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पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन, स्कूली बच्चों ने दी सीख

जयपुरिया स्कूल की प्रिंसिपल पूनम कुमारी सिंह ने बताया कि उनके छात्रों ने पर्यावरण बचाने की अपील करने के लिए नाटक किया है. पुस्तक मेला में फुलवारीशरीफ के नाटक मंडली की ओर से दहेज हत्या और माटी का माधव दो नाटकों की प्रस्तुति दी गई.

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Published : Nov 17, 2019, 10:23 PM IST

पटना: राजधानी के गांधी मैदान में चल रहे पुस्तक मेला में रविवार के दिन कई मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया. जयपुरिया स्कूल के बच्चों ने अपने नुक्कड़ नाटक के जरिए पर्यावरण बचाने और पानी को दूषित होने से बचाने की अपील की. बच्चों ने अपने नुक्कड़ नाटक से ये बताया कि दूषित हो रहे वातावरण के लिए हम ही जिम्मेदार हैं और इसे बचाने के लिए हमें ही ध्यान देना होगा.

पर्यावरण बचाने की अपील
जयपुरिया स्कूल की प्रिंसिपल पूनम कुमारी सिंह ने बताया कि उनके छात्रों ने पर्यावरण बचाने की अपील करने के लिए ये नाटक किया है. इस नाटक का मकसद प्रदूषण की रोक-थाम के लिए जागरुकता फैलाना है. आज के समय में हमारा पर्यावरण बहुत ही दूषित हो रहा है, दिल्ली और पटना में जिस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही है उसको देखते हुए आने वाले समय में हमारे बच्चों का जीवन बहुत मुश्किल होगा. इसलिए बच्चों को पर्यावरण का संरक्षण अपने हाथों में लेना होगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

दहेज हत्या और माटी का माधव दो नाटकों की प्रस्तुति
वहीं, पुस्तक मेला में फुलवारीशरीफ के नाटक मंडली की ओर से दहेज हत्या और माटी का माधव दो नाटकों की प्रस्तुति दी गई. दहेज के लिए बेटी की हत्या के नाटक में पात्रों ने गीत गाकर समाज को दहेज जैसे कुरीति के बारे में बताया. दूसरे नाटक माटी के माधव में कलाकारों ने मजदूरों का दर्द दिखाया. उन्होंने कहा कि कि मजदूर के घर में जब कोई बच्चा पैदा होता है तो वह बेटा या बेटी पैदा नहीं होता बल्कि मजदूर पैदा होता है. नाटक के जरिए दिखाया गया कि जब किसी मजदूर की मौत होती है तो उसके परिजनों की पीड़ा सुनने के लिए भी आसपास के लोग नहीं आते और मजदूरों की पीड़ा समाज भी नजरअंदाज करता है.

पटना: राजधानी के गांधी मैदान में चल रहे पुस्तक मेला में रविवार के दिन कई मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया. जयपुरिया स्कूल के बच्चों ने अपने नुक्कड़ नाटक के जरिए पर्यावरण बचाने और पानी को दूषित होने से बचाने की अपील की. बच्चों ने अपने नुक्कड़ नाटक से ये बताया कि दूषित हो रहे वातावरण के लिए हम ही जिम्मेदार हैं और इसे बचाने के लिए हमें ही ध्यान देना होगा.

पर्यावरण बचाने की अपील
जयपुरिया स्कूल की प्रिंसिपल पूनम कुमारी सिंह ने बताया कि उनके छात्रों ने पर्यावरण बचाने की अपील करने के लिए ये नाटक किया है. इस नाटक का मकसद प्रदूषण की रोक-थाम के लिए जागरुकता फैलाना है. आज के समय में हमारा पर्यावरण बहुत ही दूषित हो रहा है, दिल्ली और पटना में जिस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही है उसको देखते हुए आने वाले समय में हमारे बच्चों का जीवन बहुत मुश्किल होगा. इसलिए बच्चों को पर्यावरण का संरक्षण अपने हाथों में लेना होगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

दहेज हत्या और माटी का माधव दो नाटकों की प्रस्तुति
वहीं, पुस्तक मेला में फुलवारीशरीफ के नाटक मंडली की ओर से दहेज हत्या और माटी का माधव दो नाटकों की प्रस्तुति दी गई. दहेज के लिए बेटी की हत्या के नाटक में पात्रों ने गीत गाकर समाज को दहेज जैसे कुरीति के बारे में बताया. दूसरे नाटक माटी के माधव में कलाकारों ने मजदूरों का दर्द दिखाया. उन्होंने कहा कि कि मजदूर के घर में जब कोई बच्चा पैदा होता है तो वह बेटा या बेटी पैदा नहीं होता बल्कि मजदूर पैदा होता है. नाटक के जरिए दिखाया गया कि जब किसी मजदूर की मौत होती है तो उसके परिजनों की पीड़ा सुनने के लिए भी आसपास के लोग नहीं आते और मजदूरों की पीड़ा समाज भी नजरअंदाज करता है.

Intro:राजधानी पटना के गांधी मैदान में चल रहे पुस्तक मेला में रविवार के दिन कई मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया. पटना के जयपुरिया स्कूल के बच्चों ने अपने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पर्यावरण बचाने की अपील की और पानी को दूषित होने से बचाने का आह्वान किया. बच्चों ने अपने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यह बताया कि दूषित हो रहे वातावरण के लिए हम ही जिम्मेवार हैं और हमें इसे बचाने के लिए ध्यान देना होगा.


Body:जयपुरिया स्कूल, पटना की प्रिंसिपल पूनम कुमारी सिंह ने बताया कि उनके छात्रों ने पर्यावरण बचाने की अपील को लेकर नाटक किया है. इस नाटक का मकसद यह है कि आज के समय में हमारा पर्यावरण बहुत ही दूषित हो रहा है, दिल्ली और पटना में जिस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही है उसको देखते हुए आने वाले समय में हमारे बच्चों का जीवन कितना मुश्किल होगा इसलिए बच्चों को पर्यावरण का संरक्षण अपने हाथों में लेना होगा. उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर वह बच्चों के साथ जगह-जगह पर पर्यावरण बचाने के लिए नुक्कड़ नाटक करा रही है इसके साथ ही वृक्षारोपण का भी कराया जा रहा है.


Conclusion:पुस्तक मेला में नाटक मंडली फुलवारीशरीफ की ओर से दहेज के लिए हत्या और माटी का माधव दो नाटकों की प्रस्तुति दी गई. दहेज के लिए बेटी की हत्या के नाटक में पात्रों ने गीत गाकर समाज को दहेज जैसे महापाप के बारे में बताया. वही अपने दूसरे नाटक माटी के माधव में कलाकारों ने यह दिखाया कि मजदूर के घर में जब कोई बच्चा पैदा होता है तो वह बेटा या बेटी पैदा नहीं होता बल्कि मजदूर पैदा होता है. नाटक के माध्यम से या दिखाया गया कि जब कोई मजदूर मरता है तो उसके परिजनों की पीड़ा सुनने के लिए भी आसपास के लोग नहीं आते हैं और मजदूर की पीड़ा को समाज किस प्रकार नजरअंदाज करता है.
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