पटना: बिहार की राजनीति (Bihar Politics) का हमेशा केंद्र सरकार पर असर दिखता है. या ये कहे कि बिहार की राजनीति देश की राजनीति तय करती है (Politics Of Bihar Decides Politics of Country) तो गलत नहीं होगा. एक समय बिहार भाजपा में सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार बिहार भाजपा के नीति निर्धारक हुआ करते थे. राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (Rajya Sabha MP Sushil Modi) नंबर 1 की हैसियत रखते थे. लेकिन अब वह बीते दिनों की बात हो गई. तिकड़ी को बिहार की सक्रिय राजनीति से किनारे कर दिया गया है. बिहार भाजपा में ड्राइविंग सीट पर नित्यानंद राय, संजय जायसवाल और मंगल पांडे हैं. नित्यानंद राय की हैसियत बिहार भाजपा में फिलहाल नंबर एक की है और नित्यानंद राय को विजयोत्सव कार्यक्रम की सफलता के बाद सीएम इन वेटिंग भी माना जाने लगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी नित्यानंद राय की खूब तारीफ की थी.
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तेजस्वी ने नित्यानंद राय पर कसा तंज : भूपेंद्र यादव, नित्यानंद राय और संजय जयसवाल पिछले कुछ सालों से पार्टी के नीति निर्धारक की भूमिका में हैं. तमाम बड़े फैसले तीनों नेताओं की सहमति पर लिए जाते हैं. बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव और नित्यानंद राय लंबे समय से बिहार में यादव वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश में जुटे हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नित्यानंद राय को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है. तेजस्वी यादव ने कहा था कि- 'जब नित्यानंद राय केंद्र में मंत्री नहीं थे, तब उनसे हमारी मुलाकात हवाई जहाज में हुई थी और उन्होंने राजद में आने की इच्छा जताई थी.'
तेजस्वी के आरोपों का नित्यानंद ने नहीं दिया है जबाव : आपको बता दें कि यादव कोटे से पहली बार नरेंद्र मोदी सरकार में रामकृपाल यादव मंत्री बने थे और उस दौर में नित्यानंद राय की नाराजगी नेतृत्व से थी. हालांकि खुले तौर पर नित्यानंद राय ने नाराजगी जाहिर नहीं की थी. बाद में रामकृपाल यादव को हटाया गया तब नित्यानंद राय कैबिनेट में शामिल हुए. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नित्यानंद राय के जरिए बिहार बीजेपी के संभावना पर ही प्रश्नचिन्ह लगाने की कोशिश की है. तेजस्वी यादव ने जहां एक ओर उनपर निशान साधा कर राय की इमेज धूमिल करने की कोशिश की. वहीं भूपेंद्र यादव की रणनीति पर भी सवाल खड़े किए.
तेजस्वी यादव ने एक तीर से कई निशाना साधा : तेजस्वी यादव ने एक तीर से कई निशाना साधा है. बिखर रहे यादव वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश की है तो अपने एक प्रतिद्वंदी के कद को छोटा करने की कोशिश भी की है. अपने वोटरों को भी तेजस्वी यादव ने यह संकेत दिया कि यादव वोट बैंक इंटेक्स है और जो भी यादव समुदाय से कद्दावर नेता हैं, वह राजद में आने की इच्छा रखते हैं. बीजेपी के आरोपों पर फिलहाल केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय की चुप पार्टी के नेताओं को भी समझ में नहीं आ रहा है. लेकिन संजय जायसवाल ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यह तो स्वीकार किया कि दोनों के बीच मुलाकात हुई थी, लेकिन तेजस्वी खुद को घोटाले से बचाना चाहते थे और इसके एवज में भाजपा को समर्थन देने के लिए तैयार थे. लेकिन भाजपा ने सरकार बनाने के लिए कंप्रोमाइज करने से मना कर दिया.
क्या कहा था तेजस्वी ने..? : "जब नित्यानंद राय केंद्र की सरकार में मंत्री नहीं बने थे तब उन्होंने मुझसे संपर्क साधा था. उन्होंने कहा था कि मुझे भाजपा में मन नहीं लग रहा है. राजद में मुझे बुला लीजिए." इसके बाद बिहार बीजेपी के बड़े नेता नित्यानंद राय के बचाव करने में जुट गए. कमान थामा बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने (Sanjay Jaiswal On Tejashwi Yadav) उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि तेजस्वी यादव चाहते थे कि भाजपा उनके परिवार के सदस्यों को भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाने से बचा ले. इसके लिए तेजस्वी भाजपा के समर्थन और राज्य में उनकी सरकार बनवाने में मदद के लिये तैयार थे. संजय जायसवाल ने नित्यानंद राय को लेकर तेजस्वी के बयान को हताशा में दिया बयान करार दिया.
"तेजस्वी यादव एक बार फ्लाइट में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय से मिले थे. उस दौरान उन्होंने, चूंकि उनके पूरे परिवार का जेल जाना निश्चित है, उन्हें जेल जाने से बचाया जाय उसमें वो भाजपा को समर्थन को तैयार हैं. भाजपा की सरकार बनाने को तैयार हैं. लेकिन भाजपा ने इसतरह का कॉम्प्रमाइज करके सरकार बनाना उचित नहीं समझा. तेजस्वी यादव का पूरा परिवार हजारों करोड़ के घोटाले में हैं उनको जेल जाना ही पड़ेगा."-संजय जायसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
संजय जायसवाल के बयान पर RJD का पलटवार : बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal On Tejashwi) के बयान पर आरजेडी ने पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि आरजेडी की गोद से राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करने वाले संजय जायसवाल और उनके जैसे अन्य मिथ्यावादी नेताओं से आरजेडी को प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है. पहली बार 2005 में लालू प्रसाद की कृपा पर आरजेडी की टिकट पर ही संजय जायसवाल बेतिया विधानसभा का चुनाव लड़े थे.
'भाजपा कभी भी तेजस्वी यादव के साथ सरकार नहीं बना सकती. तेजस्वी यादव दिवास्वप्न देख रहे हैं, उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने भले ही भाजपा और संघ के मदद से सरकार बनाई थी.' - प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
'भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल जो आरोप लगा रहे हैं, उसका प्रमाण प्रस्तुत करें. जहां तक नेता प्रतिपक्ष के बयान का सवाल है तो हम प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं. हमारे नेता लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि हम हर राजनीतिक षड्यंत्र सहने को तैयार हैं लेकिन भाजपा में नहीं मिला सकते.' - शक्ति यादव, राजद प्रवक्ता
'भाजपा जिस पर दांव लगाना चाहती थी, उस पर तेजस्वी यादव यह सवाल तो खड़ा कर दिया जिससे उनकी विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठने लगे. पूरे प्रकरण में अब तक नित्यानंद राय ने चुप्पी साध रखी है. देखना यह दिलचस्प होगा कि भाजपा डैमेज कंट्रोल कैसे करती है.' - डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक