पटना: सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार (Nitish Kumar Janta Darbar) में आए एक फरियादी ने पंचायती राज में व्याप्त भ्रष्टाचार (Corruption Issue) को उजागर किया. वार्ड सचिव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि बिना 40 प्रतिशत कमीशन के पैसा खाते में ट्रांसफर नहीं होता है. इसमें नीचे लेकर ऊपर तक के लोग शामिल हैं.
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''सर हम वार्ड सचिव हैं. भ्रष्टाचार रोकने की हम कोशिश में लगे हैं. साढ़े तीन साल से बीडीओ साहब रघुवंश कुमार, पंचायत सचिव रविन्दर कुमार, मुखिया जवाहर चौधरी हमें परेशान करके रख दिए हैं. कोई भी योजना में 40 प्रतिशत कमिशन के बिना खाता में रुपया ट्रांसफर नहीं होता है. जब हम बीडीओ के पास गए तो उन्होंने कहा कि किसी को सभी करता है सिर्फ तुम्ही को परेशानी है. डांटकर भगा दिए. निगरानी विभाग ने गिरफ्तार भी किया था. लेकिन छूट गया है.''- वार्ड सचिव, फरियादी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फरियादी को संबंधित विभाग के पास जाकर अपनी समस्याओं को बताने का निर्देश दिया. बता दें कि 5 साल के बाद कोरोना काल में शुरू किए गए जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में फिलहाल सीमित संख्या में ही लोगों को शामिल किया जा रहा है. जनता दरबार में शामिल होने के लिए लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है. सीमित संख्या में लोगों को बुलाये जाने के चलते रजिस्ट्रेशन कराने के बावजूद लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनते हैं. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती हैं. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.
प्रथम सोमवार: गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाते हैं.
द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें सुनी जाती है.
तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभागों के मामले लिए जाते हैं.