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बोले तेजस्वी- '17 साल सरकार में रहकर भी BJP की बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं'

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया है. तेजस्वी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस (Tejashwi Yadav Press conference) कहा कि वह भविष्य की तैयारी कर रहे हैं. उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. उनका यह बयान उस समय आया है, जब उनके साथ बुधवार को एआईएमआईएम छोड़कर राजद में शामिल हुए हैं. चार विधायक भी राजद के प्रदेश कार्यालय में उपस्थित थे. पढ़ें पूरी खबर..

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
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Published : Jun 30, 2022, 10:57 PM IST

पटनाः एआईएमआईएम के चार विधायकों का पार्टी में विलय (Four AIMIM MLA joined RJD) के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव फार्म में दिख रहे हैं. गुरुवार को राजद के प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा कि वे भविष्य की तैयारी (Tejashwi Yadav Statement On Bihar Politics ) कर रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एआईएमआईएम छोड़कर राजद में शामिल चारों विधायक भी मौजूद थे. उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. इस दौरान तेजस्वी ने बीजेपी पर भी बड़ा हमला बोला और अकेले चुनाव नहीं लड़ने पर सवाल उठाया. बीजेपी और जदयू के बीच जारी खटपट के बीच तेजस्वी के बयान को बिहार में किसी बड़े राजनीति बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.


पढ़ें-बिहार में ओवैसी की पार्टी टूटी, AIMIM के 4 विधायक RJD में शामिल

अध्यक्ष ने की घोषणा, सदन में राजद बनी सबसे बड़ी पार्टीः प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से मुखातिब होते हुए तेजस्वी (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने कहा कि यह बहुत ही अद्भुत बात है कि विपक्षी पार्टी में दूसरे दलों के विधायक शामिल हो रहे हैं. जबकि अभी तक यह ऐसा नहीं होता था. आमतौर पर विधायक सत्तापक्ष की पार्टी में शामिल होते थे. तेजस्वी ने कहा कि आज महागठबंधन की बड़ी जीत हुई है. आधिकारिक रूप से विधानसभा अध्यक्ष ने सभी पहलुओं को देखने के बाद आज बिहार विधानसभा के सत्र के समापन भाषण में यह घोषणा की कि चारों विधायकों को राष्ट्रीय जनता दल में सम्मिलित किया जाता है.

इसका यह मायने है कि राष्ट्रीय जनता दल अब बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर (RJD Biggest Party In Bihar) उभरी है. उन्होंने कहा कि देश में आजकल या पूर्व में भी यह कहीं देखने को नहीं मिला है कि विपक्षी दल में दूसरे दल के विधायकों विलय कर रहे हों. यह विलय सभी विलयों से अलग है. हमेशा देखा जाता रहा है कि जहां सत्ताधारी दल है, वहां लोग मिले करते हैं.

राजद सीटों में ही नहीं वोट में भी सबसे आगेः यह साफ दिखाता है कि हमारे नेता लालू प्रसाद का जो नेतृत्व है और जो सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की जो विचारधारा है. यह इतना मजबूत है कि हर कोई इससे प्रभावित रहता है. वरना 17 साल से विपक्ष में रहने के बाद भी आज तक भाजपा को इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वह बिहार में अकेले चुनाव लड़े. उन्होंने कहा कि आज अगर यह आकलन किया जाए कि महागठबंधन के पास कितना वोट है या एनडीए को ज्यादा वोट है. क्योंकि 2020 में अंतर केवल 12000 मतों का था.

एक करोड़ 56 लाख महागठबंधन को मत मिला, जबकि एक करोड़ 56 लाख 12 हजार एनडीए को मत मिला. चार विधायक जुड़ने के बाद और बोचहा उपचुनाव जीतने के बाद हमारा मत कम से कम 15000 ज्यादा होगा. अगर एनडीए और महागठबंधन के वोट को प्रतिशत में बांटा जाए तो हम एनडीए से आगे हैं. बड़ी जीत उपचुनाव में भी मिली और इसमें भी मिली.

सीमांचल में भी राजद मजबूतः तेजस्वी ने कहा कि सीमांचल में ज्यादातर सीटें कांग्रेस को दी गई थी. सीमांचल से जितनी संख्या हमको मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली. अब सीमांचल में भी हम मजबूत हो चुके हैं. सीमांचल बहुत गरीब इलाका है. अभी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है और हमारे चारों विधायकों से बात हुई है.

सीमांचल विकास आयोग का गठन होः सभी सीमांचल के विकास को लेकर चिंतित हैं. हम लोग जल्द ही सीमांचल के विकास को लेकर एक बड़ी लड़ाई लड़ेंगे. पार्टी के एजेंडे में सीमांचल विकास आयोग बनाने की बात थी उसको लेकर के हम लोग लड़ाई लड़ेंगे कि सरकार सीमांचल के लिए आयोग बनाए. उसके विकास के लिए मूल्यांकन करें. और उस सही सलाह देते हुए कि कहां क्या कमी है उसे पूरा किया जाए. उसी हिसाब से बजट का पैसा सीमांचल के इलाकों में खर्च होना चाहिए.

सीमांचल शुरू से ही लालू प्रसाद का इलाका रहा हैः तेजस्वी ने कहा कि वह शीघ्र ही सीमांचल के दौरे पर जाएंगे. सीमांचल शुरू से ही लालू प्रसाद का इलाका रहा है और उनकी विचारधारा को मानने वाले लोग वहां हैं. इन चारों विधायकों ने लोगों की अपील और समय की मांग पर निर्णय लिया. मैं पुनः इन सभी को दिल से बधाई देता हूं. पार्टी में जुड़ने के बाद चारों विधायक पहली बार ऑफिस में आए हैं तो हमारे प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इन सभी को सम्मानित किया है.

राजद में शामिल चारों विधायक इलाके में चलायेंगे सदस्यता अभियानः हमारे यह चारों विधायक के इस इलाके में सदस्यता अभियान को तेजी से चलाने का काम करेंगे. हम सब मिलकर के सीमांचल की जो मूल समस्याएं हैं, उसका समाधान खोजने की कोशिश करेंगे. एक सवाल के जवाब में तेजस्वी ने कहा कि अगर हम सिंगल लार्जेस्ट पार्टी नहीं होते तो बीजेपी होती.

..राजद ने कभी नहीं कहा कि अख्तरुल इमान ने धोखा दियाः

तो क्या एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष को सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में बीजेपी पसंद थी? मैं अख्तरुल इमान का बहुत सम्मान करता हूं. वह हमारी पार्टी के पुराने सदस्य रहे हैं. बीच में वह भी तो पार्टी छोड़ कर चले गए थे. हमने तो ऐसी बात कभी नहीं की कि अख्तरुल इमान ने धोखा दिया और न ही हम यह कहना चाहते हैं कि अख्तरुल साहब ने धोखा दिया. वह जदयू में थे यानी बीजेपी के घटक दल में थे. मैं यह सब नहीं कह रहा. वह मेरे बड़े भाई हैं. मैं उनका सम्मान करता हूं.

बड़ी पार्टी बना करके झुनझुना नहीं बजाना हैः राजनीति में सक्रिय होने के बाद जब मैं पहली बार बिहार दौरा पर निकला था तब उस समय मेरे साथ बहुत कम लोग थे जिसमें एक अख्तरुल इमान भी थे. साथ उन्होंने छोड़ा था. हम इस पर कुछ कहना नहीं चाहते हैं. एक अन्य प्रश्न के जवाब में तेजस्वी ने कहा कि कौन भविष्य के लिए तैयारी नहीं करता है? जो भविष्य के लिए तैयार ही नहीं करता है उसका अस्तित्व मिट जाता है और मिट रहा है. हम क्यों न तैयारी करें? बड़ी पार्टी बना करके झुनझुना नहीं बजाना है. हम लोग लड़ाई लड़ रहे हैं. और बड़ी पार्टी हम अपने आप से नहीं बना रहे हैं.

अख्तरुल इमान को राजद ने पहली बार बनाया था विधायकः जब बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनी तो लोग चिंतित हो गए थे कि कहीं सेकुलर विचार धारा के लोगों को कहीं कोई दिक्कत न हो. इन्होंने खुद राजद में आने का प्रस्ताव दिया हमने स्वागत किया. यह सभी पार्टी में पहले से रहे हैं. यह सब पुराने घर लौटे हैं. इन लोगों से पुराना ताल्लुक था और एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल साहब से भी पुराना ताल्लुक है. उनको भी पहली बार विधायक राजद नहीं बनाया.

पॉलिटिकल पार्टी का धर्म नहींः पॉलिटिकल पार्टी कोई जाति या धर्म की नहीं होती और हमारी पार्टी में हम हर किसी की बात करते हैं. और हर एक पॉलिटिकल पार्टी का दायित्व होना चाहिए कि वह सब की बात करें. हमारे लिए सभी लोग बराबर हैं और बराबर रहेंगे. हमारी पार्टी में नेता, विधायक, एमपी, एमएलसी या पार्टी के पदाधिकारी हर जाति धर्म और वर्ग से हैं. कोई एमपी के रूप में है कोई एमएलए के रूप में है कोई एमएलए एमएलसी के रूप में है. कोई बड़े पदाधिकारी के रूप में है.

राजद ने दल के भीतर दलितों को आरक्षण दियाः राजद पहली ऐसी पार्टी है जिसने अपने संगठन में दलितों और पिछड़ों को आरक्षण दिया था. जनता की मांग थी कि यह चारों विधायक सांप्रदायिक विचारधारा को रोके तब यह राजद में शामिल हुए. जब चुनाव हुआ तब भी हम बड़े पार्टी रहे और अब इतना वक्त गुजरने के बाद हमारी संख्या बढ़ती ही रही.

पढ़ें- BJP विधायक बचौल को धमकी पर बोले AIMIM विधायक- 'यह सरकार के निकम्मेपन का सबूत है'

पटनाः एआईएमआईएम के चार विधायकों का पार्टी में विलय (Four AIMIM MLA joined RJD) के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव फार्म में दिख रहे हैं. गुरुवार को राजद के प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा कि वे भविष्य की तैयारी (Tejashwi Yadav Statement On Bihar Politics ) कर रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एआईएमआईएम छोड़कर राजद में शामिल चारों विधायक भी मौजूद थे. उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. इस दौरान तेजस्वी ने बीजेपी पर भी बड़ा हमला बोला और अकेले चुनाव नहीं लड़ने पर सवाल उठाया. बीजेपी और जदयू के बीच जारी खटपट के बीच तेजस्वी के बयान को बिहार में किसी बड़े राजनीति बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.


पढ़ें-बिहार में ओवैसी की पार्टी टूटी, AIMIM के 4 विधायक RJD में शामिल

अध्यक्ष ने की घोषणा, सदन में राजद बनी सबसे बड़ी पार्टीः प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से मुखातिब होते हुए तेजस्वी (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने कहा कि यह बहुत ही अद्भुत बात है कि विपक्षी पार्टी में दूसरे दलों के विधायक शामिल हो रहे हैं. जबकि अभी तक यह ऐसा नहीं होता था. आमतौर पर विधायक सत्तापक्ष की पार्टी में शामिल होते थे. तेजस्वी ने कहा कि आज महागठबंधन की बड़ी जीत हुई है. आधिकारिक रूप से विधानसभा अध्यक्ष ने सभी पहलुओं को देखने के बाद आज बिहार विधानसभा के सत्र के समापन भाषण में यह घोषणा की कि चारों विधायकों को राष्ट्रीय जनता दल में सम्मिलित किया जाता है.

इसका यह मायने है कि राष्ट्रीय जनता दल अब बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर (RJD Biggest Party In Bihar) उभरी है. उन्होंने कहा कि देश में आजकल या पूर्व में भी यह कहीं देखने को नहीं मिला है कि विपक्षी दल में दूसरे दल के विधायकों विलय कर रहे हों. यह विलय सभी विलयों से अलग है. हमेशा देखा जाता रहा है कि जहां सत्ताधारी दल है, वहां लोग मिले करते हैं.

राजद सीटों में ही नहीं वोट में भी सबसे आगेः यह साफ दिखाता है कि हमारे नेता लालू प्रसाद का जो नेतृत्व है और जो सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की जो विचारधारा है. यह इतना मजबूत है कि हर कोई इससे प्रभावित रहता है. वरना 17 साल से विपक्ष में रहने के बाद भी आज तक भाजपा को इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वह बिहार में अकेले चुनाव लड़े. उन्होंने कहा कि आज अगर यह आकलन किया जाए कि महागठबंधन के पास कितना वोट है या एनडीए को ज्यादा वोट है. क्योंकि 2020 में अंतर केवल 12000 मतों का था.

एक करोड़ 56 लाख महागठबंधन को मत मिला, जबकि एक करोड़ 56 लाख 12 हजार एनडीए को मत मिला. चार विधायक जुड़ने के बाद और बोचहा उपचुनाव जीतने के बाद हमारा मत कम से कम 15000 ज्यादा होगा. अगर एनडीए और महागठबंधन के वोट को प्रतिशत में बांटा जाए तो हम एनडीए से आगे हैं. बड़ी जीत उपचुनाव में भी मिली और इसमें भी मिली.

सीमांचल में भी राजद मजबूतः तेजस्वी ने कहा कि सीमांचल में ज्यादातर सीटें कांग्रेस को दी गई थी. सीमांचल से जितनी संख्या हमको मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली. अब सीमांचल में भी हम मजबूत हो चुके हैं. सीमांचल बहुत गरीब इलाका है. अभी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है और हमारे चारों विधायकों से बात हुई है.

सीमांचल विकास आयोग का गठन होः सभी सीमांचल के विकास को लेकर चिंतित हैं. हम लोग जल्द ही सीमांचल के विकास को लेकर एक बड़ी लड़ाई लड़ेंगे. पार्टी के एजेंडे में सीमांचल विकास आयोग बनाने की बात थी उसको लेकर के हम लोग लड़ाई लड़ेंगे कि सरकार सीमांचल के लिए आयोग बनाए. उसके विकास के लिए मूल्यांकन करें. और उस सही सलाह देते हुए कि कहां क्या कमी है उसे पूरा किया जाए. उसी हिसाब से बजट का पैसा सीमांचल के इलाकों में खर्च होना चाहिए.

सीमांचल शुरू से ही लालू प्रसाद का इलाका रहा हैः तेजस्वी ने कहा कि वह शीघ्र ही सीमांचल के दौरे पर जाएंगे. सीमांचल शुरू से ही लालू प्रसाद का इलाका रहा है और उनकी विचारधारा को मानने वाले लोग वहां हैं. इन चारों विधायकों ने लोगों की अपील और समय की मांग पर निर्णय लिया. मैं पुनः इन सभी को दिल से बधाई देता हूं. पार्टी में जुड़ने के बाद चारों विधायक पहली बार ऑफिस में आए हैं तो हमारे प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इन सभी को सम्मानित किया है.

राजद में शामिल चारों विधायक इलाके में चलायेंगे सदस्यता अभियानः हमारे यह चारों विधायक के इस इलाके में सदस्यता अभियान को तेजी से चलाने का काम करेंगे. हम सब मिलकर के सीमांचल की जो मूल समस्याएं हैं, उसका समाधान खोजने की कोशिश करेंगे. एक सवाल के जवाब में तेजस्वी ने कहा कि अगर हम सिंगल लार्जेस्ट पार्टी नहीं होते तो बीजेपी होती.

..राजद ने कभी नहीं कहा कि अख्तरुल इमान ने धोखा दियाः

तो क्या एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष को सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में बीजेपी पसंद थी? मैं अख्तरुल इमान का बहुत सम्मान करता हूं. वह हमारी पार्टी के पुराने सदस्य रहे हैं. बीच में वह भी तो पार्टी छोड़ कर चले गए थे. हमने तो ऐसी बात कभी नहीं की कि अख्तरुल इमान ने धोखा दिया और न ही हम यह कहना चाहते हैं कि अख्तरुल साहब ने धोखा दिया. वह जदयू में थे यानी बीजेपी के घटक दल में थे. मैं यह सब नहीं कह रहा. वह मेरे बड़े भाई हैं. मैं उनका सम्मान करता हूं.

बड़ी पार्टी बना करके झुनझुना नहीं बजाना हैः राजनीति में सक्रिय होने के बाद जब मैं पहली बार बिहार दौरा पर निकला था तब उस समय मेरे साथ बहुत कम लोग थे जिसमें एक अख्तरुल इमान भी थे. साथ उन्होंने छोड़ा था. हम इस पर कुछ कहना नहीं चाहते हैं. एक अन्य प्रश्न के जवाब में तेजस्वी ने कहा कि कौन भविष्य के लिए तैयारी नहीं करता है? जो भविष्य के लिए तैयार ही नहीं करता है उसका अस्तित्व मिट जाता है और मिट रहा है. हम क्यों न तैयारी करें? बड़ी पार्टी बना करके झुनझुना नहीं बजाना है. हम लोग लड़ाई लड़ रहे हैं. और बड़ी पार्टी हम अपने आप से नहीं बना रहे हैं.

अख्तरुल इमान को राजद ने पहली बार बनाया था विधायकः जब बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनी तो लोग चिंतित हो गए थे कि कहीं सेकुलर विचार धारा के लोगों को कहीं कोई दिक्कत न हो. इन्होंने खुद राजद में आने का प्रस्ताव दिया हमने स्वागत किया. यह सभी पार्टी में पहले से रहे हैं. यह सब पुराने घर लौटे हैं. इन लोगों से पुराना ताल्लुक था और एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल साहब से भी पुराना ताल्लुक है. उनको भी पहली बार विधायक राजद नहीं बनाया.

पॉलिटिकल पार्टी का धर्म नहींः पॉलिटिकल पार्टी कोई जाति या धर्म की नहीं होती और हमारी पार्टी में हम हर किसी की बात करते हैं. और हर एक पॉलिटिकल पार्टी का दायित्व होना चाहिए कि वह सब की बात करें. हमारे लिए सभी लोग बराबर हैं और बराबर रहेंगे. हमारी पार्टी में नेता, विधायक, एमपी, एमएलसी या पार्टी के पदाधिकारी हर जाति धर्म और वर्ग से हैं. कोई एमपी के रूप में है कोई एमएलए के रूप में है कोई एमएलए एमएलसी के रूप में है. कोई बड़े पदाधिकारी के रूप में है.

राजद ने दल के भीतर दलितों को आरक्षण दियाः राजद पहली ऐसी पार्टी है जिसने अपने संगठन में दलितों और पिछड़ों को आरक्षण दिया था. जनता की मांग थी कि यह चारों विधायक सांप्रदायिक विचारधारा को रोके तब यह राजद में शामिल हुए. जब चुनाव हुआ तब भी हम बड़े पार्टी रहे और अब इतना वक्त गुजरने के बाद हमारी संख्या बढ़ती ही रही.

पढ़ें- BJP विधायक बचौल को धमकी पर बोले AIMIM विधायक- 'यह सरकार के निकम्मेपन का सबूत है'

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