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गांव में घुसा बाढ़ का पानी, सरकारी मदद की आस में सड़क पर बैठे लोग - गांव में घुसा बाढ़ का पानी

सरकारी लाभ नहीं मिलने के कारण यहां के ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति गुस्सा है. आक्रोशित ग्रामीणों ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. साथ ही उन्होंने मांग की है कि सरकार की तरफ से उन्हें उचित लाभ दिया जाए.

गंगा नदी
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Published : Sep 18, 2019, 7:53 PM IST

पटना: मंगलवार देर रात हुई तेज बारिश के कारण शहर में बाढ़ का खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है. गंगा में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसका नतीजा है कि नदी से सटे कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. शहर के अलखनाथ, उमानाथ और सीढ़ी घाट की सभी सीढ़ियां डूब गई हैं, जिस कारण यहां के लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

गांव में घुसा गंगा का पानी
बाढ़ प्रखंड के पछियारी मलाही गांव में गंगा का पानी तेजी से घुस रहा है. यहां की सड़कें, स्कूल और घर सभी डूब चुके हैं, ग्रामीण बेघर हो गए हैं. उन्हें रहने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं मिल पा रहा है. पशुओं को आधा पेट खाना खिलाकर ऊंची जगहों पर बांधने को मजबूर हैं.

patna
गांव में घुसा पानी

लोगों को हो रही है दिक्कत
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ का खतरा बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है. लोगों के पास रहने के लिए सुरक्षित जगह नहीं है और न ही खाने के लिए ढंग का खाना, सभी जैसे-तैसे अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं.

patna
पशुओं को बांधने में हो रही दिक्कत

ग्रामीणों में सरकार के प्रति गुस्सा
वहीं, सरकारी लाभ नहीं मिलने के कारण यहां के ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति गुस्सा है. आक्रोशित ग्रामीणों ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. साथ ही उन्होंने मांग की है कि सरकार की तरफ से उन्हें उचित लाभ दिया जाए.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

सरकारी सुविधा की आस
गौरतलब है कि इस गांव के लोगों का जीवन खेती पर निर्भर है, लेकिन गांव में बाढ़ का पानी घुसने के कारण सभी भूखे-प्यासे जीवन गुजारने को मजबूर हैं. प्रभावित लोग सड़क के किनारे सरकारी सुविधा की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से इन्हें किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है.

पटना: मंगलवार देर रात हुई तेज बारिश के कारण शहर में बाढ़ का खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है. गंगा में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसका नतीजा है कि नदी से सटे कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. शहर के अलखनाथ, उमानाथ और सीढ़ी घाट की सभी सीढ़ियां डूब गई हैं, जिस कारण यहां के लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

गांव में घुसा गंगा का पानी
बाढ़ प्रखंड के पछियारी मलाही गांव में गंगा का पानी तेजी से घुस रहा है. यहां की सड़कें, स्कूल और घर सभी डूब चुके हैं, ग्रामीण बेघर हो गए हैं. उन्हें रहने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं मिल पा रहा है. पशुओं को आधा पेट खाना खिलाकर ऊंची जगहों पर बांधने को मजबूर हैं.

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गांव में घुसा पानी

लोगों को हो रही है दिक्कत
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ का खतरा बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है. लोगों के पास रहने के लिए सुरक्षित जगह नहीं है और न ही खाने के लिए ढंग का खाना, सभी जैसे-तैसे अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं.

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पशुओं को बांधने में हो रही दिक्कत

ग्रामीणों में सरकार के प्रति गुस्सा
वहीं, सरकारी लाभ नहीं मिलने के कारण यहां के ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति गुस्सा है. आक्रोशित ग्रामीणों ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. साथ ही उन्होंने मांग की है कि सरकार की तरफ से उन्हें उचित लाभ दिया जाए.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

सरकारी सुविधा की आस
गौरतलब है कि इस गांव के लोगों का जीवन खेती पर निर्भर है, लेकिन गांव में बाढ़ का पानी घुसने के कारण सभी भूखे-प्यासे जीवन गुजारने को मजबूर हैं. प्रभावित लोग सड़क के किनारे सरकारी सुविधा की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से इन्हें किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है.

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Body:बाढ़ प्रखंड के पछियारी मलाही गांव में गंगाजल का प्रत्याशी वृद्धि होने के कारण सभी घरों में गंगा का पानी घुस गया और वहीं बाढ़ के शहर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ शहर के अलखनाथ उमानाथ और सीढ़ी घाट जैसे स्थानों पर सभी सीढ़ियां डूब गई है। गंगा के किनारे बसा पछियारी मलाही गांव गंगा के सबसे पहले चपेट में आ गई।जैसे ही बीती रात अचानक हुई गंगा जल स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण कई घरों में पानी घुस गया। इस गांव के बाशिंदे परेशान हलकान हो गए हैं जानवर को आधी पेट खिलाकर सड़क पर बांधना पड़ रहा है। लोगों को खुद अपने लिए उचित जगह पर आशियाना ढूंढना पड़ रहा है।
सरकारी लाभ नहीं मिलने के कारण आक्रोशित ग्रामीणों ने सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की।

विदित हो कि इस गांव के लोग अधिकतर खेती दुरा दलाल सबके गंगा के किनारे हैं।उनके कारण गंगा जलस्तर वृद्धि होने के बाद इन लोगों के जीवन यापन सड़क पर आ गया है। आज भी प्रभावित लोग सड़क के किनारे सरकारी सुविधा के आस लगाए बैठे हैं। लेकिन अभी तक प्रभावित लोग सरकार की तरफ से कोई सुविधा मुहैया नहीं करा पाए हैं।

वाइट- रणधीर कुमार (वार्ड सदस्य)
वाइट- रुकमणी देवी (स्थानीय ग्रामीण)
वाइट-स्थानीय ग्रामीण


Conclusion:
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