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2019 की तरह इस साल भी डूब जाएगी पटना! दो दिनों की बारिश में पानी-पानी हुई राजधानी

पटना में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के कारण जलजमाव की स्थिति पैदा दो गई है. दीघा से लेकर इंद्रपुरी, राजीव नगर, आशियाना, पुनाईचक और पाटलिपुत्र में लोग जलजमाव के कारण परेशान हैं.

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पटना का ये हाल हो गया
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Published : Jun 20, 2021, 10:58 PM IST

पटनाः सरकार का दावा है कि इस बार पटना में जलजमाव (Water logging in Patna) नहीं होगा. लगातार हुई दो दिनों की बारिश में पटना निगम के दावों की हवा निकल गई. कई इलाके जलमग्न हो गए. सड़कों पर इतना पानी भर गया कि लोग परेशान हैं.

इसे भी पढ़ेंः बिहार में बाढ़: कई स्थानों पर गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

दीघा में जलजमाव की स्थिति
दरअसल, प्रदेश में इन दिनों मानसून (Monsoon In Bihar) काफी सक्रिय हो गया है. पटना सहित प्रदेश के दर्जनों शहरों में भारी बारिश हो रही है. राजधानी पटना में भी पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिसके कारण दीघा (Bigha), इंद्रपुरी (Indrapuri), राजीव नगर (Rajiv Nagar), आशियाना नगर (Ashiyana Nagar) और पाटलिपुत्र (Patliputra) जैसे रिहायशी इलाकों में भी जलजमाव से लोग परेशान हैं. जलजमाव के कारण छोटी-बड़ी वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लग गया है.

देखें वीडियो

दीघा की स्थिति यह है कि लोग गाड़ी लेकर बाजार तक नहीं जा पा रहे हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि नालों और सीवरेज की स्थिति (Condition of Sewage in Patna) ठीक नहीं होने से पानी की निकासी (Drainage of water) नहीं हो पा रही है. इलाके में रहने वाले लोगों ने इसके लिए कई बार नगर निगम (Patna Nagar Nigam) के अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की है लेकिन सारी शिकायतें ठाक के तीन पात साबित होती दिख रही है.

नगर निगम का दावा हुआ फुस्स
बिहार में मानसून से पहले पटना नगर निगम दावा कर रहा था कि राजथानी में इस बार जलजमाव की स्थिति नहीं बनेगी. निगम के दावों के अनुसार पटना के सभी 9 बड़े नालों के साथ छोटे नालों की सफाई कर ली गई है. वहीं पटना के संप हाउसों में भी मरम्मती का काम भी बारिश से पहले ही पूरा कर लिया गया था. वहीं पटना के संप हाउसों में नए अतिरिक्त पंप भी लगाए गए थे.

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पटना नगर निगम की फिर खुली पोल

इसे भी पढ़ेंः बिहार में बाढ़: कई स्थानों पर गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

क्या फिर से बनेगें 2019 वाले हालात?
नगर निगम के कामों की निगरानी खुद बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Dy CM Tarkishore Prasad) कर रहे थे. लेकिन ये सारे दावे और तैयारियों की पोल पहली ही बारिश ने खोल कर रख दी है. पटना का हाल ये है कि यहां जलजमाव से लोग परेशान हैं. वहीं बिहार में जिस तरह से मानसून सक्रिय दिख रहा है उससे लगता नहीं है कि बिहार में बारिश से अभी निजात मिलेगी.

मौसम विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले दिनों तक लगातार बारिश होगी. ऐसे में सवाल उठता है कि दो दिनों की बारिश में पटना के ये हाल हैं तो आने वाले दिनों में क्या होगा? क्या पटना को फिर से 2019 वाले दिन देखने पड़ेंगे?

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दो दिनों की बारिश में ही जलजमाव

इसे भी पढ़ेंः बिहार के इन 9 जिलों में मौसम विभाग की चेतावनी, आंधी-वज्रपात और बारिश का अलर्ट

बिहार के कई इलाकों में बाढ जैसे हालात?
एक ओर जहां राजधानी पटना में बारिश के बाद जलजमाव की स्थिति बन आई है तो वहीं बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति दिख रही है. नेपाल के तराई क्षेत्रों से सटे बिहार के बेतिया, मोतिहारी और गोपालगंज में बाढ का पानी कई गांवों में फैल गया है. नेपाल के तराई वाले इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण वाल्मीकि नगर बाराज से 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी के जलस्तर में बढोत्तरी हुई है. यही कारण है कि नदी अपनी सीमा लांघ कर गांवों तक पहुंच गई है.

पटनाः सरकार का दावा है कि इस बार पटना में जलजमाव (Water logging in Patna) नहीं होगा. लगातार हुई दो दिनों की बारिश में पटना निगम के दावों की हवा निकल गई. कई इलाके जलमग्न हो गए. सड़कों पर इतना पानी भर गया कि लोग परेशान हैं.

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दीघा में जलजमाव की स्थिति
दरअसल, प्रदेश में इन दिनों मानसून (Monsoon In Bihar) काफी सक्रिय हो गया है. पटना सहित प्रदेश के दर्जनों शहरों में भारी बारिश हो रही है. राजधानी पटना में भी पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिसके कारण दीघा (Bigha), इंद्रपुरी (Indrapuri), राजीव नगर (Rajiv Nagar), आशियाना नगर (Ashiyana Nagar) और पाटलिपुत्र (Patliputra) जैसे रिहायशी इलाकों में भी जलजमाव से लोग परेशान हैं. जलजमाव के कारण छोटी-बड़ी वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लग गया है.

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दीघा की स्थिति यह है कि लोग गाड़ी लेकर बाजार तक नहीं जा पा रहे हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि नालों और सीवरेज की स्थिति (Condition of Sewage in Patna) ठीक नहीं होने से पानी की निकासी (Drainage of water) नहीं हो पा रही है. इलाके में रहने वाले लोगों ने इसके लिए कई बार नगर निगम (Patna Nagar Nigam) के अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की है लेकिन सारी शिकायतें ठाक के तीन पात साबित होती दिख रही है.

नगर निगम का दावा हुआ फुस्स
बिहार में मानसून से पहले पटना नगर निगम दावा कर रहा था कि राजथानी में इस बार जलजमाव की स्थिति नहीं बनेगी. निगम के दावों के अनुसार पटना के सभी 9 बड़े नालों के साथ छोटे नालों की सफाई कर ली गई है. वहीं पटना के संप हाउसों में भी मरम्मती का काम भी बारिश से पहले ही पूरा कर लिया गया था. वहीं पटना के संप हाउसों में नए अतिरिक्त पंप भी लगाए गए थे.

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पटना नगर निगम की फिर खुली पोल

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क्या फिर से बनेगें 2019 वाले हालात?
नगर निगम के कामों की निगरानी खुद बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Dy CM Tarkishore Prasad) कर रहे थे. लेकिन ये सारे दावे और तैयारियों की पोल पहली ही बारिश ने खोल कर रख दी है. पटना का हाल ये है कि यहां जलजमाव से लोग परेशान हैं. वहीं बिहार में जिस तरह से मानसून सक्रिय दिख रहा है उससे लगता नहीं है कि बिहार में बारिश से अभी निजात मिलेगी.

मौसम विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले दिनों तक लगातार बारिश होगी. ऐसे में सवाल उठता है कि दो दिनों की बारिश में पटना के ये हाल हैं तो आने वाले दिनों में क्या होगा? क्या पटना को फिर से 2019 वाले दिन देखने पड़ेंगे?

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दो दिनों की बारिश में ही जलजमाव

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बिहार के कई इलाकों में बाढ जैसे हालात?
एक ओर जहां राजधानी पटना में बारिश के बाद जलजमाव की स्थिति बन आई है तो वहीं बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति दिख रही है. नेपाल के तराई क्षेत्रों से सटे बिहार के बेतिया, मोतिहारी और गोपालगंज में बाढ का पानी कई गांवों में फैल गया है. नेपाल के तराई वाले इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण वाल्मीकि नगर बाराज से 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी के जलस्तर में बढोत्तरी हुई है. यही कारण है कि नदी अपनी सीमा लांघ कर गांवों तक पहुंच गई है.

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