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हुंकार रैली के 8 साल, इस दिन PM नरेंद्र मोदी के सामने ही हुए थे स‍ीरियल बम ब्‍लास्‍ट

पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुंकार रैली के दौरान हुए बम धमाका मामले में एनआईए कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो गयी है. 8 साल बाद कोर्ट इस मामले में 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगा. पढ़ें 27 अक्टूबर 2013 को क्या हुआ था...

Gandhi Maidan Bomb Blast Case
Gandhi Maidan Bomb Blast Case
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Published : Oct 7, 2021, 12:19 PM IST

पटना: 27 अक्टूबर 2013 में पटना के एतिहासिक गांधी मैदान में हुए बम धमाके ( Gandhi Maidan Bomb Blast Case ) के मामले में एनआईए कोर्ट ( NIA Court ) में सुनवाई पूरी हो गयी है. कोर्ट इस मामले में 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगा. यानी 8 साल बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. ऐसे में ये जानन जरूरी है कि 27 अक्टूबर 2013 को पटना में क्या हुआ था और कहां-कहां धमाके हुए थे.

दरअसल, पटना के गांधी मैदान में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ( वर्तमान प्रधानमंत्री ) की हुंकार रैली कार्यक्रम था. इस वजह से गांधी मैदान और आसपास के इलाकों में भारी भीड़ मौजूद थी. भारी संख्या में लोग ट्रेनों से आ रहे थे. इस कारण पटना जंक्शन से लेकर गांधी मैदान तक भीड़ ही भीड़ मौजूद थी.

सबह के करीब 9.30 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर पहला विस्फोट हुआ. इस विस्फोट में मौके पर ही एक व्यक्ति के चीथड़े उड़ गए थे. उसी वक्त धर्मा कुली ने भागते हुए एक शख्स को पकड़ लिया. पकड़े गए व्यक्ति ने बाद में पुलिसिया पूछताछ में स्वीकार किया कि वह आतंकी इम्तियाज है और उसकी कमर में शक्तिशाली बम बंधा हुआ है.

इम्तियाज की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ चल ही रही थी कि उसी वक्‍त उसके साथी गांधी मैदान में पहुंची तीन लाख की भीड़ में ताबड़तोड़ बम विस्फोट कर रहे थे. उस समय हुंकार रैली को तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी (वर्तमान प्रधानमंत्री) संबोधित कर रहे थे. सिलसिलेवार हुए कुल 7 बम धमाकों में 6 लोग मारे गए थे और 87 लोग घायल हुए थे.

ये भी पढ़ें:गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में एक बार फिर शुरू हुई सुनवाई, जल्द होगा फैसला

कब-कब और कहां-कहां हुआ था धमाका

  • पहला धमाका: सुबह 9.30 बजे... पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नम्बर 10 के शौचालय में
  • दूसरा धमाका: सुबह 11.40 बजे... उद्योग भवन गांधी मैदान में
  • तीसरा धमाका: दोपहर 12.05 बजे... रीजेंट सिनेमा हॉल के पास
  • चौथा धमाका: दोपहर 12.10 बजे... गांधी मैदान में बापू की पुरानी प्रतिमा के पास
  • पांचवां धमाका: दोपहर 12.15 बजे... गांधी मैदान के दक्षिणी हिस्से में ट्विन टावर के पास
  • छठा धमाका: दोपहर 12.20 बजे... गांधी मैदान के पश्चिमी हिस्से में स्टेट बैंक के पास
  • सातवां धमाका: दोपहर 12.45 बजे... गांधी मैदान के चिल्ड्रेन पार्क के पास

पहला विस्फोट के बाद दो घंटे तक कहीं भी न्यूज प्लैश नहीं की गई थी, लगभग दो घंटे बाद सभी न्यूज चैनल पर ब्रेकिंग न्यूज चलने लगी. 11.40 बजे से 12.15 बजे के बीच बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन के गांधी मैदान स्थित मंच से भाषण दे रहे थे. इसी दौरान गांधी मैदान में चार विस्फोट हो चुके थे. गांधी मैदान में जब विस्फोट हो रहे थे, उसी वक्त नरेन्द्र मोदी पटना हवाई अड्डे पर उतर रहे थे.

तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और अरुण जेटली पहले ही पहुंच चुके थे. जेटली गांधी मैदान के सामने स्थित मौर्या होटल में ठहरे थे. हुंकार रैली के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जेटली ने कहा था कि मोदी की सुरक्षा व्यवस्था देख रहे गुजरात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था 'सर, हम मोदी से कह रहे हैं कि वह हवाई अड्डे पर ही रुके रहें और सभा स्थल पर नहीं आएं. रैली को रद्द करना पड़ेगा.'

इसके बावजूद रैली रद्द नहीं की गई. मोदी एयरपोर्ट से गांधी मैदान स्थित मंच पर पहुंचे. उस वक्त मंच पर मोदी, राजनाथ, अरुण जेटली, सुशील मोदी, रवि शंकर प्रसाद के अलावे बिहार बीजेपी के कई नेता मौजूद रहे. खतरे से बेखबर गांधी मैदान में मौजूद जनता नारे लगा रही थी. मोदी मंच पर आए और भाषण शुरू किया. एक तरफ मोदी भाषण दे रहे थे, तो दूसरी तरफ विस्फोट हो रहा था.

ये भी पढ़ें:गांधी मैदान बम विस्फोट मामले में तकनीकी कारणों से नहीं हुई सुनवाई

सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि उन्होंने अपने भाषण में एक बार भी विस्फोटों का जिक्र तक नहीं किया. हालांकि अपने संबोधन के अंत में उन्होंने लोगों से सुरक्षित घर पहुंचने का अनुरोध जरूर किया था. यही नहीं, कुछ घंटे बाद वे घायलों से मिलने के लिए पीएमसीएच गए थे.

इसके बाद पूरे मामले की जांच NIA को सौंपी गई. पटना सीरियल ब्लास्ट मामले की जांच के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से दो आरोप पत्र दायर किए गए. एनआइए ने एक को मृत दिखाते हुए 12 आतंकवादियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें एक नाबालिग था, जिसे गायघाट स्थित किशोर न्याय बोर्ड ने गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट और बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट दोनों मामलों में सजा सुना दी है.

एनआइए के अनुसार, पकड़े गए सभी आरोपित प्रतिबंधित संगठन सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के सदस्य हैं. ट्रायल का सामना इम्तियाज अंसारी, अजहरउद्दीन, मोजिबुल्लाह, हैदर अली, नुमान अंसारी, फकरूद्दीन, अहमद हुसैन, इफ्तिेकार, फिरोज और असलम कर रहा है.

इनमें से इम्तियाज, उमेर, अजहर, मोजिबुल्लाह और हैदर बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट में भी आरोपी था, जिसे बोधगया ब्लास्ट मामले में पटना की अदालत से आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. अजहर और उमेर रायपुर से पकड़ा गया था. जबकि अन्य रांची इलाके से पकड़े गए थे.

ये भी पढ़ें: Darbhanga Blast Update: हैदराबाद पहुंची दरभंगा ब्लास्ट की जांच की आंच, आज पहुंचेंगे रेल DSP


गौरतलब है कि बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट सात जुलाई 2013 को हुआ था, जिसमें कई बौद्ध घायल हो गए थे. इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ के रायपुर में गांधी मैदान ब्लास्ट की साजिश रची गई थी. इस ब्लास्ट का मास्टर माइंड हैदर अली और मोजिबुल्लाह था.

एनआईए के अनुसार, पटना के गांधी मैदान में घटना को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने विस्फोटक पदार्थ की खरीदारी रांची से की थी. बताया जाता है कि सभी आरोपी रांची से बस के जरिए सुबह-सुबह ही बस से पटना पहुंचे थे. हालांकि अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि हुंकार रैली को असफल बनाने के लिए आतंकियों को कहां से फंडिंग की गई थी.

पटना: 27 अक्टूबर 2013 में पटना के एतिहासिक गांधी मैदान में हुए बम धमाके ( Gandhi Maidan Bomb Blast Case ) के मामले में एनआईए कोर्ट ( NIA Court ) में सुनवाई पूरी हो गयी है. कोर्ट इस मामले में 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगा. यानी 8 साल बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. ऐसे में ये जानन जरूरी है कि 27 अक्टूबर 2013 को पटना में क्या हुआ था और कहां-कहां धमाके हुए थे.

दरअसल, पटना के गांधी मैदान में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ( वर्तमान प्रधानमंत्री ) की हुंकार रैली कार्यक्रम था. इस वजह से गांधी मैदान और आसपास के इलाकों में भारी भीड़ मौजूद थी. भारी संख्या में लोग ट्रेनों से आ रहे थे. इस कारण पटना जंक्शन से लेकर गांधी मैदान तक भीड़ ही भीड़ मौजूद थी.

सबह के करीब 9.30 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर पहला विस्फोट हुआ. इस विस्फोट में मौके पर ही एक व्यक्ति के चीथड़े उड़ गए थे. उसी वक्त धर्मा कुली ने भागते हुए एक शख्स को पकड़ लिया. पकड़े गए व्यक्ति ने बाद में पुलिसिया पूछताछ में स्वीकार किया कि वह आतंकी इम्तियाज है और उसकी कमर में शक्तिशाली बम बंधा हुआ है.

इम्तियाज की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ चल ही रही थी कि उसी वक्‍त उसके साथी गांधी मैदान में पहुंची तीन लाख की भीड़ में ताबड़तोड़ बम विस्फोट कर रहे थे. उस समय हुंकार रैली को तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी (वर्तमान प्रधानमंत्री) संबोधित कर रहे थे. सिलसिलेवार हुए कुल 7 बम धमाकों में 6 लोग मारे गए थे और 87 लोग घायल हुए थे.

ये भी पढ़ें:गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में एक बार फिर शुरू हुई सुनवाई, जल्द होगा फैसला

कब-कब और कहां-कहां हुआ था धमाका

  • पहला धमाका: सुबह 9.30 बजे... पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नम्बर 10 के शौचालय में
  • दूसरा धमाका: सुबह 11.40 बजे... उद्योग भवन गांधी मैदान में
  • तीसरा धमाका: दोपहर 12.05 बजे... रीजेंट सिनेमा हॉल के पास
  • चौथा धमाका: दोपहर 12.10 बजे... गांधी मैदान में बापू की पुरानी प्रतिमा के पास
  • पांचवां धमाका: दोपहर 12.15 बजे... गांधी मैदान के दक्षिणी हिस्से में ट्विन टावर के पास
  • छठा धमाका: दोपहर 12.20 बजे... गांधी मैदान के पश्चिमी हिस्से में स्टेट बैंक के पास
  • सातवां धमाका: दोपहर 12.45 बजे... गांधी मैदान के चिल्ड्रेन पार्क के पास

पहला विस्फोट के बाद दो घंटे तक कहीं भी न्यूज प्लैश नहीं की गई थी, लगभग दो घंटे बाद सभी न्यूज चैनल पर ब्रेकिंग न्यूज चलने लगी. 11.40 बजे से 12.15 बजे के बीच बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन के गांधी मैदान स्थित मंच से भाषण दे रहे थे. इसी दौरान गांधी मैदान में चार विस्फोट हो चुके थे. गांधी मैदान में जब विस्फोट हो रहे थे, उसी वक्त नरेन्द्र मोदी पटना हवाई अड्डे पर उतर रहे थे.

तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और अरुण जेटली पहले ही पहुंच चुके थे. जेटली गांधी मैदान के सामने स्थित मौर्या होटल में ठहरे थे. हुंकार रैली के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जेटली ने कहा था कि मोदी की सुरक्षा व्यवस्था देख रहे गुजरात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था 'सर, हम मोदी से कह रहे हैं कि वह हवाई अड्डे पर ही रुके रहें और सभा स्थल पर नहीं आएं. रैली को रद्द करना पड़ेगा.'

इसके बावजूद रैली रद्द नहीं की गई. मोदी एयरपोर्ट से गांधी मैदान स्थित मंच पर पहुंचे. उस वक्त मंच पर मोदी, राजनाथ, अरुण जेटली, सुशील मोदी, रवि शंकर प्रसाद के अलावे बिहार बीजेपी के कई नेता मौजूद रहे. खतरे से बेखबर गांधी मैदान में मौजूद जनता नारे लगा रही थी. मोदी मंच पर आए और भाषण शुरू किया. एक तरफ मोदी भाषण दे रहे थे, तो दूसरी तरफ विस्फोट हो रहा था.

ये भी पढ़ें:गांधी मैदान बम विस्फोट मामले में तकनीकी कारणों से नहीं हुई सुनवाई

सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि उन्होंने अपने भाषण में एक बार भी विस्फोटों का जिक्र तक नहीं किया. हालांकि अपने संबोधन के अंत में उन्होंने लोगों से सुरक्षित घर पहुंचने का अनुरोध जरूर किया था. यही नहीं, कुछ घंटे बाद वे घायलों से मिलने के लिए पीएमसीएच गए थे.

इसके बाद पूरे मामले की जांच NIA को सौंपी गई. पटना सीरियल ब्लास्ट मामले की जांच के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से दो आरोप पत्र दायर किए गए. एनआइए ने एक को मृत दिखाते हुए 12 आतंकवादियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें एक नाबालिग था, जिसे गायघाट स्थित किशोर न्याय बोर्ड ने गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट और बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट दोनों मामलों में सजा सुना दी है.

एनआइए के अनुसार, पकड़े गए सभी आरोपित प्रतिबंधित संगठन सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के सदस्य हैं. ट्रायल का सामना इम्तियाज अंसारी, अजहरउद्दीन, मोजिबुल्लाह, हैदर अली, नुमान अंसारी, फकरूद्दीन, अहमद हुसैन, इफ्तिेकार, फिरोज और असलम कर रहा है.

इनमें से इम्तियाज, उमेर, अजहर, मोजिबुल्लाह और हैदर बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट में भी आरोपी था, जिसे बोधगया ब्लास्ट मामले में पटना की अदालत से आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. अजहर और उमेर रायपुर से पकड़ा गया था. जबकि अन्य रांची इलाके से पकड़े गए थे.

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गौरतलब है कि बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट सात जुलाई 2013 को हुआ था, जिसमें कई बौद्ध घायल हो गए थे. इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ के रायपुर में गांधी मैदान ब्लास्ट की साजिश रची गई थी. इस ब्लास्ट का मास्टर माइंड हैदर अली और मोजिबुल्लाह था.

एनआईए के अनुसार, पटना के गांधी मैदान में घटना को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने विस्फोटक पदार्थ की खरीदारी रांची से की थी. बताया जाता है कि सभी आरोपी रांची से बस के जरिए सुबह-सुबह ही बस से पटना पहुंचे थे. हालांकि अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि हुंकार रैली को असफल बनाने के लिए आतंकियों को कहां से फंडिंग की गई थी.

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