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'JP सेनानियों को UP-MP की तरह पेंशन दे बिहार सरकार', सुशील मोदी की मांग - BJP targets Lalu Yadav and Nitish Kumar

बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi statement on JP Fighter Pension) ने कहा कि जेपी सेनानियों को यूपी-एमपी की तरह बिहार सरकार पेंशन दे. उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी और कांग्रेस की सरकारों ने जेपी के सम्मान में कोई काम नहीं किया. बिहार में जेपी सेनानियों को सम्मान पेंशन देने की योजना भी तब लागू हुई, जब बीजेपी सरकार में शामिल हुई. पढ़ें पूरी खबर..

बीजेपी का लालू यादव और नीतीश कुमार पर निशाना
बीजेपी का लालू यादव और नीतीश कुमार पर निशाना
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Published : Oct 12, 2022, 6:59 AM IST

पटनाः बिहार में हर एक मुद्दे को लेकर सियासी बयानबाजियां शुरू हो जा रही है. बीते दिन जेपी जयंती पर सिताब दियारा सहित प्रदेश में कई जगह कार्यक्रम हुए और जेपी के आंदोलन को लेकर कई सारी बातें भी हुई. कई नेताओं ने उन दिनों को याद किया और आंदोलन से जुड़ी अपनी स्मृतियां भी साझा की. इसी के साथ ही उस दौर के साथियों को मिलने वाला जेपी सेनानी सम्मान पेंशन और जेपी के आदर्शों को आगे बढ़ाने (Demand to increase JP fighter pension) को लेकर किये गए काम का क्रेडिट लेने की होड़ भी मची हुई. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेता एक दूसरे पर तीखे विषबाण छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने महागठबंधन पर निशाना साधते (BJP targets Lalu Yadav and Nitish Kumar) हुए का कि लालू-राबड़ी सरकार ने जेपी के सम्मान में कुछ नहीं किया. जेपी सेनानियों को यूपी-एमपी की तरह बिहार सरकार पेंशन दे.

ये भी पढ़ेंः 'बीजेपी झगड़ा लगाने वाली पार्टी'.. नागालैंड से लौटते ही अमित शाह और पीएम मोदी पर बरसे नीतीश

जेपी सेनानियों की पेंशन बढ़ाए सरकारः मोदी ने कहा कि बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में जेपी सेनानियों को 20 हजार और मध्यप्रदेश में 25 हजार रुपये मासिक पेंशन समान रूप से सभी सेनानियों को मिलती है. वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की सरकार जाते ही कांग्रेस ने यह पेंशन योजना बंद कर दी. बिहार जेपी आंदोलन की धरती रही. यहां के सेनानियों की पेंशन राशि मात्र 7,500 और 15,000 रुपये है. इसमें वृद्धि क्यों नहीं होनी चाहिए? उन्होंने कहा कि जेपी सेनानियों की पेंशन के लिए नीतीश सरकार ने बोर्ड का गठन नहीं किया. सम्मान पेंशन की पात्रता रखने वाले 50 से ज्यादा लोगों के आवेदन की सारी प्रक्रिया पूरी कर मुख्यमंत्री की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए भी उन्हें फुर्सत नहीं है.

  • PR-जेपी सेनानियों को यूपी-एमपी की तरह पेंशन दे बिहार सरकार
    PR- लालू-राबड़ी सरकार ने जेपी के सम्मान में कुछ नहीं किया
    PR-राजद-कांग्रेस की संगत में जेपी के विचारों से दूर हुए नीतीश
    PR- सिताब दियारा में अमित शाह के कार्यक्रम से जदयू में बेचैनी

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जेपी के विचारों से दूर हो रहे हैं नीतीश कुमारः सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद और सोनिया गांधी की संगत में जाने के बाद नीतीश कुमार जेपी के विचारों से दूर हो रहे हैं. जेपी की जन्मस्थली सिताब दियारा में स्मारक का निर्माण और वहां जेपी प्रतिमा का अनावरण गृह मंत्री अमित शाह के हाथों होने से जेडीयू की बेचैनी बढ़ गई है. अमित शाह के कार्यक्रम से प्रतिस्पर्धा में नीतीश कुमार ने पहली बार जेपी की पुण्यतिथि को राजकीय कार्यक्रम के रूप में मनाने की घोषणा की.

"बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में जेपी सेनानियों को 20 हजार और मध्यप्रदेश में 25 हजार रुपये मासिक पेंशन समान रूप से सभी सेनानियों को मिलती है. वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की सरकार जाते ही कांग्रेस ने यह पेंशन योजना बंद कर दी. बिहार जेपी आंदोलन की धरती रही. यहां के सेनानियों की पेंशन राशि मात्र 7,500 और 15,000 रुपये है. इसमें वृद्धि होनी चाहिए" - सुशील कुमार मोदी, सांसद राज्यसभा

ये भी पढ़ेंः निकाय चुनाव स्थगित होने के लिए जिम्मेदार CM नीतीश कुमार इस्तीफा दें- सुशील मोदी

पटनाः बिहार में हर एक मुद्दे को लेकर सियासी बयानबाजियां शुरू हो जा रही है. बीते दिन जेपी जयंती पर सिताब दियारा सहित प्रदेश में कई जगह कार्यक्रम हुए और जेपी के आंदोलन को लेकर कई सारी बातें भी हुई. कई नेताओं ने उन दिनों को याद किया और आंदोलन से जुड़ी अपनी स्मृतियां भी साझा की. इसी के साथ ही उस दौर के साथियों को मिलने वाला जेपी सेनानी सम्मान पेंशन और जेपी के आदर्शों को आगे बढ़ाने (Demand to increase JP fighter pension) को लेकर किये गए काम का क्रेडिट लेने की होड़ भी मची हुई. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेता एक दूसरे पर तीखे विषबाण छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने महागठबंधन पर निशाना साधते (BJP targets Lalu Yadav and Nitish Kumar) हुए का कि लालू-राबड़ी सरकार ने जेपी के सम्मान में कुछ नहीं किया. जेपी सेनानियों को यूपी-एमपी की तरह बिहार सरकार पेंशन दे.

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जेपी सेनानियों की पेंशन बढ़ाए सरकारः मोदी ने कहा कि बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में जेपी सेनानियों को 20 हजार और मध्यप्रदेश में 25 हजार रुपये मासिक पेंशन समान रूप से सभी सेनानियों को मिलती है. वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की सरकार जाते ही कांग्रेस ने यह पेंशन योजना बंद कर दी. बिहार जेपी आंदोलन की धरती रही. यहां के सेनानियों की पेंशन राशि मात्र 7,500 और 15,000 रुपये है. इसमें वृद्धि क्यों नहीं होनी चाहिए? उन्होंने कहा कि जेपी सेनानियों की पेंशन के लिए नीतीश सरकार ने बोर्ड का गठन नहीं किया. सम्मान पेंशन की पात्रता रखने वाले 50 से ज्यादा लोगों के आवेदन की सारी प्रक्रिया पूरी कर मुख्यमंत्री की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए भी उन्हें फुर्सत नहीं है.

  • PR-जेपी सेनानियों को यूपी-एमपी की तरह पेंशन दे बिहार सरकार
    PR- लालू-राबड़ी सरकार ने जेपी के सम्मान में कुछ नहीं किया
    PR-राजद-कांग्रेस की संगत में जेपी के विचारों से दूर हुए नीतीश
    PR- सिताब दियारा में अमित शाह के कार्यक्रम से जदयू में बेचैनी

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जेपी के विचारों से दूर हो रहे हैं नीतीश कुमारः सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद और सोनिया गांधी की संगत में जाने के बाद नीतीश कुमार जेपी के विचारों से दूर हो रहे हैं. जेपी की जन्मस्थली सिताब दियारा में स्मारक का निर्माण और वहां जेपी प्रतिमा का अनावरण गृह मंत्री अमित शाह के हाथों होने से जेडीयू की बेचैनी बढ़ गई है. अमित शाह के कार्यक्रम से प्रतिस्पर्धा में नीतीश कुमार ने पहली बार जेपी की पुण्यतिथि को राजकीय कार्यक्रम के रूप में मनाने की घोषणा की.

"बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में जेपी सेनानियों को 20 हजार और मध्यप्रदेश में 25 हजार रुपये मासिक पेंशन समान रूप से सभी सेनानियों को मिलती है. वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की सरकार जाते ही कांग्रेस ने यह पेंशन योजना बंद कर दी. बिहार जेपी आंदोलन की धरती रही. यहां के सेनानियों की पेंशन राशि मात्र 7,500 और 15,000 रुपये है. इसमें वृद्धि होनी चाहिए" - सुशील कुमार मोदी, सांसद राज्यसभा

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