihar) इस बार शुरू कर दी है. 30 मई तक गेहूं की अधिप्राप्ति की जाएगी. इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल है. इसी दर से अधिप्राप्ति की जा रही है. इसस बार बिहार में गेहूं अधिप्राप्ति लक्ष्य से काफी पीछे है. बिहार की खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह (Bihar Food Supplies Minister Leshi Singh) का कहना है इस बार गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य 10 लाख मैट्रिक टन रखा गया है. 10 हजार से अधिक किसानों ने रजिस्ट्रेशन भी करवाया है. 790 मेट्रिक टन गेहूं की अधिप्राप्ति अभी तक हुई है.

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30 मई तक अधिप्राप्ति: उन्होंने कहा कि बाजार में किसानों को अधिक मूल्य मिल रहा है इसलिए अभी अधिप्राप्ति नहीं हो पा रही है. ऐसे 30 मई तक अधिप्राप्ति की जाएगी. अभी समय है. ऐसे सरकार का मकसद यही है कि किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले. जो न्यूनतम खरीद मूल है, हर हाल में किसानों को उससे कम ना मिले. बाजार में अभी किसानों को गेहूं का अधिक मूल्य मिल रहा है तो यह अच्छी बात है.

सीधे किसानों के खाते में भुगतान: बिहार सरकार की ओर से रैयत किसानों से अधिकतम 150 क्विंटल और गैर रैयत किसानों से अधिकतम 50 क्विंटल की गेहूं अधिप्राप्ति का प्रावधान रखा गया है. अधिप्राप्ति किए गए गेहूं का भुगतान किसानों के खाते में सीधे किया जाएगा. नगद राशि देने का कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर रजिस्टर्ड भी करना होगा. बिहार में गेहूं की खरीद पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से की जा रही है.

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