पटना: बिहार में थानों द्वारा जब्त वाहन (Vehicles seized by police stations in Bihar) अब पुलिस के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं. उन वाहनों को रखने में कई तरह की समस्याएं आ रही हैं. थानों में वैसे भी जगह की कमी होती. शराब तस्करी के मामलों को लेकर जब्त वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इन वाहनों को रखने के लिए पुलिस प्रशासन को सिर खपाना पड़ता है. इसलिए अब एक अहम फैसला लिया गया. पटना पुलिस ने जब्त वाहनों के लिए व्हीकल यार्ड (Vehicle yard to be built in Patna) बनाने का निर्णय लिया है.
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थानों के बाहर वाहनों की लगी रहती है कतार: राजधानी पटना के थानों द्वारा पकड़े जाने वाले वाहनों को रखने के लिए पटना के शहरी क्षेत्र के पास 20 एकड़ जमीन पर व्हीकल यार्ड (Vehicle yard on 20 acres of land in Patna)बनेगा. इस यार्ड को सेंट्रल व्हीकल यार्ड के नाम से जाना जाएगा. दअरसल, राजधानी पटना के थानों द्वारा चेकिंग अभियान के दौरान गाड़ी के पेपर या आपराधिक वारदातों में उपयोग हुए वाहनों को जब्त किया जाता है. मद्य निषेध कानून के तहत पकड़े गये वाहनों को थानों में खड़ा किया जाता है. इससे थानों के बाहर वाहनों की कतार लगी रहती है. इसे लेकर हाईकोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी.
ट्रैफिक की समस्या: कहीं ना कहीं इन वाहनों के कारण ट्रैफिक की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है. इसके बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर अब शहरी क्षेत्रों के थानों में खड़े वाहनों को तत्काल बांस घाट के गंगा के पास शिफ्ट किया जा रहा है. बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद सिंह गंगवार के अनुसार पटना पुलिस ने जिला प्रशासन से पटना के सटे क्षेत्र में 20 एकड़ जमीन मांगी है. इस जमीन पर थानों में पकड़े जाने वाले वाहनों के लिए यार्ड बनाया जाना है. हालांकि शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद वाहनों की जब्ती को लेकर थोड़ी राहत की उम्मीद है.
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हाईकोर्ट ने लगायी थी फटकार: आपको बता दें कि हाईकोर्ट की फटकार के बाद बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल (Bihar DGP Sanjeev Kumar Singhal) और एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने विगत कुछ दिन पहले गांधी मैदान थाना और ट्रैफिक थाना का मुआयना किया था. उन्होंने गांधी मैदान थाना के बाहर खड़े वाहनों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने का निर्देश दिया था. इसके बाद गांधी मैदान थाना, ट्रैफिक थाना और गर्दनीबाग थाने के सामने रखे गये जब्त वाहनों को हटा दिया गया है. इसके साथ ही उन सभी थानों से जब्त वाहनों को हटाने की प्रक्रिया भी चल रही है जो सड़क किनारे रखे हुए हैं.
गांधी मैदान थाने और ट्रैफिक थाने द्वारा जब्त वाहनों को थाना परिसर और आसपास से हटाकर बांस घाट और बांस घाट से गंगा की ओर जाने वाले रास्तों में शिफ्ट किया गया है. सवाल यह उठ रहा है कि अगले कुछ ही महीनों में बारिश शुरू हो जायेगी, तब इन गाड़ियों की स्थिति क्या होगी. हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि बरसात से पहले जिला प्रशासन द्वारा जमीन चिह्नित कर पटना पुलिस को सौंप दी जाएगी. इसके बाद इन गाड़ियों को वहां पर शिफ्ट किया जाएगा.
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जिला प्रशासन से 20 एकड़ जमीन की मांग: बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक हाई कोर्ट के निर्देश के साथ ही शहरी क्षेत्रों के कन्जस्टेड थानों के पास वाहन रखने से कहीं ना कहीं ट्रैफिक की भी समस्या उत्पन्न होती है. जिस वजह से पटना पुलिस द्वारा जिला प्रशासन से 20 एकड़ जमीन की मांग की गई है. राजधानी पटना के थानों का आलम यह है कि मौजूदा वक्त में जब्त वाहनों से थाना और उसके आसपास के इलाके भरे हुए हैं. राजधानी पटना के पत्रकार नगर थाना की बात करें तो हजारों की संख्या में दो पहिया और चारपहिया वाहन थाना परिसर में ही खड़े हैं. इससे पुलिस कर्मियों के साथ-साथ आम लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
आपको बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने राजधानी पटना के सभी थानों द्वारा जब्त वाहनों का पूरा ब्योरा 9 अप्रैल तक सरकार से मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि पुलिस प्रशासन सुनिश्चित करें कि पटना के गांधी मैदान थाना के आसपास पार्किंग स्थल को छोड़कर और कहीं भी किसी वाहनों की पार्किंग नहीं होगी. चीफ जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अधिवक्ता शिल्पी केसरी द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया था. इस मामले में अगली सुनवाई आज होगी.
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