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वैशाली के अनाथ बच्चों को सात समंदर पार मिला सहारा, नए घर में जी रहे खुशहाल जिंदगी

बिहार में कोरोना काल (Corona Period in Bihar) 2021 में जिन बच्चों को देखकर आंखें भर आती थी, आज उनका सितारा इस कदर बुलंदियों पर है कि किसी सपने जैसा लगता है. अमेरिका और इटली गए वो बेसहारा बच्चे जिन्हें सड़क पर मरने के लिए छोड़ा दिया गया था, आज वो सात समंदर पार शानदार जिंदगी जी रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

वैशाली का विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान
वैशाली का विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान
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Published : Jan 2, 2022, 8:28 AM IST

वैशाली: अगर आपको यह कहा जाए कि एक नवजात बच्चे को सड़क पर छोड़कर कोई भाग गया है, तो आप आसानी से यकीन कर लेंगे. लेकिन, अगर आपको यह कहा जाए कि सड़क पर मरने के लिए छोड़े गए बच्चे सात समंदर पार अमेरिका और इटली में शानदार जिंदगी जी रहे हैं, तो शायद यकीन करना मुश्किल हो जाएगा, ये बात बिल्कुल सच है. बीते 2021 ने कोविड-19 की वजह से कई तरह के तकलीफों से लोगों को रूबरू कराया, वहीं कुछ अच्छी यादें भी 2021 की है.

ये भी पढ़ें- पूर्णिया: विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में एक साथ 2 बच्चों का हुआ एडॉप्शन, दंपत्तियों के खिले चेहरे

2021 में वैशाली जिले के हाजीपुर से दो बच्चे सात समंदर पार गए थे. वो भी वैसे बच्चे जिन्हें अपनों ने सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया था. ये बच्चे ना सिर्फ सात समुंदर पार गए हैं. बल्कि, एक आलीशान जिंदगी भी जी रहे हैं. बात हो रही है हाजीपुर के एसडीओ रोड में चलने वाले विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान (Vaishali Specialized Adoption Institute) की. जहां सरकारी तौर पर उन बच्चों की देखभाल की जाती है, जिन्हें या तो सड़क पर फेंक दिया गया है या जिनके अभिभावक ने उन का परित्याग कर दिया है.

वैशाली का विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान

ऐसे कई बच्चे यहां की संस्था में एक साथ बेहद खुशहाली से जिंदगी जी रहे हैं. इन्हीं बच्चों में एक बच्चा 11 अक्टूबर 2021 को इटली की एक दंपति ने बच्चा गोद लेने का आवेदन दिया था. सभी मापदंडों पर सही पाए जाने के बाद इटली के एक बेहद संपन्न व्यवसायी परिवार को बच्चा सौंप दिया गया. बच्चे के पैर में बेहद गंभीर बीमारी थी. बताया जा रहा है कि इटली जाने के बाद बच्चे की वह बीमारी भी अब धीरे-धीरे ठीक हो रही है. बच्चा बेहद खुश है.

वहीं, दूसरी ओर 26 अक्टूबर 2021 को अमेरिका से आए एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर दंपति ने एक बच्चे को गोद लिया था. यह बच्चा भी बिल्कुल स्वस्थ है और काफी खुश बताया जा रहा है. दोनों ही बच्चों की मॉनिटरिंग वैशाली जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है. समय-समय पर विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान से वीडियो कॉल के जरिए विदेश गए बच्चों का आकलन किया जाता है.

''इटली और अमेरिका गए बच्चे बेहद खुश हैं और स्वस्थ हैं. उनका वीडियो भी अक्सर आते रहता है. इसके अलावा रूबी कुमारी ने संस्था में बचे उन 10 बच्चों के लिए भी भगवान से प्रार्थना की है कि उनका भी जीवन जल्द खुशियों से भर जाए. 2021 में जहां दो बच्चे भाग्यशाली साबित हुए, वहीं 2022 में सभी बच्चे भाग्यशाली बन जाए.''- रूबी कुमारी, कोऑर्डिनेटर, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान

ये भी पढ़ें- मिलिए नैना के इटालियन मम्मी-पापा से, अब सात समंदर पार नये घर में होगी परवरिश

हाजीपुर के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में वैशाली की डीएम उदिता सिंह (Vaishali DM Udita Singh) और एसपी मनीष अपना जन्मदिन बच्चों के साथ सेलिब्रेट कर चुके हैं. इसके अलावा तमाम बड़े अधिकारी इन बच्चों की देखरेख में लगे रहते हैं. सुरक्षा की दृष्टिकोण से पूरी संस्था सीसीटीवी से लैस है. बच्चों के खान-पान के अलावा इनके खेलने कूदने और पर्सनालिटी डेवलप्ड की भी व्यवस्था बड़े पैमाने पर की गई है. यही कारण है कि यहां रहने वाले बच्चे आपस में ही एक खुशहाल परिवार की तरह रहते हैं.

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वैशाली: अगर आपको यह कहा जाए कि एक नवजात बच्चे को सड़क पर छोड़कर कोई भाग गया है, तो आप आसानी से यकीन कर लेंगे. लेकिन, अगर आपको यह कहा जाए कि सड़क पर मरने के लिए छोड़े गए बच्चे सात समंदर पार अमेरिका और इटली में शानदार जिंदगी जी रहे हैं, तो शायद यकीन करना मुश्किल हो जाएगा, ये बात बिल्कुल सच है. बीते 2021 ने कोविड-19 की वजह से कई तरह के तकलीफों से लोगों को रूबरू कराया, वहीं कुछ अच्छी यादें भी 2021 की है.

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2021 में वैशाली जिले के हाजीपुर से दो बच्चे सात समंदर पार गए थे. वो भी वैसे बच्चे जिन्हें अपनों ने सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया था. ये बच्चे ना सिर्फ सात समुंदर पार गए हैं. बल्कि, एक आलीशान जिंदगी भी जी रहे हैं. बात हो रही है हाजीपुर के एसडीओ रोड में चलने वाले विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान (Vaishali Specialized Adoption Institute) की. जहां सरकारी तौर पर उन बच्चों की देखभाल की जाती है, जिन्हें या तो सड़क पर फेंक दिया गया है या जिनके अभिभावक ने उन का परित्याग कर दिया है.

वैशाली का विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान

ऐसे कई बच्चे यहां की संस्था में एक साथ बेहद खुशहाली से जिंदगी जी रहे हैं. इन्हीं बच्चों में एक बच्चा 11 अक्टूबर 2021 को इटली की एक दंपति ने बच्चा गोद लेने का आवेदन दिया था. सभी मापदंडों पर सही पाए जाने के बाद इटली के एक बेहद संपन्न व्यवसायी परिवार को बच्चा सौंप दिया गया. बच्चे के पैर में बेहद गंभीर बीमारी थी. बताया जा रहा है कि इटली जाने के बाद बच्चे की वह बीमारी भी अब धीरे-धीरे ठीक हो रही है. बच्चा बेहद खुश है.

वहीं, दूसरी ओर 26 अक्टूबर 2021 को अमेरिका से आए एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर दंपति ने एक बच्चे को गोद लिया था. यह बच्चा भी बिल्कुल स्वस्थ है और काफी खुश बताया जा रहा है. दोनों ही बच्चों की मॉनिटरिंग वैशाली जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है. समय-समय पर विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान से वीडियो कॉल के जरिए विदेश गए बच्चों का आकलन किया जाता है.

''इटली और अमेरिका गए बच्चे बेहद खुश हैं और स्वस्थ हैं. उनका वीडियो भी अक्सर आते रहता है. इसके अलावा रूबी कुमारी ने संस्था में बचे उन 10 बच्चों के लिए भी भगवान से प्रार्थना की है कि उनका भी जीवन जल्द खुशियों से भर जाए. 2021 में जहां दो बच्चे भाग्यशाली साबित हुए, वहीं 2022 में सभी बच्चे भाग्यशाली बन जाए.''- रूबी कुमारी, कोऑर्डिनेटर, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान

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हाजीपुर के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में वैशाली की डीएम उदिता सिंह (Vaishali DM Udita Singh) और एसपी मनीष अपना जन्मदिन बच्चों के साथ सेलिब्रेट कर चुके हैं. इसके अलावा तमाम बड़े अधिकारी इन बच्चों की देखरेख में लगे रहते हैं. सुरक्षा की दृष्टिकोण से पूरी संस्था सीसीटीवी से लैस है. बच्चों के खान-पान के अलावा इनके खेलने कूदने और पर्सनालिटी डेवलप्ड की भी व्यवस्था बड़े पैमाने पर की गई है. यही कारण है कि यहां रहने वाले बच्चे आपस में ही एक खुशहाल परिवार की तरह रहते हैं.

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