पटना: बिहार में राबड़ी देवी की इफ्तार पार्टी (RJD Iftar Party) को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो रखी है. लालू परिवार की इस पार्टी में बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से लेकर चिराग पासवान तक पहुंचे (Nitish Participation In RJD Iftar) थे. इस बीच, वहीं लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के एक बयान से सियासत गरमा गई. दरअसल उन्होंने साफ कहा है कि सरकार बनाएंगे, खेल होगा. आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने इफ्तार पार्टी के बाद दावा किया 'सरकार बनाएंगे, खेल होगा, हमारी नीतीश जी से सीक्रेट बात हुई है. हमने नीतीश कुमार के लिए पहले नो एंट्री का बोर्ड लगा रखा था, लेकिन अब उन्हें हमने एंट्री दे दी है. अब वह आए हैं तो सरकार भी बनेगी. राजनीति में उथलपुथल होता रहता है, आज हम हैं तो कल वो हैं.'
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राजनीति से क्या संबंध - नीतीश : इन चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि इफ्तार पार्टी का राजनीतिक से कोई संबंध नहीं (Nitish Kumar dismissed the speculation over RJD Iftar party) है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहा कि यह परंपरा रही है. हमलोग भी इफ्तार पार्टी में सभी दलों के लोगों को बुलाते हैं. इफ्तार का आयोजन किया जाता है तो उसका सम्मान तो करना ही पड़ता है. उन्होंने कहा कि इफ्तार पार्टी का आयोजन सभी राजनीतिक दलों की तरफ से किया जाता है. सभी राजनीतिक दल के लोग एक दूसरे की इफ्तार पार्टी में जाते हैं. मुझे भी बुलाया गया था, तो जाने का फैसला किया, इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है.
शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर राजद द्वारा दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया गया था, जिसमें नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे. नीतीश कुमार अपने आवास से निकलकर पैदल ही राबड़ी आवास पहुंच गए थे. वहां उन्होंने राबड़ी देवी के साथ-साथ मीसा भारती, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और तेजस्वी की पत्नी राजश्री से भी मुलाकात की थी. काफी देर तक नीतीश कुमार राबड़ी आवास में रुके थे और इस दौरान तेजस्वी से उनकी बातचीत भी हुई. इस दौरान नीतीश भीड़ के कारण पत्रकारों से बात नहीं कर पाए थे. नीतीश के राबडी आवास पहुंचने के बाद राज्य की सियासत में तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे थे.
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बता दें कि 2020 विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश की पार्टी जेडीयू राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है. इस चुनाव के बाद भाजपा बडे भाई की भूमिका में है. ऐसे में जदयू को भी मालूम है कि 2025 के संभावित चुनाव के बाद भाजपा नीतीश को फिर से मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं देने वाली है. फिलहाल, शुक्रवार को सियासी गुफ्तगू देखकर लोगों के जेहन में नीतीश कुमार की जेडीयू की गठबंधन सरकार के दिनों की यादें ताजा हो गईं. यह नजारा देख सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया.
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