पटना: नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ( Lalu Yadav ) के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) बिहार में पहली बार रैला करने जा रहे हैं. यूं कहे तो बिहार में लगभग 25 साल बाद कोई रैला होने जा रहा है. 1997 में लालू यादव के नेतृत्व में 'महागरीब रैला' हुआ था और अब तेजस्वी के नेतृत्व में पहली बार बेरोजगार रैला करने की तैयारी है.
दरअसल, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) ने राज्य में दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव के मतदान से पहले ये ऐलान किया है कि वो जल्द ही बिहार में देश का सबसे बड़ा 'बेरोजगार रैला' करने जा रहे हैं. उन्होंने खुद ट्विटर पर लिखकर इसका ऐलान किया है. उन्होंने लिखा है कि जल्दी ही बिहार में करेंगे देश का सबसे बड़ा 'बेरोजगार रैला'.
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बता दें कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में यह पहली बड़ी रैली होगी. माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव बेरोजगारी का मुद्दा उठाकर सभी समाज के युवाओं के बीच अपनी पैठ गहरी करना चाहते हैं. साथ ही वो इस मुद्दे के जरिए सीएम नीतीश और पीएम मोदी, दोनों पर एक साथ एक तीर से निशाना साधना चाहते हैं.
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जल्दी ही बिहार में करेंगे देश का सबसे बड़ा “बेरोजगार रैला”
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दरअसल, पीएम मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में ही हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा किया था, जबकि नीतीश कुमार ने 2020 विधानसभा चुनाव में 19 लाख युवाओं को रोजगार देने का का वादा किया था. विपक्ष का आरोप है कि मोदी और नीतीश द्वारा किया गया वादा अब तक पूरा नहीं हो सका है.
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बता दें कि तेजस्वी यादव के पिता लालू यादव 1990 के दशक से ही ऐसी रैलियां और रैला करते आ रहे हैं. साल 1995 में अपनी सरकार के पांच साल पूरे होने पर लालू यादव ने सबसे पहले गरीब रैली की थी. इसके अगले ही साल 1996 में उन्होंने रैली की जगह रैला शब्द का इस्तेमाल करते हुए 'गरीब रैला' का आयोजन किया था.
इसके बाद लालू ने 1997 में 'महागरीब रैला', 2003 में 'लाठी रैली', 2007 में 'चेतावनी रैली', 2012 में 'परिवर्तन रैली' और 2017 में 'भाजपा भगाओ, देश बचाओ रैली' की थी. ऐसे में तेजस्वी अपने पिता लालू की राह पर चलते हुए पहली बार ही रैली नहीं रैला करने जा रहे हैं, जिसका नाम उन्होंने 'बेरोजगार रैला' रखा है.