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शिक्षक नियोजन: तीसरे चरण की काउंसलिंग में देरी से अभ्यर्थी नाराज, पूछा- कब तक करें इंतजार - प्राथमिक शिक्षक नियोजन

बिहार में प्राइमरी टीचर की काउंसलिंग पर संकट के बादल छाए हुए हैं. 38000 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के बाद अगले राउंड की काउंसलिंग का इंतजार किया जा रहा है. लेकिन निर्वाचन आयोग की ओर से अब तक जवाब नहीं आया है. पढ़ें पूरी खबर..

teacher counseling in bihar
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Published : Oct 5, 2021, 3:42 PM IST

पटना: बिहार में प्राथमिक शिक्षकों (Primary Teacher Recruitment) के नियोजन (Bihar Shikshak Niyojan) पर छाए संकट के बादल खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. 38000 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के बाद अगले राउंड की काउंसलिंग का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को जनवरी तक इंतजार करना पड़ सकता है. निर्वाचन आयोग से अब तक काउंसलिंग की परमिशन नहीं मिली है.

यह भी पढ़ें- बिहार प्राथमिक शिक्षक नियोजनः दूसरे दौर की भी काउंसिलिंग नहीं हुई पूरी, अभ्यर्थी करने लगे थे तीसरे का इंतजार

शिक्षक अभ्यर्थी लगातार सचिवालय का चक्कर लगा रहे हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं. लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी कुछ भी स्पष्ट बोलने से बच रहे हैं. इस बारे में अभ्यर्थियों ने जानकारी दी है कि उन्होंने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार और प्राथमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात की है.

देखें वीडियो

"सेकंड राउंड की बची हुई काउंसलिंग कब होगी किसी को पता नहीं है. हम अभ्यर्थियों ने अपर मुख्य सचिव से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को लेटर भेजे थे. अब निर्वाचन आयोग ने शिक्षा विभाग से यह जानकारी मांगी है कि काउंसलिंग कहां-कहां करानी है. इसके बाद शिक्षा विभाग ने निर्वाचन आयोग को काउंसलिंग की पूरी जानकारी भेजी है."- विनीता, शिक्षक अभ्यर्थी

यह भी पढ़ें- शिक्षा विभाग और संघ आमने-सामने, महज 11000 शिक्षकों ने अब तक अपलोड किया सर्टिफिकेट

अभ्यर्थियों ने बताया कि शिक्षा विभाग, निर्वाचन आयोग के बहाने काउंसलिंग को टालना चाहता है. इस बहाली को लंबा खींचना चाहता है.
दूसरी ओर चयनित अभ्यर्थियों का नियोजन भी रद्द किया जा रहा है.

"अगर एक अभ्यर्थी धांधली करता है या नियोजन इकाई द्वारा धांधली कराया जाता है तो उस परिस्थिति में उस नियोजन इकाई के सभी चयनित शिक्षकों का चयन रद्द करना क्या उचित है. सही चयन हुए अभ्यर्थी की क्या गलती है जो उनकी उम्मीदवारी को रद्द किया जाता है."- मनीष कमल, शिक्षक अभ्यर्थी

यह भी पढ़ें- शिक्षक नियोजन के 90762 पदों पर चयनित 38 हजार अभ्यर्थियों की लिस्ट होगी अपलोड, आदेश जारी

अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि जिस अभ्यर्थी का चयन गलत हुआ है, उस अभ्यर्थी का चयन रद्द किया जाए ना की नियोजन इकाई में चयनित सभी अभ्यर्थियों का. शिक्षा विभाग और सरकार संज्ञान में लेकर जल्द से जल्द समस्या का समाधान करें.

इधर शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक निर्वाचन आयोग को दोबारा पत्र भेजा गया है, जिसमें ना सिर्फ प्राइमरी बल्कि सेकेंडरी टीचर नियोजन के बारे में जानकारी दी गई है कि यह पुरानी प्रक्रिया है और इसे जारी रखने की अनुमति दी जाए. अब शिक्षा विभाग को निर्वाचन आयोग के जवाब का इंतजार है. हालांकि इस पूरे मामले में जिस तरह की सुस्त प्रक्रिया चल रही है, उससे इस बात की संभावना ज्यादा है कि पंचायत चुनाव के बाद ही प्राथमिक शिक्षकों के 90762 और माध्यमिक शिक्षकों के करीब 30000 पदों पर काउंसलिंग का काम पूरा हो पाएगा.

पटना: बिहार में प्राथमिक शिक्षकों (Primary Teacher Recruitment) के नियोजन (Bihar Shikshak Niyojan) पर छाए संकट के बादल खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. 38000 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के बाद अगले राउंड की काउंसलिंग का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को जनवरी तक इंतजार करना पड़ सकता है. निर्वाचन आयोग से अब तक काउंसलिंग की परमिशन नहीं मिली है.

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शिक्षक अभ्यर्थी लगातार सचिवालय का चक्कर लगा रहे हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं. लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी कुछ भी स्पष्ट बोलने से बच रहे हैं. इस बारे में अभ्यर्थियों ने जानकारी दी है कि उन्होंने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार और प्राथमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात की है.

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"सेकंड राउंड की बची हुई काउंसलिंग कब होगी किसी को पता नहीं है. हम अभ्यर्थियों ने अपर मुख्य सचिव से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को लेटर भेजे थे. अब निर्वाचन आयोग ने शिक्षा विभाग से यह जानकारी मांगी है कि काउंसलिंग कहां-कहां करानी है. इसके बाद शिक्षा विभाग ने निर्वाचन आयोग को काउंसलिंग की पूरी जानकारी भेजी है."- विनीता, शिक्षक अभ्यर्थी

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अभ्यर्थियों ने बताया कि शिक्षा विभाग, निर्वाचन आयोग के बहाने काउंसलिंग को टालना चाहता है. इस बहाली को लंबा खींचना चाहता है.
दूसरी ओर चयनित अभ्यर्थियों का नियोजन भी रद्द किया जा रहा है.

"अगर एक अभ्यर्थी धांधली करता है या नियोजन इकाई द्वारा धांधली कराया जाता है तो उस परिस्थिति में उस नियोजन इकाई के सभी चयनित शिक्षकों का चयन रद्द करना क्या उचित है. सही चयन हुए अभ्यर्थी की क्या गलती है जो उनकी उम्मीदवारी को रद्द किया जाता है."- मनीष कमल, शिक्षक अभ्यर्थी

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अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि जिस अभ्यर्थी का चयन गलत हुआ है, उस अभ्यर्थी का चयन रद्द किया जाए ना की नियोजन इकाई में चयनित सभी अभ्यर्थियों का. शिक्षा विभाग और सरकार संज्ञान में लेकर जल्द से जल्द समस्या का समाधान करें.

इधर शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक निर्वाचन आयोग को दोबारा पत्र भेजा गया है, जिसमें ना सिर्फ प्राइमरी बल्कि सेकेंडरी टीचर नियोजन के बारे में जानकारी दी गई है कि यह पुरानी प्रक्रिया है और इसे जारी रखने की अनुमति दी जाए. अब शिक्षा विभाग को निर्वाचन आयोग के जवाब का इंतजार है. हालांकि इस पूरे मामले में जिस तरह की सुस्त प्रक्रिया चल रही है, उससे इस बात की संभावना ज्यादा है कि पंचायत चुनाव के बाद ही प्राथमिक शिक्षकों के 90762 और माध्यमिक शिक्षकों के करीब 30000 पदों पर काउंसलिंग का काम पूरा हो पाएगा.

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