पटना: निलंबित आईएएस एसएम राजू की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. छात्रवृत्ति घोटाला मामले में निगरानी विभाग ने एसएम राजू के खिलाफ अंतिम प्रपत्र सौंप दिया है. राज्य सरकार की ओर से अभियोजन के लिए स्वीकृति भी प्राप्त की जा चुकी है.
छात्रवृत्ति में बंदरबांट का मामला
यह मामला 2013-14 का है. जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति में बंदरबांट का मामला प्रकाश में आया था. आईएएस अधिकारी एसएम राजू की मिलीभगत से करोड़ों रुपए की राशि का बंदरबाट किया गया था. उनपर आंध्र प्रदेश के कॉलेज के 25 छात्रों को नियम को ताक पर रखते हुए छात्रवृत्ति दिलाने का आरोप है.
इस बाबत निगरानी विभाग ने एसएम राजू को कई बार पूछताछ के लिए तलब किया था, लेकिन निगरानी के सामने वह उपस्थित नहीं हुए. आखिरकार निगरानी को चार्जशीट करना पड़ा.
राज्य सरकार ने दी अभियोजन की स्वीकृति
निगरानी विभाग के सूत्रों ने बताया कि निगरानी ने घोटाला मामले में प्रथम दृष्टया एसएम राजू को दोषी पाया है और उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है. राज्य सरकार ने सीआरपीसी की धारा 197 के तहत उनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है. केंद्र के पास अभियोजन की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं. केंद्र से स्वीकृति मिलते हीं निलंबित आईएएस एसएम राजू के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी.
आयुर्वेद के नाम पर मिला पुरस्कार
आपको बता दें कि एसएम राजू कई जिले में डीएम और आयुक्त तक के पद को संभाल चुके हैं. वह निगरानी के समक्ष तो पेश नहीं हुए. लेकिन इस दौरान उन्होंने आयुर्वेद के नाम पर पुरस्कार भी हासिल किया. 29 अगस्त 2019 को एसएम राजू को केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली में सम्मानित भी किया. उन्होंने फेसबुक पर फोटो भी शेयर किया था.