पटना: बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पूर्णिया की रैली में जब ये कहा कि ये उनका आखिरी चुनाव है तो बिहार की सियासत में हलचल मच गई. नीतीश धमदाह में एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे थे. अपने रिटायरमेंट के साथ ही नीतीश ने बिहार के सियासत की अगली पीढ़ी यानी तेजस्वी और चिराग के लिए एक खुला मैदान छोड़ दिया है.
नीतीश ने की रिटायमेंट की घोषणा
बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के लिए शनिवार को मतदान होगा. लेकिन इससे पहले नीतीश कुमार ने अपनी रिटायरमेंट का ऐलान करते हुए साफ कर दिया कि ये चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा. नीतीश कुमार ने कहा, "आज चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है और ये मेरा आखिरी चुनाव है...अंत भला तो सब भला..बताइये जिताइयेगा ना लेसी सिंह को?"
नीतीश ने साफ कर दिया कि इसके बाद के चुनावों में वे दिखाई नहीं देंगे ना तो किसी के लिए वोट मांगेंगे और ना ही सीएम पद के लिए उम्मीदवार होंगे. उनके इस ऐलान से उन्हें फायदा होगा या नुकसान ये तो 10 नवंबर को पता चलेगा, लेकिन ये तो तय है कि उनके जाने से तेजस्वी और चिराग के सामने अब बिहार में राजनीति की असीम संभावनाएं हैं.
तेजस्वी और चिराग अपने शुरुआती दौर में
तेजस्वी यादव और चिराग पासवान दोनों ने ही अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की है. उनके सामने एक लंबा वक्त है. बिहार में नीतीश के बाद अब उनके कद का कोई दूसरा नेता नहीं है. ऐसे में चिराग और तेजस्वी ही बिहार के युवा नेता के रूप में दिखाई दे रहे हैं.