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सुशील मोदी ने सेनारी नरसंहार पर पूछे सवाल तो रोहिणी आचार्य ने सवालों की लगा दी बौछार, पढ़ें - सुशील कुमार मोदी

लालू यादव की बेटी रोहिणीऔर पूर्व डिप्टी CM सुशील मोदी फिर आमने-सामने हो गए. शुरुआत सुशील मोदी ने की. उन्होंने लिखा कि RJD बताए, सेनारी नरसंहार किसके कार्यकाल में हुआ था? इसके एक घंटे बाद जवाब में रोहिणी ने ट्वीट करके सवाल लिखा ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या किसके कार्यकाल में हुई?

sushil modi and rohini acharya
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Published : May 24, 2021, 8:49 AM IST

Updated : May 24, 2021, 9:38 AM IST

पटना : बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी और लालू यादव के बेटी रोहिणी आचार्य एक बार फिर से आमने-सामने हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और ने सेनारी नरसंहार को लेकर ट्विट किया. फिर क्या था एक घंटे के अंदर रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक ट्विट करके 15 साल के एनडीए सरकार को कठघड़े में खड़ा कर दिया.

यह भी पढ़ें - सुशील मोदी के ट्वीट पर भड़की लालू की बेटी, कहा- 'बकलोलि ना छुड़ा दिए तब देखना'

'सेनारी नरसंहार किसके कार्यकाल में हुआ'

दरअसल सुशील मोदी ने लिखा, 'राजद बताए, सेनारी नरसंहार किसके कार्यकाल में हुआ था. सेनारी नरसंहार के आरोपियों का बरी होना दुर्भाग्यपूर्ण. सेनारी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में मैं था और अपनी आंखों से लाशों के ढेर को देखा था. क्रूरता के नंगा नाच के आगे मानवता शर्मसार थी. हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद.'

  • 1/5-श्री मोदी ने कहा कि सेनारी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में मैं था और अपनी आंखों से लाशों के ढेर को देखा था। क्रूरता के नंगा नाच के आगे मानवता शर्मसार थी।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'NDA के 15 साल में एक भी नरसंहार नहीं'

बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने एक और ट्वीट कर लिखा कि 'जहां 2005 के पहले बिहार में जातीय हिंसा चरम पर थी और नरसंहारों का तांता लगा हुआ था, लक्ष्मणपुर बाथे में 58, शंकर बिगहा और बथानी टोला में 22-22 वहीं मियांपुर में 35 दलित गाजर- मूली की तरह कटे गए थे. वहीं 2005 के बाद एनडीए के 15 साल में एक भी नरसंहार नहीं हुआ'.

  • 1/3- जहां 2005 के पहले बिहार में जातीय हिंसा चरम पर थी और नरसंहारों का तांता लगा हुआ था, लक्ष्मणपुर बाथे में 58, शंकर बिगहा और बथानी टोला में 22-22 वहीं मियांपुर में 35 दलित गाजर- मूली की तरह कटे गए थे वहीं 2005 के बाद एनडीए के 15 साल के में एक भी नरसंहार नहीं हुआ।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यह भी पढ़ें - आज खुश तो बहुत होंगे NDA वाले! बस तीन ट्वीट और लालू की बेटी 'टांय-टांय फिस्स'

'ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या किसके कार्यकाल में हुआ'

इसके बाद रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक ट्विट करके 15 साल के एनडीए सरकार को कठघड़े में खड़ा कर दिया. रोहिणी आचार्य ने लिखा, 'डबल इंजन की सरकार ये बताए ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या किसके कार्यकाल में हुआ..!! मधुबनी नरसंहार कांड किसके कार्यकाल में हुआ?'

  • डबल इंजन की सरकार ये बताए..
    ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या..
    पलटू के इशारे पे..
    किसके कार्यकाल में हुआ..!!

    — Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) May 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रोहिणी आचार्य यहीं नहीं रुकी, उन्होंने आगे लिखा, 'छपरा मिड-डे मिल कांड में दर्जनों मासूम बच्चों की मौत किसके कार्यकाल में हुआ? मां के दरबार मे मासूम बच्चों पर गोलियां किसके कार्यकाल में चली.! गोपालगंज नरसंहार कांड में जेपी यादव के परिवार को गोलियों से भून दिया गया ये किसके कार्यकाल में हुआ..!! सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला किसके कार्यकाल में हुआ..'

  • डबल इंजन की सरकार ये बताए..
    सृजन घोटाला शौचालय घोटाला
    किसके कार्यकाल में हुआ..

    — Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) May 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जहानाबाद सेनारी नरसंहार: अब तक

  • 18 मार्च 1999 में यह नरसंहार हुआ था, जिसमें 34 लोगों की हत्या हुई थी.
  • साल 2002 : अनुसंधान के उपरांत पुलिस द्वारा 88 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल, 32 फरार.
  • 15 मई 2002 को 45 अभियुक्तों पर न्यायालय में आरोप गठित. दो की मौत, पांच फरार.
  • 27 अक्टूबर 2016 को 15 अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया, जबकि साक्ष्य के अभाव में 23 को रिहा कर दिया गया.
  • 15 नवंबर 2016 : निचली अदालत द्वारा सजा की बिंदु पर सुनवाई पूरी. जहानाबाद जिला अदालत ने फैसला सुनाया. 10 लोगों को फांसी और 3 लोगों को उम्रकैद की सजा.
  • 18 नवंबर 2016 : इस घटना के एक अन्य अभियुक्त दुखन राम की अलग से सुनवाई चल रही थी. उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई गई. जबकि इस घटना के प्रमुख अभियुक्त दुल्ली राम भी सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका.
  • इसके बाद निचली अदालत के फैसले की पुष्टि के लिए पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से डेथ रेफरेंस दायर किया गया.
  • दोषी द्वारिका पासवान, मुंगेश्वर यादव, बचेश कुमार सिंह व अन्य की ओर से क्रिमिनल अपील दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी.
  • शुक्रवार को कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए सभी 13 दोषियों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया.

यह भी पढ़ें - लालू की बेटी रोहिणी आचार्य का ट्विटर अकाउंट लॉक, Twitter ने मेल कर दी जानकारी

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पटना : बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी और लालू यादव के बेटी रोहिणी आचार्य एक बार फिर से आमने-सामने हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और ने सेनारी नरसंहार को लेकर ट्विट किया. फिर क्या था एक घंटे के अंदर रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक ट्विट करके 15 साल के एनडीए सरकार को कठघड़े में खड़ा कर दिया.

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'सेनारी नरसंहार किसके कार्यकाल में हुआ'

दरअसल सुशील मोदी ने लिखा, 'राजद बताए, सेनारी नरसंहार किसके कार्यकाल में हुआ था. सेनारी नरसंहार के आरोपियों का बरी होना दुर्भाग्यपूर्ण. सेनारी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में मैं था और अपनी आंखों से लाशों के ढेर को देखा था. क्रूरता के नंगा नाच के आगे मानवता शर्मसार थी. हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद.'

  • 1/5-श्री मोदी ने कहा कि सेनारी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में मैं था और अपनी आंखों से लाशों के ढेर को देखा था। क्रूरता के नंगा नाच के आगे मानवता शर्मसार थी।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'NDA के 15 साल में एक भी नरसंहार नहीं'

बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने एक और ट्वीट कर लिखा कि 'जहां 2005 के पहले बिहार में जातीय हिंसा चरम पर थी और नरसंहारों का तांता लगा हुआ था, लक्ष्मणपुर बाथे में 58, शंकर बिगहा और बथानी टोला में 22-22 वहीं मियांपुर में 35 दलित गाजर- मूली की तरह कटे गए थे. वहीं 2005 के बाद एनडीए के 15 साल में एक भी नरसंहार नहीं हुआ'.

  • 1/3- जहां 2005 के पहले बिहार में जातीय हिंसा चरम पर थी और नरसंहारों का तांता लगा हुआ था, लक्ष्मणपुर बाथे में 58, शंकर बिगहा और बथानी टोला में 22-22 वहीं मियांपुर में 35 दलित गाजर- मूली की तरह कटे गए थे वहीं 2005 के बाद एनडीए के 15 साल के में एक भी नरसंहार नहीं हुआ।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यह भी पढ़ें - आज खुश तो बहुत होंगे NDA वाले! बस तीन ट्वीट और लालू की बेटी 'टांय-टांय फिस्स'

'ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या किसके कार्यकाल में हुआ'

इसके बाद रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक ट्विट करके 15 साल के एनडीए सरकार को कठघड़े में खड़ा कर दिया. रोहिणी आचार्य ने लिखा, 'डबल इंजन की सरकार ये बताए ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या किसके कार्यकाल में हुआ..!! मधुबनी नरसंहार कांड किसके कार्यकाल में हुआ?'

  • डबल इंजन की सरकार ये बताए..
    ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या..
    पलटू के इशारे पे..
    किसके कार्यकाल में हुआ..!!

    — Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) May 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रोहिणी आचार्य यहीं नहीं रुकी, उन्होंने आगे लिखा, 'छपरा मिड-डे मिल कांड में दर्जनों मासूम बच्चों की मौत किसके कार्यकाल में हुआ? मां के दरबार मे मासूम बच्चों पर गोलियां किसके कार्यकाल में चली.! गोपालगंज नरसंहार कांड में जेपी यादव के परिवार को गोलियों से भून दिया गया ये किसके कार्यकाल में हुआ..!! सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला किसके कार्यकाल में हुआ..'

  • डबल इंजन की सरकार ये बताए..
    सृजन घोटाला शौचालय घोटाला
    किसके कार्यकाल में हुआ..

    — Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) May 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जहानाबाद सेनारी नरसंहार: अब तक

  • 18 मार्च 1999 में यह नरसंहार हुआ था, जिसमें 34 लोगों की हत्या हुई थी.
  • साल 2002 : अनुसंधान के उपरांत पुलिस द्वारा 88 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल, 32 फरार.
  • 15 मई 2002 को 45 अभियुक्तों पर न्यायालय में आरोप गठित. दो की मौत, पांच फरार.
  • 27 अक्टूबर 2016 को 15 अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया, जबकि साक्ष्य के अभाव में 23 को रिहा कर दिया गया.
  • 15 नवंबर 2016 : निचली अदालत द्वारा सजा की बिंदु पर सुनवाई पूरी. जहानाबाद जिला अदालत ने फैसला सुनाया. 10 लोगों को फांसी और 3 लोगों को उम्रकैद की सजा.
  • 18 नवंबर 2016 : इस घटना के एक अन्य अभियुक्त दुखन राम की अलग से सुनवाई चल रही थी. उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई गई. जबकि इस घटना के प्रमुख अभियुक्त दुल्ली राम भी सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका.
  • इसके बाद निचली अदालत के फैसले की पुष्टि के लिए पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से डेथ रेफरेंस दायर किया गया.
  • दोषी द्वारिका पासवान, मुंगेश्वर यादव, बचेश कुमार सिंह व अन्य की ओर से क्रिमिनल अपील दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी.
  • शुक्रवार को कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए सभी 13 दोषियों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया.

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Last Updated : May 24, 2021, 9:38 AM IST
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