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COVID 19 : बिहार में विस्‍फोटक हुए हालात, केन्द्रीय टीम ने लिया हालात का जायजा

बिहार में कोरोना से रिकवरी रेट में लगातार कमी आई है. यह गिरकर राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंच गया है. राज्य का रिकवरी रेट 63 फीसदी पर पहुंच गया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 62 फीसदी है. कोरोना के बढ़ते मरीजों की रफ्तार कम नहीं हुई तो अगले एक या दो दिनों में बिहार राष्ट्रीय औसत से नीचे चला जाएगा.

team of Health Ministry arrived in Patna
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Published : Jul 19, 2020, 1:35 PM IST

Updated : Jul 19, 2020, 7:57 PM IST

पटना: बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण और स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक विशेष टीम रविवार को पटना पहुंची. केंद्रीय टीम ने राजधानी के कंटेनमेंट जोन का भी दौरा किया. साथ ही, अधिकारियों के साथ बैठक की और कोरोना के कारण उत्पन्न हालात और राज्य सरकार के द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी ली.

दो घंटे तक अधिकारियों के साथ बैठक
स्वास्थ्य मंत्रालय की केंद्रीय टीम ने पटना में करीब दो घंटे तक अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव समेत विभाग के कई अफसर मौजूद रहें. केयर और यूनिसेफ संस्था के लोग भी बैठक में शामिल हुए. हालांकि, बैठक के बारे में टीम के किसी भी सदस्य ने मीडिया से बातचीत नहीं की. हालांकि, बैठक के बाद राजधानी के राजीव नगर इलाके का टीम ने दौरा किया. बताया जा रहा है कि केंद्रीय टीम गया भी जाएगी और फिर सोमवार को दिल्ली वापस लौटेगी. गया में टीम वहां कोविड-19 के लिए डेडिकेटेड अस्पताल के साथ अन्य अस्पतालों में जाकर कोरोना जांच और इलाज को लेकर किये गए उपाय की जानकारी लेगी.

केंद्रीय टीम की बैठक खत्म

बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 26 हजार के पार
दरअसल, बिहार में कोरोना विस्फोट के हालात हैं. मरीजों की संख्या 26 हजार के पार जा चुकी है. इससे चिंतित केंद्र सरकार ने रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तीन सदस्‍यीय हाई लेवल टीम को विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में बिहार भेजा. टीम में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ. एसके सिंह और एम्स नई दिल्ली के मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल शामिल है.

team of Health Ministry arrived in Patna
मीटिंग के बाद बाहर निकलते लव अग्रवाल

लॉकडाउन के चौथे दिन सड़कों पर सन्‍नाटा
बता दें कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए सरकार ने पूरे बिहार में फिर से 16 से 31 जुलाई तक लॉकडाउन लगा दिया है. रविवार को चौथे दिन सुबह से ही सड़कों पर सन्‍नाटा पसरा दिखा. पुलिस चौक-चौराहों पर वाहनों व मास्‍क की जांच करती दिखी.

रिकवरी रेट गिरकर राष्ट्रीय औसत के करीब
बिहार में कोरोना से रिकवरी रेट में लगातार कमी आई है. यह गिरकर राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंच गया है. राज्य का रिकवरी रेट 63 फीसदी पर पहुंच गया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 62 फीसदी है. कोरोना के बढ़ते मरीजों की रफ्तार कम नहीं हुई तो अगले एक या दो दिनों में बिहार राष्ट्रीय औसत से नीचे चला जाएगा.

team of Health Ministry arrived in Patna
मीटिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग के अंदर जाती टीम

कोरोना से लड़ाई में मैदान में उतारे आईएएस, आईपीएस
बता दें कि बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को फील्ड में उतारा गया है. 2019 बैच के 4 ट्रेनी आईएएस अधिकारी पटना और भागलपुर समाहरणालय में तैनात किए गए हैं. वहीं 5 आईपीएस अफसरों को पटना समेत राज्य के बड़े कोविड अस्पतालों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए लगाया गया है.

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डीएम रवि कुमार से जानकारी लेती सेंट्रल टीम

रोजाना 20 हजार सैंपल जांच के निर्देश
राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसको लेकर राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है. बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में हर रोज 20 हजार सैंपल की जांच करने के निर्देश दिए हैं. सबसे ज्यादा राजधानी पटना में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है.

पक्ष-विपक्ष की सलाह
केंद्रीय टीम के आने से पहले ही लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान केंद्र सरकार का आभार जता चुके हैं. साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मामले पर पर केंद्र सरकार से सही जांच करने की बात कही है.

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एयरपोर्ट से निकलते संयुक्त सचिव लव अग्रवाल

स्वास्थ्य मंत्रालय की पैनी नजर
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री और बक्सर के सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने शुक्रवार को बताया था कि केंद्र एवं राज्य सरकारों ने मिलकर कोविड-19 के रोकथाम के लिए सभी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. बिहार के स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय की पैनी नजर है. चौबे ने कहा था कि मौजूदा स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक उच्चस्तरीय टीम का गठन कर दिया गया है. यही टीम रविवार को बिहार पहुंची है.

पटना: बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण और स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक विशेष टीम रविवार को पटना पहुंची. केंद्रीय टीम ने राजधानी के कंटेनमेंट जोन का भी दौरा किया. साथ ही, अधिकारियों के साथ बैठक की और कोरोना के कारण उत्पन्न हालात और राज्य सरकार के द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी ली.

दो घंटे तक अधिकारियों के साथ बैठक
स्वास्थ्य मंत्रालय की केंद्रीय टीम ने पटना में करीब दो घंटे तक अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव समेत विभाग के कई अफसर मौजूद रहें. केयर और यूनिसेफ संस्था के लोग भी बैठक में शामिल हुए. हालांकि, बैठक के बारे में टीम के किसी भी सदस्य ने मीडिया से बातचीत नहीं की. हालांकि, बैठक के बाद राजधानी के राजीव नगर इलाके का टीम ने दौरा किया. बताया जा रहा है कि केंद्रीय टीम गया भी जाएगी और फिर सोमवार को दिल्ली वापस लौटेगी. गया में टीम वहां कोविड-19 के लिए डेडिकेटेड अस्पताल के साथ अन्य अस्पतालों में जाकर कोरोना जांच और इलाज को लेकर किये गए उपाय की जानकारी लेगी.

केंद्रीय टीम की बैठक खत्म

बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 26 हजार के पार
दरअसल, बिहार में कोरोना विस्फोट के हालात हैं. मरीजों की संख्या 26 हजार के पार जा चुकी है. इससे चिंतित केंद्र सरकार ने रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तीन सदस्‍यीय हाई लेवल टीम को विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में बिहार भेजा. टीम में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ. एसके सिंह और एम्स नई दिल्ली के मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल शामिल है.

team of Health Ministry arrived in Patna
मीटिंग के बाद बाहर निकलते लव अग्रवाल

लॉकडाउन के चौथे दिन सड़कों पर सन्‍नाटा
बता दें कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए सरकार ने पूरे बिहार में फिर से 16 से 31 जुलाई तक लॉकडाउन लगा दिया है. रविवार को चौथे दिन सुबह से ही सड़कों पर सन्‍नाटा पसरा दिखा. पुलिस चौक-चौराहों पर वाहनों व मास्‍क की जांच करती दिखी.

रिकवरी रेट गिरकर राष्ट्रीय औसत के करीब
बिहार में कोरोना से रिकवरी रेट में लगातार कमी आई है. यह गिरकर राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंच गया है. राज्य का रिकवरी रेट 63 फीसदी पर पहुंच गया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 62 फीसदी है. कोरोना के बढ़ते मरीजों की रफ्तार कम नहीं हुई तो अगले एक या दो दिनों में बिहार राष्ट्रीय औसत से नीचे चला जाएगा.

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मीटिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग के अंदर जाती टीम

कोरोना से लड़ाई में मैदान में उतारे आईएएस, आईपीएस
बता दें कि बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को फील्ड में उतारा गया है. 2019 बैच के 4 ट्रेनी आईएएस अधिकारी पटना और भागलपुर समाहरणालय में तैनात किए गए हैं. वहीं 5 आईपीएस अफसरों को पटना समेत राज्य के बड़े कोविड अस्पतालों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए लगाया गया है.

team of Health Ministry arrived in Patna
डीएम रवि कुमार से जानकारी लेती सेंट्रल टीम

रोजाना 20 हजार सैंपल जांच के निर्देश
राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसको लेकर राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है. बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में हर रोज 20 हजार सैंपल की जांच करने के निर्देश दिए हैं. सबसे ज्यादा राजधानी पटना में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है.

पक्ष-विपक्ष की सलाह
केंद्रीय टीम के आने से पहले ही लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान केंद्र सरकार का आभार जता चुके हैं. साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मामले पर पर केंद्र सरकार से सही जांच करने की बात कही है.

team of Health Ministry arrived in Patna
एयरपोर्ट से निकलते संयुक्त सचिव लव अग्रवाल

स्वास्थ्य मंत्रालय की पैनी नजर
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री और बक्सर के सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने शुक्रवार को बताया था कि केंद्र एवं राज्य सरकारों ने मिलकर कोविड-19 के रोकथाम के लिए सभी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. बिहार के स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय की पैनी नजर है. चौबे ने कहा था कि मौजूदा स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक उच्चस्तरीय टीम का गठन कर दिया गया है. यही टीम रविवार को बिहार पहुंची है.

Last Updated : Jul 19, 2020, 7:57 PM IST
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