पटना: बेगूसराय लोकसभा सीट राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुकी है. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की एंट्री ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. सीपीआई ने कन्हैया कुमार को मैदान में उतारा है. इधर राजद के स्टैंड से कन्हैया को झटका लगा है.
बेगूसराय लोकसभा सीट बिहार की हॉट सीट बन चुकी है, जिस पर पूरे देश की नजर है. वहीं, अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले दो दिग्गज नेता यहां से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. पहले बीजेपी नेता गिरिराज सिंह, तो दूसरे जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार हैं. वहीं, आरजेडी ने तनवीर हसन पर भरोसा जताया है.
शतरंज की चाल...
राजनीतिक दल शतरंज की बिसात पर मोहरे भी चल रहे हैं. महागठबंधन के नेता कन्हैया कुमार को तीसरे नंबर पर उतारने की रणनीति बना रहे हैं. आंकड़ों की अगर बात कर ले, तो बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में लगभग साढे चार लाख भूमिहार जाति के लोग हैं. इसके अलावा ढाई लाख मुसलमान, दो लाख कुर्मी कुशवाहा और डेढ़ लाख के आसपास यादवों की आबादी है.
एमवाई समीकरण
ऐसे में बीजेपी की ताकत एमवाई समीकरण है. वो इसी के बदौलत यहां से चुनाव लड़ रही है. दूसरी ओर कन्हैया को भाजपा विरोधी ताकतों से उम्मीद है. अपने प्रत्याशी के पक्ष में राजनीतिक दल लगातार दावें कर रहे हैं. लेकिन दावे में भी रणनीति छुपी हुई है.
कन्हैया की जब्त होगी जमानत
बीजेपी ने अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए कहा है कि मेरी लड़ाई महागठबंधन से है और कन्हैया कुमार का अता पता नहीं रहेगा. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि बिहार में लड़ाई दो धारा में हो रही है. तीसरी शक्ति का कोई मायने या मतलब नहीं है और कन्हैया कुमार की जमानत जब्त होना भी तय है.
बीजेपी से लड़ाई
वहीं, सीपीआई ने सबसे पहले अपना पत्ता खोला और पार्टी के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि मेरी लड़ाई भाजपा के साथ है. इधर राजद को अपने पारंपरिक वोट बैंक पर भरोसा है. राजद नेता मदन शर्मा ने कहा है कि वहां हमारे प्रत्याशी तनवीर हसन जीत हासिल करेंगे.