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सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर RLSP ने केंद्र और राज्य सरकारों पर बोला हमला - Prime Minister Narendra Modi

रालोसपा नेता ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार पिछड़ों के चैंपियन बनते हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को पिछड़े तबके का बताते हैं, लेकिन सरकारी नौकरियों में आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, इसके बाबजूद दोनों ही चुप हैं.

रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा
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Published : Oct 16, 2019, 6:57 PM IST

पटना: सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जो लोग पिछड़ों के मसीहा और चैंपियन होने का दावा कर रहे हैं, वह पिछड़े-अति पिछड़ा वर्ग के साथ हो रही अनदेखी पर आखिर चुप क्यों है.

रालोसपा सुप्रीमो ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अविलंब विधानमंडल का सत्र बुलाकर इस मामले पर संकल्प पत्र जारी करने की मांग की.

'सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बढ़ी परेशानी'
कुशवाहा ने कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. जिन लोगों की आबादी 80 फीसदी है उन्हें 50 फीसदी से कम सीटों पर नौकरी मिल रही है. वहीं जिन लोगों की संख्या तकरीबन 20 फीसदी है उन्हें 50 फीसदी से अधिक सीटों पर नौकरी मिल रही है. यह आरक्षण कानून लागू होने के बाद पहली बार हो रहा है. इसके बाद भी ये लोग चुप हैं.

उपेंद्र कुशवाहा, रालोसपा अध्यक्ष

'आरक्षण में हो रही गड़बड़ी पर विचार जरूरी'
रालोसपा नेता ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार पिछड़ों के चैंपियन बनते हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को पिछड़े तबके का बताते हैं, लेकिन सरकारी नौकरियों में आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और उससे पिछड़ा समाज को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसके बाबजूद दोनों ही चुप हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस मामले को लेकर बिहार और अन्य राज्यों के राजनीतिक दलों के नेताओं से बात करेंगे. जिसके बाद आरक्षण में हो रही भारी गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए विचार करना जरूरी होगा. रालोसपा इस मामले पर राष्ट्रपति से मिलकर ज्ञापन सौंपने की तैयारी में है.

सामान्य वर्ग से ज्यादा कट ऑफ मार्क्स आरक्षित वर्ग के लिए
दरअसल 3 दिन पहले बीपीएससी की 63वीं परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया. रिजल्ट में सामान्य वर्ग से ज्यादा कट ऑफ मार्क्स आरक्षित वर्ग के लिए रखा गया है. इस कारण आरक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों को नौकरी में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यह बीपीएससी और अन्य सरकारी नौकरियों के रिजल्ट में भी देखा जा रहा है.

पटना: सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जो लोग पिछड़ों के मसीहा और चैंपियन होने का दावा कर रहे हैं, वह पिछड़े-अति पिछड़ा वर्ग के साथ हो रही अनदेखी पर आखिर चुप क्यों है.

रालोसपा सुप्रीमो ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अविलंब विधानमंडल का सत्र बुलाकर इस मामले पर संकल्प पत्र जारी करने की मांग की.

'सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बढ़ी परेशानी'
कुशवाहा ने कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. जिन लोगों की आबादी 80 फीसदी है उन्हें 50 फीसदी से कम सीटों पर नौकरी मिल रही है. वहीं जिन लोगों की संख्या तकरीबन 20 फीसदी है उन्हें 50 फीसदी से अधिक सीटों पर नौकरी मिल रही है. यह आरक्षण कानून लागू होने के बाद पहली बार हो रहा है. इसके बाद भी ये लोग चुप हैं.

उपेंद्र कुशवाहा, रालोसपा अध्यक्ष

'आरक्षण में हो रही गड़बड़ी पर विचार जरूरी'
रालोसपा नेता ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार पिछड़ों के चैंपियन बनते हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को पिछड़े तबके का बताते हैं, लेकिन सरकारी नौकरियों में आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और उससे पिछड़ा समाज को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसके बाबजूद दोनों ही चुप हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस मामले को लेकर बिहार और अन्य राज्यों के राजनीतिक दलों के नेताओं से बात करेंगे. जिसके बाद आरक्षण में हो रही भारी गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए विचार करना जरूरी होगा. रालोसपा इस मामले पर राष्ट्रपति से मिलकर ज्ञापन सौंपने की तैयारी में है.

सामान्य वर्ग से ज्यादा कट ऑफ मार्क्स आरक्षित वर्ग के लिए
दरअसल 3 दिन पहले बीपीएससी की 63वीं परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया. रिजल्ट में सामान्य वर्ग से ज्यादा कट ऑफ मार्क्स आरक्षित वर्ग के लिए रखा गया है. इस कारण आरक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों को नौकरी में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यह बीपीएससी और अन्य सरकारी नौकरियों के रिजल्ट में भी देखा जा रहा है.

Intro:सरकारी नौकरियों में आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। जिन लोगों की आबादी 80% है उन्हें 50% से कम सीटों पर नौकरी मिल रही है वहीं जिन लोगों का संख्या तकरीबन 20% है उन्हें 50% से अधिक सीटों पर नौकरी मिल रही है। यह आरक्षण कानून लागू होने के बाद पहली बार हो रहा है। जो लोग पिछड़ों के मसीहा और चैंपियन होने का दावा कर रहे हैं, वह आखिर चुप क्यों है ? रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अभिलंब विधानमंडल का सत्र बुलाकर इस मामले पर संकल्प पत्र जारी करने की मांग की है।


Body:कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार पिछड़ो के चैंपियन बनते हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने को पिछड़ा बताते रहते हैं। लेकिन जिस तरह से सरकारी नौकरियों में आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है उससे पिछले समाज को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
रालोसपा इस मामले पर राष्ट्रपति से मिलकर ज्ञापन सौंपने की तैयारी में है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस मामले को लेकर बिहार और अन्य राज्यों के राजनीतिक दलों के नेताओं से बात करेंगे। जिसके बाद आरक्षण में हो रही भारी गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए विचार करना जरूरी होगा।


Conclusion:दरअसल 3 दिन पहले बीपीएससी द्वारा 63 वीं परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया। रिजल्ट में के कट ऑफ मार्क्स सामान्य वर्ग से ज्यादा आरक्षित वर्ग का रखा गया है। जिससे आरक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों को नौकरी पाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह बीपीएससी के अन्य सरकारी नौकरियों के रिजल्ट में भी देखा जा रहा है। रालोसपा इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठने वाली और तमाम राजनीतिक दलों को इस मामले पर जोड़कर मुहिम चलाएगी।
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